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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा इंडोर स्टेडियम, खेल प्रतिभाओं को निखारने किया था वादा

जिले के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा देने के उद्देश्य से इंडोर स्टेडियम की सौगात मिली थी, लेकिन स्टेडियम के निर्माण में कई गड़बड़ी सामने आ रही है.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा इंडोर स्टेडियम
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Published : Sep 23, 2019, 10:02 PM IST

Updated : Sep 24, 2019, 4:28 PM IST

बालोद : खेल प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से शासन ने शहरवासियों को इंडोर स्टेडियम की सौगात दी थी, लेकिन स्टेडियम का उपयोग न के बराबर हो रहा है. यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. इसका जायजा लेने क्षेत्रीय कार्यालय नगरी प्रशासन और विकास, रायपुर के संयुक्त संचालक अधीक्षण अभियंता पीएन साहू बालोद पहुंचे.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा इंडोर स्टेडियम

इंडोर स्टेडियम के फ्लोरिंग का निरीक्षण कर अधीक्षण अभियंता ने कोट की मोटाई मापी और चार अलग-अलग फ्लोरिंग में लगाए गए टीक वुड का सैंपल भी अपने साथ ले गए.बता दें की 4 करोड़ 23 लाख रुपए की लागत से इस स्टेडियम को बनाया गया पर 6 साल बाद भी उपयोग लायक नहीं है.

पढ़ें :आजादी के 72 साल बाद भी विकास की राह में कोसों दूर है बालोद जिले का ये गांव

आज तक नहीं हुआ निर्माण

अंचल की खेल प्रतिभाओं को आज खुले मैदान या फिर अन्यत्र जगहों का सहारा लेना पड़ रहा है. जिले के युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से वुडन फ्लोरिंग में कई विशेष खेल संचालित किए जाने हैं, लेकिन आज तक इसका निर्माण नहीं हो पाया है.

स्टेडियम में 38 मिलीमीटर सागौन लकड़ी के बजाय 36 मिलीमीटर लकड़ी के बुरादे से बनी प्लाई लगाई गई है. डामर की जगह थर्माकोल की परत से फ्लोरिंग किया गया है.

2016 में मामले का हुआ था खुलासा

साल 2015 में पहली किस्त के रूप में 27 लाख 58 हजार का भुगतान कर दिया गया. साल 2016 में मामले का खुलासा हुआ, तो तत्कालीन कलेक्टर को इसकी शिकायत की गई. जांच समिति में वन मंडल अधिकारी, वन मंडल बालोद कार्यपालन अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग को शामिल किया गया, जिसमें जांच में शिकायत सही मिली.

पढें : दुखद: नहीं रहे छत्तीसगढ़ के 'गांधी', प्रोफेसर पीडी खेरा का निधन

नियमों को दरकिनार कर किया कार्य

स्टेडियम का कार्य मेसर्स नाकोड़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया था. इस स्टीमेट के अनुसार उन्हें टीकवुड लगाने को कहा गया था, लेकिन यहां पर नियमों को दरकिनार करते हुए कार्य किया गया. मामले में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है.

बालोद : खेल प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से शासन ने शहरवासियों को इंडोर स्टेडियम की सौगात दी थी, लेकिन स्टेडियम का उपयोग न के बराबर हो रहा है. यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. इसका जायजा लेने क्षेत्रीय कार्यालय नगरी प्रशासन और विकास, रायपुर के संयुक्त संचालक अधीक्षण अभियंता पीएन साहू बालोद पहुंचे.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा इंडोर स्टेडियम

इंडोर स्टेडियम के फ्लोरिंग का निरीक्षण कर अधीक्षण अभियंता ने कोट की मोटाई मापी और चार अलग-अलग फ्लोरिंग में लगाए गए टीक वुड का सैंपल भी अपने साथ ले गए.बता दें की 4 करोड़ 23 लाख रुपए की लागत से इस स्टेडियम को बनाया गया पर 6 साल बाद भी उपयोग लायक नहीं है.

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आज तक नहीं हुआ निर्माण

अंचल की खेल प्रतिभाओं को आज खुले मैदान या फिर अन्यत्र जगहों का सहारा लेना पड़ रहा है. जिले के युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से वुडन फ्लोरिंग में कई विशेष खेल संचालित किए जाने हैं, लेकिन आज तक इसका निर्माण नहीं हो पाया है.

स्टेडियम में 38 मिलीमीटर सागौन लकड़ी के बजाय 36 मिलीमीटर लकड़ी के बुरादे से बनी प्लाई लगाई गई है. डामर की जगह थर्माकोल की परत से फ्लोरिंग किया गया है.

