बालोद: धान खरीदी केंद्रों में इन दिनों किसान शासन-प्रशासन से खासे नाराज नजर आ रहे हैं. किसान धान खरीदी को लेकर टोकन कटाने आए थे, लेकिन किसानों को टोकन नहीं मिल पा रहा है. इससे किसान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने जो टोकन के लिए सॉफ्टवेयर डवलप किया है, वह सॉफ्टवेयर काम ही नहीं कर रहा है, किसानों का कहना है कि यह सॉफ्टवेयर अब हमारे लिए मुसीबत बन गया है.
धान खरीदी केंद्रों में कोई व्यवस्था नहीं
कृषक मोहन कलिहारी का कहना है कि सरकार ने वैसे भी देर से धान खरीदी करने का फैसला लिया है. पहले 1 नवंबर और 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार 1 दिसंबर से धान खरीदी की जा रही है, लेकिन धान खरीदी केंद्रों में कोई व्यवस्था भी नहीं है, जिसके कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
किसानों ने सरकार पर लगाया आरोप
किसानों का कहना है कि 'हम सुबह 7 बजे से आए हुए हैं, लेकिन हमें अब तक टोकन नहीं मिला है. हम काम-धाम छोड़कर यह टोकन कटाने आए हैं, लेकिन समस्याएं ही समस्याएं हैं. वहीं किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने 2500 रुपए में धान खरीदी की बात कही थी, लेकिन अब 1815 रुपए में धान खरीदा जा रहा है.
शाखा में नहीं है सॉफ्टवेयर की सुविधा
वहीं शाखा प्रबंधक मधुसूदन देशमुख ने बताया कि सुबह से किसानों की भीड़ लगी है, लेकिन शाखा में अभी तक सॉफ्टवेयर नहीं आया है. इससे अभी शाखा में किसानों का धान नहीं खरीदी जा रही है.