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हाथियों का आतंक: हाथियों के दल ने मवेशी को रौंदा, घरों को पहुंचाया नुकसान - वन विभाग

डौंडी वन परिक्षेत्र में अब हाथियों का आतंक दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. शनिवार देर रात हाथियों के दल ने गांव में हमला कर दिया. इस दौरान हाथियों ने एक मवेशी को रौंद डाला. साथ ही कई मकानों को नुकसान पहुंचाया.

Elephants killed a cattle
हाथियों का आतंक
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Published : Nov 1, 2020, 4:54 PM IST

Updated : Nov 1, 2020, 6:10 PM IST

बालोद: डौंडी रेंज में काफी दिनों से उत्पात मचा रहा चंदा हाथियों का दल ग्रामीणों को नुकसान पहुंचाने के बाद अब मवेशियों की जान भी ले रहा है. इतना ही नहीं हाथियों का दल रिहायशी इलाको में पहुंचकर घरों को भी नुकसान पहुंचा रहा है. ऐसे में ग्रामीण अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ग्रामीण में हाथियों की दहशत इस कदर है कि वे अब रतजगा कर गांव की रखवाली करने को मजबूर हैं.

बालोद में हाथियों का आतंक

पिछले 16 दिनों से डौंडी वन परिक्षेत्र के आसपास गावों में किसानों की धान की फसल तबाह करते आ रहे हाथियों का दल अब बस्ती की तरफ जाने लगा है. बीती रात जबकसा गांव के आदिवासी ग्रामीण श्रवण नुरेटी के मवेशी को हाथियों ने रौंद कर मार डाला. इसके अलावा हाथियों ने रामसिंह गौड़ नाम के एक ग्रामीण के घर को भी तोड़ दिया. हाथी के आतंक से ग्रामीणों ने जैसे-तैसे अपने पड़ोसी की छत पर चढ़कर अपनी जान बचाई. जबकसा के कई ग्रामीणों की फसलों को हाथियों ने चौपट कर दिया है. हाथियों के उत्पात के चलते ग्रामीण रात भर दहशत में रतजगा करते रहे. सुबह वन विभाग की टीम जबकसा में वस्तुस्तिथि का जायजा लेने पहुंची. बताया जा रहा है कि पिछले दो रातों से जबकसा में उत्पात मचाकर हाथियों का दल जंगल की ओर चला जाता है.

बालोद: डौंडी ब्लॉक में हाथियों ने मचाया उत्पात, बाइक और फसलों को रौंदा

वन विभाग के पास नहीं कोई उपाय

वन विभाग के पास हाथियों के आतंक से बचने का कोई ठोस फॉर्मूला नजर नहीं आ रहा है. वन विभाग केवल नुकसान का जायजा ले रहा है और ग्रामीणों को केवल समझाइश दी जा रही है. लेकिन हाथियों से अपनी जान और फसलों को बचाने के लिए कोई ट्रेनिंग या उपाय नहीं बताए जा रहे हैं. हाथियों के दल की मुखिया के कान में लगे जीपीएस की भी बैटरी खत्म हो चुकी है. जिसके बाद वन विभाग को हाथियों के लोकेशन के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ग्रामीणों की सूचना पर ही उन्हें हाथियों की स्थिति का पता लग रहा है.

मुआवजे को लेकर किसानों की बढ़ी चिंता

साल में एक बार खेत से धान की फसल के जरिये जीवन यापन करते आ रहे किसानों की चिंता इसलिए बढ़ते जा रही है कि, वे भगवान भरोसे धान उत्पादन करते हैं. यही उनका आय का जरिया है. लेकिन आफत की तरह आए हाथियों का दल फसलों को बर्बाद कर रहा है. इससे किसानों की मुसीबत बढ़ रही है. किसानों का कहना है कि जो नुकसान हमें हो रहा है उसके मुकाबले जो सरकारी मुआवजा दिया जा रहा है वो कम है.

बालोद: डौंडी रेंज में काफी दिनों से उत्पात मचा रहा चंदा हाथियों का दल ग्रामीणों को नुकसान पहुंचाने के बाद अब मवेशियों की जान भी ले रहा है. इतना ही नहीं हाथियों का दल रिहायशी इलाको में पहुंचकर घरों को भी नुकसान पहुंचा रहा है. ऐसे में ग्रामीण अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ग्रामीण में हाथियों की दहशत इस कदर है कि वे अब रतजगा कर गांव की रखवाली करने को मजबूर हैं.

बालोद में हाथियों का आतंक

पिछले 16 दिनों से डौंडी वन परिक्षेत्र के आसपास गावों में किसानों की धान की फसल तबाह करते आ रहे हाथियों का दल अब बस्ती की तरफ जाने लगा है. बीती रात जबकसा गांव के आदिवासी ग्रामीण श्रवण नुरेटी के मवेशी को हाथियों ने रौंद कर मार डाला. इसके अलावा हाथियों ने रामसिंह गौड़ नाम के एक ग्रामीण के घर को भी तोड़ दिया. हाथी के आतंक से ग्रामीणों ने जैसे-तैसे अपने पड़ोसी की छत पर चढ़कर अपनी जान बचाई. जबकसा के कई ग्रामीणों की फसलों को हाथियों ने चौपट कर दिया है. हाथियों के उत्पात के चलते ग्रामीण रात भर दहशत में रतजगा करते रहे. सुबह वन विभाग की टीम जबकसा में वस्तुस्तिथि का जायजा लेने पहुंची. बताया जा रहा है कि पिछले दो रातों से जबकसा में उत्पात मचाकर हाथियों का दल जंगल की ओर चला जाता है.

बालोद: डौंडी ब्लॉक में हाथियों ने मचाया उत्पात, बाइक और फसलों को रौंदा

वन विभाग के पास नहीं कोई उपाय

वन विभाग के पास हाथियों के आतंक से बचने का कोई ठोस फॉर्मूला नजर नहीं आ रहा है. वन विभाग केवल नुकसान का जायजा ले रहा है और ग्रामीणों को केवल समझाइश दी जा रही है. लेकिन हाथियों से अपनी जान और फसलों को बचाने के लिए कोई ट्रेनिंग या उपाय नहीं बताए जा रहे हैं. हाथियों के दल की मुखिया के कान में लगे जीपीएस की भी बैटरी खत्म हो चुकी है. जिसके बाद वन विभाग को हाथियों के लोकेशन के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ग्रामीणों की सूचना पर ही उन्हें हाथियों की स्थिति का पता लग रहा है.

मुआवजे को लेकर किसानों की बढ़ी चिंता

साल में एक बार खेत से धान की फसल के जरिये जीवन यापन करते आ रहे किसानों की चिंता इसलिए बढ़ते जा रही है कि, वे भगवान भरोसे धान उत्पादन करते हैं. यही उनका आय का जरिया है. लेकिन आफत की तरह आए हाथियों का दल फसलों को बर्बाद कर रहा है. इससे किसानों की मुसीबत बढ़ रही है. किसानों का कहना है कि जो नुकसान हमें हो रहा है उसके मुकाबले जो सरकारी मुआवजा दिया जा रहा है वो कम है.

Last Updated : Nov 1, 2020, 6:10 PM IST
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