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बच्चे की मौत पर भी नहीं मानवीयता, अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन मौन

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Published : May 29, 2020, 3:25 PM IST

गुंडरदेही के क्वॉरेंटाइन संटर में बच्चे की मौत के बाद भी प्रशासन जागने का नाम नहीं ले रहा है. पहले बच्चे का कोरोना टेस्ट करवाया गया जिसकी रिपोर्ट नहीं आई थी. इसके बाद बच्चे का पोस्टमार्टम भी किया गया. इस दौरान कोई भी सक्षम डॉक्टर मौजूद नहीं रहा.

children died in gunderdehi quarantine center at balod
बच्चे की मौत पर प्रशासन चुप

बालोद : जिले के गुंडरदेही विकासखंड के अंतर्गत ग्राम टटेंगा में 4 महीने के एक बच्चे की गुरुवार को मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद बच्चे का कोरोना टेस्ट का करवाया गया. अभी बच्चे की रिपोर्ट आनी बाकी है. रिपोर्ट आने और इतने हंगामे के बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन गहरी नींद में सोया हुआ है. बच्चे के परिजनों ने अस्पताल में डॉक्टरों के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है. वहीं प्रशासन और पुलिस अधिकारी भी अस्पताल प्रबंधन के सुस्त रवैया को लेकर परेशान नजर आए.

बच्चे की मौत पर भी नहीं संवेदना
बता दें गुरूवार की दोपहर 12 बजे बच्चे के परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां पर प्रशासन के अधिकारी समेत तहसीलदार, नायब तहसीलदार मौजूद रहे. लेकिन अस्पताल के डॉक्टर ने परिजन से मुलाकात भी नहीं की. प्रशासन के बार-बार पूछने के बाद डॉक्टर बाहर आए और बच्चे के पोस्टमार्टम की बात कही. पोस्टमार्टम की बात पर परिजन आक्रोशित हो गए. प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद परिजन शांत हुए. प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे का पोस्टमार्टम किया. लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान भी कोई भी सक्षम डॉक्टर मौजूद नहीं रहा. सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस की टीम भी मौजूद रही.

पढ़ें : 4 महीने के मासूम की मौत, बेबस मां के हाथों से शव लेते पुलिसवालों के भी कांप गए हाथ

क्या है पूरा मामला

बता दें गुंडरदेही विकासखंड के टटेंगा गांव में क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए एक 4 महीने के मासूम बच्चे की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक क्वॉरेंटाइन में रहते हुए बच्चे की तबीयत बिगड़ी थी. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया था. साथ ही विधायक ने भी मामले को संज्ञान में लिया है और अपनी टीम को मामले को समझने के लिए जिला अस्पताल भेजा. जहां मामले की उच्च स्तरीय जांच को लेकर विधायक प्रतिनिधियों ने कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा था.

बालोद : जिले के गुंडरदेही विकासखंड के अंतर्गत ग्राम टटेंगा में 4 महीने के एक बच्चे की गुरुवार को मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद बच्चे का कोरोना टेस्ट का करवाया गया. अभी बच्चे की रिपोर्ट आनी बाकी है. रिपोर्ट आने और इतने हंगामे के बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन गहरी नींद में सोया हुआ है. बच्चे के परिजनों ने अस्पताल में डॉक्टरों के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है. वहीं प्रशासन और पुलिस अधिकारी भी अस्पताल प्रबंधन के सुस्त रवैया को लेकर परेशान नजर आए.

बच्चे की मौत पर भी नहीं संवेदना
बता दें गुरूवार की दोपहर 12 बजे बच्चे के परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां पर प्रशासन के अधिकारी समेत तहसीलदार, नायब तहसीलदार मौजूद रहे. लेकिन अस्पताल के डॉक्टर ने परिजन से मुलाकात भी नहीं की. प्रशासन के बार-बार पूछने के बाद डॉक्टर बाहर आए और बच्चे के पोस्टमार्टम की बात कही. पोस्टमार्टम की बात पर परिजन आक्रोशित हो गए. प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद परिजन शांत हुए. प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे का पोस्टमार्टम किया. लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान भी कोई भी सक्षम डॉक्टर मौजूद नहीं रहा. सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस की टीम भी मौजूद रही.

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क्या है पूरा मामला

बता दें गुंडरदेही विकासखंड के टटेंगा गांव में क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए एक 4 महीने के मासूम बच्चे की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक क्वॉरेंटाइन में रहते हुए बच्चे की तबीयत बिगड़ी थी. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया था. साथ ही विधायक ने भी मामले को संज्ञान में लिया है और अपनी टीम को मामले को समझने के लिए जिला अस्पताल भेजा. जहां मामले की उच्च स्तरीय जांच को लेकर विधायक प्रतिनिधियों ने कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा था.

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