बालोद: बालोद जिले में बम्हनी गांव है. यहां के स्टूडेंट्स गांव सहित स्कूल की समस्या को लेकर बालोद कलेक्ट्रेट पहुंचे. उन्होंने कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया और समस्याओं के निराकरण की मांग की है. स्कूली छात्रों ने बताया कि उनके स्कूल की छत जर्जर है. कक्षाओं में बैठने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ता है.
स्कूल जाने में होती है देरी: बालोद पहुंचे स्कूली छात्र छात्राओं ने ईटीवी भारत को बताया कि सड़क इतनी खराब है कि जहां से हम स्कूल जाते हैं, साइकिल भी ढंग से नहीं चल पाती है. सड़क तो गायब हो गई है. केवल हर जगह गंदगी और गड्ढे नजर आते हैं. यही कारण है कि हमें स्कूल तक पहुंचने में तय समय से ज्यादा लगता है. स्कूल जाने में देरी हो जाती है. कई बार तो हम बिना पढ़े ही वापस आ जाते हैं.
छत से टकपता है पानी: छात्र छात्राओं ने बताया कि स्कूल की छत का प्लास्टर गिर गया है. यहां की छत टपकने लगती है. बारिश का मौसम है. हमें टपकती छत के साथ ही बारिश को बर्दाश्त करते हुए पढ़ाई करना पड़ रहा है.
भीग जाती है किताबें: स्कूल की छात्र छात्राओं ने बताया कि छत टपकने के कारण उनकी किताबें भीग जाती है. लगातार हो रही बारिश से छत से पानी टपकता है. हमें इस बात की चिंता सताने लगती है कि इतने दिनों की मेहनत जो हमने कॉपियों में उतारी है, उसे आखिर सहेज कर कहां रखें.
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सभी पहुंचे थे एक साथ: सभी छात्र छात्राएं एक साथ पहुंचे हुए थे. इसमें आंगनबाड़ी के बच्चे भी शामिल थे. सभी की एक ही समस्या है कि गांव की मूलभूत समस्याओं को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शिक्षा हमारा अधिकार है लेकिन हमें शिक्षा ग्रहण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
गांव में भी है समस्या: स्कूली बच्चों के साथ ग्रामीण भी वहां पहुंचे. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में काफी समस्याएं हैं. हम वनांचल क्षेत्र से आते हैं. हमारी देखरेख करने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों ने कहा कि यदि समय पर समस्याओं का निराकरण नहीं होता है तो आंदोलन करेंगे.