बालोद: छत्तीसगढ़ का बालोद जिले से जल संसाधन विभाग के माध्यम से दुर्ग, भिलाई और राजनांदगांव में भी पानी की सप्लाई की जाती है. तांदुला, खरखारा गोंदली, जैसे जलाशयों से पेयजल के लिए इन निकायों को सप्लाई की जाती है.आपको जानकर हैरानी होगी कि इन शहरों ने बालोद जल संसाधन विभाग (Balod Water Resources) को पानी का पैसा अब तक नहीं दिया है. अब बालोद जल संसाधन विभाग कर्ज के तले डूब गया है. समय रहते बकाया राशि नहीं चुकाई जाती है तो आने वाले समय में इन शहरों में रहने वाले लोगों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ सकता है.
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बालोद के जिला जलसंसाधन अधिकारी जेके चंद्राकर ने बताया कि बालोद नगर पालिका का 8 लाख 21 हजार 463 रुपये बकाया है. भिलाई नगर निगम का 3076.01 लाख, राजनांदगांव नगर निगम का 175.08 लाख, दुर्ग नगर निगम का 1364.51 लाख बकाया है. जिसे भुगतान करने अबतक किसी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिस हिसाब से अनुबंध किया गया है, उसके मुताबिक निकाय काम नहीं कर पा रहे हैं. इन चारों प्रमुख निकायों में बालोद जिले के बालोद नगर पालिका ने कुछ दिन पहले 200000 लाख जल संसाधन विभाग को जमा किया था.
देना पड़ रहा पेनाल्टी
नगरीय निकायों द्वारा बालोद जल संसाधन विभाग को पैसा जमा नहीं किया गया है. इसके कारण उन्हें इस राशि के बदले भारी-भरकम ब्याज देना पड़ रहा है. 24 फीसदी पेनाल्टी यहां पर सरकार द्वारा लगाई गई है, लेकिन निकायों द्वारा राशि भुगतान को लेकर अब तक किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे जल संसाधन विभाग बालोद को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
नोटिस किया जारी
जल संसाधन विभाग के अधिकारी रवींद्र चौबे ने बताया कि बार-बार उन्हें रिमाइंडर किया जाता है. इस बार उन्हें नोटिस जारी किया गया है कि जल्द से जल्द पानी के लिए अनुबंध करें और बकाया राशि जमा करें. तभी आने वाले समय में इन निकायों को पानी दिया जाएगा. इन निकायों द्वारा किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यदि ऐसी ही स्थिति चलती रही तो 1 दिन दुर्ग-भिलाई और राजनांदगांव जैसे बड़े निकायों को पानी की बूंद बूंद के लिए तरसना पड़ सकता है. क्योंकि यहां पर पानी की सप्लाई केवल बालोद जिले से ही की जा सकती है.
जल आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई
जल संसाधन विभाग का कहना है कि यदि समय पर भुगतान नहीं किया जाता है तो जल आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. जिसके लिए सभी निगम के जिम्मेदार अधिकारी जवाबदेह होंगे. पेयजल जैसे गंभीर विषय को लेकर यहां निकायों द्वारा सुस्त रवैया अपनाया जा रहा है.
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इसलिए कहते हैं वाटर बैंक
बालोद जिले को यूं ही वाटर बैंक नहीं कहा जाता है. यहां पर चार बड़े जलाशय हैं. इसके माध्यम से पेयजल, सिंचाई सहित दुर्ग-भिलाई के बड़े इंडस्ट्री को पानी दिया जाता है. इस वाटर बैंक की सुरक्षा तभी हो पाएगी, जब यहां से भेजे गए जल के बदले पर्याप्त समय में पर्याप्त राशि भुगतान की जाए.
शासन को लग रहा चूना
बालोद जल संसाधन विभाग का जितना बकाया इन निकायों द्वारा रखा गया है. दरअसल जल संसाधन विभाग के साथ-साथ शासन को भी लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. यहां पर सभी निगम आयुक्तों को जल संसाधन विभाग ने नोटिस जारी किया है. साथ ही कुछ दिनों पूर्व दो निगम की संपत्तियां कुर्क करने का मामला भी सामने आया था, लेकन निगम द्वारा शासन से राशि जमा करने के लिए समय मांगा गया था.