2016 में मामले का हुआ था खुलासा

साल 2015 में पहली किस्त के रूप में 27 लाख 58 हजार का भुगतान कर दिया गया. साल 2016 में मामले का खुलासा हुआ, तो तत्कालीन कलेक्टर को इसकी शिकायत की गई. जांच समिति में वन मंडल अधिकारी, वन मंडल बालोद कार्यपालन अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग को शामिल किया गया, जिसमें जांच में शिकायत सही मिली.

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नियमों को दरकिनार कर किया कार्य

स्टेडियम का कार्य मेसर्स नाकोड़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया था. इस स्टीमेट के अनुसार उन्हें टीकवुड लगाने को कहा गया था, लेकिन यहां पर नियमों को दरकिनार करते हुए कार्य किया गया. मामले में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है.

Intro:बालोद।

बालोद जिले की खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए शासन द्वारा इंदौर स्टेडियम की सौगात बालोद जिले को दी गई थी परंतु यह स्टेडियम जिसका उपयोग आज ना के बराबर हो रहा है और यह स्टेडियम भ्रष्टाचार की भेंट भी चढ़ चुका है इंडोर स्टेडियम के वुडन फ्लोरिंग में भरा शाही और भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए क्षेत्रीय कार्यालय नगरी प्रशासन एवं विकास रायपुर के संयुक्त संचालक अधीक्षण अभियंता पी एन साहू बालोद पहुंचे इंडोर स्टेडियम के फ्लोरिंग का निरीक्षण कर अधीक्षण अभियंता ने दी कोट की मोटाई मापी और चार अलग-अलग फ्लोरिंग में लगाए गए टीक वुड का सैंपल भी अपने साथ ले गए यह एक बड़ा भ्रष्टाचार है 4 करोड़ 23 लाख रुपये की लागत से इसे बनाया गया पर आज यह 6 साल बाद भी उपयोग लायक नहीं है।


Body:वीओ - 6 साल हो गए 4 करोड़ 23 लाख रुपए खर्च भी हो गए फिर भी स्टेडियम का काम पूर्ण नहीं हो पाया है अंचल के खेल प्रतियोगिताओं को आज खुले मैदान या फिर अन्यत्र जगहों का सहारा लेना पड़ रहा है खेल प्रतिभाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहे हैं यहां तो भ्रष्टाचार के नाम पर लूट मच गई नगर पालिका परिषद बालोद के जवाहर पारा वार्ड क्रमांक 11 में 6 साल पहले 2013 में इंडोर स्टेडियम का निर्माण शुरू हुआ था इसका उद्देश्य था बालोतान जल की खेल युवा प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम दिलाना यहां वुडन फ्लोरिंग में कई विशेष खेल संचालित किए जाने हैं परंतु आज तक इसका निर्माण नहीं हो पाया है।

वीओ - यहां पर 48 मिली मीटर सागौन लकड़ी के बजाय 8 मिलीमीटर लकड़ी के बुरादे से बनी अप्लाई लगाई गई डामर की जगह थर्माकोल की परत पर इसको फ्लोरिंग कर दिया गया नियमों को दरकिनार करते हुए यहां पर कार्य किया गया है 5623000 का माप पुस्तिका में कार्य को दर्ज कराया गया है 2015 में प्रथम किस्त के रूप में 27 लाख 58000 का भुगतान कर दिया गया। वर्ष 2016 में मामले का खुलासा हुआ और तत्कालीन कलेक्टर को इसकी शिकायत की गई जांच समिति में वन मंडल अधिकारी वन मंडल बालोद कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग को शामिल किया गया जिसमें जांच को सही पाया गया।

वीओ - उक्त कार्य मेसर्स नाकोड़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया गया था इस स्टीमेट के अनुसार उन्हें टीकवुड लगाने कहा गया था परंतु यहां पर नियमों को दरकिनार कर कार्य करते हुए करोड़ों रुपए का वारा न्यारा किया गया है।


Conclusion:अधीक्षण अभियंता द्वारा वुडन फ्लोरिंग को बारीकी से जांच किया गया और सैंपल ले जाए गए परंतु मौके पर उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया उनका कहना था कि जो जांच प्रतिवेदन आए थे उसके अनुसार हम जांच करने आए हुए हैं इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण आज बालोद जिले को इंदौर स्टेडियम की सौगात नहीं मिल पा रही है यही खेल आज खुले में संचालित हो रहे हैं जिसके चलते कहीं ना कहीं युवाओं को क्षुब्ध होना पड़ता है।

बाइट - नितेश वर्मा, पार्षद

बाइट - पीएन साहू, अधीक्षण अभियंता, क्षेत्रीय कार्यालय नगरीय प्रशासन एवं विकास
Last Updated : Sep 24, 2019, 4:28 PM IST
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