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धान खरीदी केंद्र में किसानों का हंगामा, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

धान खरीदी केंद्रों में टोकन नहीं मिलने से किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ ही किसानों ने सरकार पर 2500 का वादा कर के 1850 में धान खरीदने का आरोप भी लगाया है.

धान खरीदी केंद्र में किसानों का हंगामा
धान खरीदी केंद्र में किसानों का हंगामा
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Published : Nov 29, 2019, 7:19 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 11:45 PM IST

बालोद: धान खरीदी केंद्रों में इन दिनों किसान शासन-प्रशासन से खासे नाराज नजर आ रहे हैं. किसान धान खरीदी को लेकर टोकन कटाने आए थे, लेकिन किसानों को टोकन नहीं मिल पा रहा है. इससे किसान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

धान खरीदी केंद्र में किसानों का हंगामा

किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने जो टोकन के लिए सॉफ्टवेयर डवलप किया है, वह सॉफ्टवेयर काम ही नहीं कर रहा है, किसानों का कहना है कि यह सॉफ्टवेयर अब हमारे लिए मुसीबत बन गया है.

धान खरीदी केंद्रों में कोई व्यवस्था नहीं
कृषक मोहन कलिहारी का कहना है कि सरकार ने वैसे भी देर से धान खरीदी करने का फैसला लिया है. पहले 1 नवंबर और 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार 1 दिसंबर से धान खरीदी की जा रही है, लेकिन धान खरीदी केंद्रों में कोई व्यवस्था भी नहीं है, जिसके कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

किसानों ने सरकार पर लगाया आरोप
किसानों का कहना है कि 'हम सुबह 7 बजे से आए हुए हैं, लेकिन हमें अब तक टोकन नहीं मिला है. हम काम-धाम छोड़कर यह टोकन कटाने आए हैं, लेकिन समस्याएं ही समस्याएं हैं. वहीं किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने 2500 रुपए में धान खरीदी की बात कही थी, लेकिन अब 1815 रुपए में धान खरीदा जा रहा है.

शाखा में नहीं है सॉफ्टवेयर की सुविधा
वहीं शाखा प्रबंधक मधुसूदन देशमुख ने बताया कि सुबह से किसानों की भीड़ लगी है, लेकिन शाखा में अभी तक सॉफ्टवेयर नहीं आया है. इससे अभी शाखा में किसानों का धान नहीं खरीदी जा रही है.

बालोद: धान खरीदी केंद्रों में इन दिनों किसान शासन-प्रशासन से खासे नाराज नजर आ रहे हैं. किसान धान खरीदी को लेकर टोकन कटाने आए थे, लेकिन किसानों को टोकन नहीं मिल पा रहा है. इससे किसान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

धान खरीदी केंद्र में किसानों का हंगामा

किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने जो टोकन के लिए सॉफ्टवेयर डवलप किया है, वह सॉफ्टवेयर काम ही नहीं कर रहा है, किसानों का कहना है कि यह सॉफ्टवेयर अब हमारे लिए मुसीबत बन गया है.

धान खरीदी केंद्रों में कोई व्यवस्था नहीं
कृषक मोहन कलिहारी का कहना है कि सरकार ने वैसे भी देर से धान खरीदी करने का फैसला लिया है. पहले 1 नवंबर और 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार 1 दिसंबर से धान खरीदी की जा रही है, लेकिन धान खरीदी केंद्रों में कोई व्यवस्था भी नहीं है, जिसके कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

किसानों ने सरकार पर लगाया आरोप
किसानों का कहना है कि 'हम सुबह 7 बजे से आए हुए हैं, लेकिन हमें अब तक टोकन नहीं मिला है. हम काम-धाम छोड़कर यह टोकन कटाने आए हैं, लेकिन समस्याएं ही समस्याएं हैं. वहीं किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने 2500 रुपए में धान खरीदी की बात कही थी, लेकिन अब 1815 रुपए में धान खरीदा जा रहा है.

शाखा में नहीं है सॉफ्टवेयर की सुविधा
वहीं शाखा प्रबंधक मधुसूदन देशमुख ने बताया कि सुबह से किसानों की भीड़ लगी है, लेकिन शाखा में अभी तक सॉफ्टवेयर नहीं आया है. इससे अभी शाखा में किसानों का धान नहीं खरीदी जा रही है.

Intro:बालोद -

जिले के धान खरीदी केंद्रों में इन दिनों किसान शासन प्रशासन से खासे नाराज हैं और सरकार के खिलाफ लामबंद होने जा रहे हैं टोकन कटाने आए किसानों को टोकन नहीं मिल पा रहा है हजारों किसानों के ऋण पुस्तिकाओं की थप्पी लगी हुई है किसानों का कहना है कि यहाँ सॉफ्टवेयर काम ना करने की बात किसानों को कही जा रही है और किसान का कहना है कि यहां सरकार वैसे ही देर से धान खरीद रही है और अब टोकन के संबंध में इस तरह की समस्या आ रही है किसान इस दौरान खासे नाराज नज़र आये और शासन - प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई पूरा मामला बालोद धान खरीदी केंद्र का है।



Body:वीओ - कृषक मोहन कलिहारी ने बताया कि कृषक वैसे भी मेहनत करके धान उपजाते हैं सरकार ने देर से धान खरीदी करने का फैसला लिया है पहले 1 नवंबर और 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी पर इस बार एक दिसंबर जे धान खरीदी की जा रही है और धान खरीदी केंद्रों में व्यवस्था भी नहीं है जिसके कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है हजारों प्रिंट पुस्तिकाओं को जमा कराया गया है परंतु टोकन नहीं मिल पाया है अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि सॉफ्टवेयर काम नहीं करने के कारण यह समस्या आ रही है आखिर कब तक हमें इंतजार करना पड़ेगा।

वीओ - कृष्ण लीला राम साहू ने बताया कि यहां हम सुबह 7:00 बजे से आए हुए हैं परंतु हमें अब तक टोकन नहीं मिला है हम काम-धाम छोड़कर यह टोकन कटाने आए हैं परंतु समस्याएं ही समस्याएं हैं अब तो हमारा रकबा भी कम किया जा रहा है जिस कारण हम सब को दिक्कतें होंगी आखिर सरकार किसानों के साथ ऐसा चल क्यों कर रही है समझ से परे है 25 सौ में धान खरीदी की बात कही गई थी अब 1815 रुपये में धान खरीदा जा रहा है।


Conclusion:ज्ञात हो कि सुबह से किसानोंकी भीड़ लगी है और सॉफ्टवेयर में समस्या के गाना दुकान नहीं मिल पाया किसानों द्वारा जमकर नारेबाजी भी की गई और शासन प्रशासन पर भी सवाल उठाया गया।

बाइट - लीलाराम साहू, कृषक बघमारा

बाइट - मोहन कलिहारी, कृषक नयापारा बालोद

बाइट - मधुसूदन देशमुख, शाखा प्रबंधक
Last Updated : Nov 29, 2019, 11:45 PM IST
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