बालोद : छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर विपक्ष प्रदेश सरकार को घेर रही है.विपक्ष का कहना है कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले शराबबंदी का वादा किया था.लेकिन शराबबंदी को लेकर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया.वहीं अब जिले के दरबारी नवागांव के ग्रामीणों ने शराब को लेकर मोर्चा खोला है.गांव में एक युवक ने आत्महत्या की थी. ग्रामीणों की माने तो युवक ने शराब के कारण ही आत्महत्या की है.क्योंकि शराब पीने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति खराब हुई.
अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ ग्रामीण : ग्रामीणों के मुताबिक शाम होते ही बालोद जिला मुख्यालय से शराब खरीदकर कोचिए गांव में पहुंचते हैं.इसके बाद बिना किसी रोकटोक के गांव में शराब की बिक्री की जाती है.कई बार ग्रामीणों ने शराब बेचने को लेकर आपत्ति जताई. स्थानीय जनप्रतिनिधियों को मामले की जानकारी दी.लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई कोचियों के खिलाफ नहीं हुई. लिहाजा 300 की संख्या में ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और अवैध शराब की बिक्री बंद करने की मांग प्रशासन से की.
बहू बेटियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. शाम होते ही गांव का माहौल पूरी तरह खराब हो जाता है. पुलिस प्रशासन को हम मामले से अवगत कराते हैं. पुलिस कार्रवाई भी करती है. लेकिन अवैध शराब बेचने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वो फिर से अपना काम शुरू कर देते हैं. -ओमिन बाई, ग्रामीण
ग्रामीणों के मुताबिक शासन प्रशासन से हम गुहार लगाकर थक गए हैं. अवैध शराब गांव में आसानी से मिल जाता है. इसलिए पीने वालों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही है.इधर पुलिस ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.
ग्रामीण प्रशासन के समक्ष गए थे. हमारे पास मामला आएगा तो त्वरित कार्रवाई उसमें की जाएगी. हम अवैध शराब को लेकर लगातार अभियान चला रहे हैं. अभी कार्रवाई कर रहे हैं. पूरे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी. -रविकांत पाण्डेय, थाना प्रभारी
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गांव से बहिष्कृत करने की तैयारी : कलेक्टर से शिकायत के बाद ग्रामीण अब शराब बेचने वालों को गांव से बाहर करने की बात कह रहे हैं. ग्रामीणों के मुताबिक यदि इस बार कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो ग्रामीण स्तर पर बैठक करके अवैध शराब माफिया को गांव से बाहर किया जाएगा. उन्हें गांव से बहिष्कृत करेंगे तभी हमारा गांव शांत हो पाएगा. आपको बता दें कि कलेक्टर से शिकायत करने के लिए पूरे गांव के लोग इकट्ठा हुए थे.