बालोद: जिल में RTO विभाग ने ऑटो चालको को ऑटो चलाने की अनुमति दे दी है, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. कोरोना संकट में बस सर्विस बंद होने की वजह से रोजाना आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या न के बराबर है, जिसके कारण ऑटो चालकों को जीवनयापन करने में परेशानी हो रही है. जब यात्री ही नहीं मिलेंगे तो, ऑटो चालकों की कमाई कैसे होगी?
सुबह से ही ऑटो स्टैंड में कई ऑटों चालक अपनी गाड़ी लेकर खड़े रहते हैं, लेकिन ऑटों में बैठने के लिए सवारी ही नहीं मिल पाती. इस दिक्कत का सामना करने वाले ऑटो चालकों के सामने परिवार चलाने की परेशानी आ खड़ी है, जिससे ये लोग अब सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठें हैं. ऑटो संचालकों ने बताया कि परिवार में भी आर्थिक समस्या आ गई है, लेकिन सवारी नहीं मिलने की वजह से उनकी कमाई नहीं हो पा रही है, जिसे लेकर वे चिंतित हैं.
सरकार से मदद की अपील
बालोद जिला मुख्यालय में लगभग दो दर्जन ऐसे परिवार हैं, जिनकी जिंदगी ऑटो पर निर्भर रहती है. ऑटो संचालकों के पीछे उनका पूरा परिवार है. उन्हें खुद के साथ अपने परिवार का लालन-पालन भी करना है. दिक्कत की बात ये है कि अभी भी लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे, बाजार सूने हैं, लोग कहीं आना-जाना नहीं कर रहे. इसकी वजह से ऑटो चालकों की माली हालात दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. ऐसे में ऑटो संचालकों का कहना है कि ऑटो के मेंटेनेंस करने के लिए भी उन्हें काफी दिक्कतें हो रही है. उन्होंने सरकार से मदद की अपील की है.
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कोरोना संकट के मद्देनजर करीब ढाई महीने के लॉकडाउन के बाद प्रदेश को अनलॉक किया गया, जिसमें कई क्षेत्रों में छूट दी गई. इसके बाद भी आलम ये है कि लोगों में डर अभी भी बना हुआ है और घर से बाहर निकलने के लिए भी उन्हें हजार बार सोचना पड़ रहा है. छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं. कोरोना संक्रमितों के कुल मामलों की बात करें तो ये आंकड़ा 1800 के पार जा चुका है. प्रदेश में एक्टिव केस कि संख्या 700 के पार है. शासन-प्रशासन बढ़ते मामलों को लेकर लगातार स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरूस्त करने में लगे हुए हैं.