बालोद : खेल प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से शासन ने शहरवासियों को इंडोर स्टेडियम की सौगात दी थी, लेकिन स्टेडियम का उपयोग न के बराबर हो रहा है. यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. इसका जायजा लेने क्षेत्रीय कार्यालय नगरी प्रशासन और विकास, रायपुर के संयुक्त संचालक अधीक्षण अभियंता पीएन साहू बालोद पहुंचे.
इंडोर स्टेडियम के फ्लोरिंग का निरीक्षण कर अधीक्षण अभियंता ने कोट की मोटाई मापी और चार अलग-अलग फ्लोरिंग में लगाए गए टीक वुड का सैंपल भी अपने साथ ले गए.बता दें की 4 करोड़ 23 लाख रुपए की लागत से इस स्टेडियम को बनाया गया पर 6 साल बाद भी उपयोग लायक नहीं है.
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आज तक नहीं हुआ निर्माण
अंचल की खेल प्रतिभाओं को आज खुले मैदान या फिर अन्यत्र जगहों का सहारा लेना पड़ रहा है. जिले के युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से वुडन फ्लोरिंग में कई विशेष खेल संचालित किए जाने हैं, लेकिन आज तक इसका निर्माण नहीं हो पाया है.
स्टेडियम में 38 मिलीमीटर सागौन लकड़ी के बजाय 36 मिलीमीटर लकड़ी के बुरादे से बनी प्लाई लगाई गई है. डामर की जगह थर्माकोल की परत से फ्लोरिंग किया गया है.
2016 में मामले का हुआ था खुलासा
साल 2015 में पहली किस्त के रूप में 27 लाख 58 हजार का भुगतान कर दिया गया. साल 2016 में मामले का खुलासा हुआ, तो तत्कालीन कलेक्टर को इसकी शिकायत की गई. जांच समिति में वन मंडल अधिकारी, वन मंडल बालोद कार्यपालन अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग को शामिल किया गया, जिसमें जांच में शिकायत सही मिली.
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नियमों को दरकिनार कर किया कार्य
स्टेडियम का कार्य मेसर्स नाकोड़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया था. इस स्टीमेट के अनुसार उन्हें टीकवुड लगाने को कहा गया था, लेकिन यहां पर नियमों को दरकिनार करते हुए कार्य किया गया. मामले में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है.