बालोद: अनलॉक होने के बाद भी प्रदेश के डीजे, साउंड सिस्टम, धमाल पार्टी, बैंड पार्टी, और लाइट डेकोरेशन वालों को आजतक अपना व्यवसाय शुरू करने की अनुमति नहीं मिल पाई है. संचालकों ने कई बार प्रशासन से व्यवसाय शुरू करने की अनुमति देने की मांग की, जिसपर अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. प्रशासन की अनदेखी से परेशान संचालकों ने प्रशासन को आत्मदाह की चेतावनी दी है.
शुक्रवार को बड़ी संख्या में टेंट, डीजे, माइक, धमाल संचालक शहर में एकत्रित होकर अपनों मांगो को लेकर दोबारा आंदोलन करने की रणनीति बना रहे थे. इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस की टीम उन्हें SDM के पास के पास ले गए, जहां कोई बात नहीं बनी. संचालकों का कहना जब शराब दुकान, मॉल आदि चीजें खुल गई है तो हम टेंट और साउंड सिस्टम का व्यापार करने वाले लोगों को अब तक क्यों अनुमति नहीं दी गई है. उन्होंने बताया कि करीब 7 महीनों से व्यवसाय ठप पड़ा है, जिसके चलते उनकी रोजी-रोटी संकट में है. वहीं भारी कर्ज के चलते वे परेशान हैं. प्रशासन से मांग करते हुए टेंट और साउंड व्यवसायियों ने कहा कि उनका कर्ज माफ कराया जाए और जो लोन की कीमत है उसके ब्याज में भी छूट दिलाई जाए.
कर्ज में डूबे छोटे व्यापारी
धमाल कल्याण संघ के अध्यक्ष पुष्कर ठाकुर ने बताया कि अनलॉक के बाद से ही वे अपने काम को शुरू करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि एक के बाद एक त्योहार बीतते जा रहे हैं.वहीं प्रशासन की ओर से नवरात्रि में भी अनुमति नहीं दी गई. इधर अगले महीनों से शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा. लेकिन अब तक प्रशासन ने इस पर कोई आदेश नहीं दिए हैं. ऐसे में आर्थिक परेशानियों और परिवार चलाना और भी मुश्किल हो गया है.
पढ़ें: डीजे और साउंड सर्विस वालों का फूटा गुस्सा, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
आत्मदाह की दी चेतावनी
संचालकों का कहना है कि इससे पहले भी अनुविभागीय अधिकारी से मिलकर हमने अपनी बात रखी थी, जिसपर शुक्रवार को निर्णय लेने के लिए कहा गया था. हम प्रशासन के निर्णय के इंतजार में थे, लेकिन निर्णय हमारे पक्ष में नहीं आया है. उनका कहना है कि अब हमारे पास आत्मदाह के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है. हम पूरी तरह कर्ज में डूब चुके हैं. नवरात्रि जैसे पवित्र पर्व में भी हमें कार्य करने की इजाजत नहीं दी गई है, जबकि बड़े-बड़े संस्थान और शराब दुकान समेत नेताओं के नेतागिरी वाले भाषण कार्यक्रम सब चल रहे हैं और हमें सोशल डिस्टेंसिंग निभाने की सीख दी जा रही है.
परिवार के साथ धरने पर बैठने की चेतावनी
गुंडरदेही, दल्ली राजहरा, सहित गुरुर और अन्य क्षेत्रों से आए संचालकों ने कहा कि प्रशासन से हमें किसी तरह का सहयोग नहीं मिल पा रहा है. पिछले 6 महीने से हमारा काम बंद है. ऐसे में अब हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है. हम अपने परिवार के साथ धरने पर बैठेंगे.