बलरामपुर : रंगों का त्यौहार होली नजदीक आ चुका है. इस वर्ष 8 मार्च को होली का त्यौहार मनाया जाएगा. बलरामपुर रामानुजगंज जिले में होली की तैयारी शुरू हो चुकी है. रामानुजगंज के चिनिया शिवपुर में स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा हर्बल रंग गुलाल बनाया जा रहा है. इसमें अरारोट पाउडर, पलाश के फूल, हरी भाजी, लाल भाजी, हल्दी, चंदन और सुगंध के मिश्रण से हर्बल इकोफ्रैंडली रंग गुलाल तैयार किया जा रहा है.
हर्बल रंग गुलाल किया जा रहा तैयार : रामानुजगंज विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत चिनिया शिवपुर में गायत्री महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं हर्बल रंग गुलाल बना रहीं हैं. इसकी खासियत है कि यह अरारोट पाउडर, पलाश के फूल, भाजी, हल्दी, चंदन और सुगंध को मिश्रण करके तैयार किया जा रहा है. गायत्री महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष शिव कुंवर देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि '' फूल हल्दी चंदन अरारोट के पाउडर में फुल के रंग मिलाकर बारिक करके धूप में सुखाकर सभी तरह के अलग अलग रंग तैयार किया जा रहा है. साथ ही किसी भी तरह के केमिकल का उपयोग नहीं किया गया है.'' बता दें कि इन्हीं समूह की महिलाओं ने पिछले वर्ष भी हर्बल रंग गुलाल तैयार किया था. गायत्री स्वसहायता समूह में 10 महिलाएं शामिल हैं.
कितने की होती है आमदनी : हर्बल रंग गुलाल का 100 ग्राम का पैकेट 30 रूपए में 200 ग्राम का पैकेट 60 रूपए में 1 किलोग्राम रंग की कीमत 300 रूपए रखी गई है. अब तक लगभग एक क्विंटल हर्बल रंग तैयार कर बिक्री भी किया जा चुका है. जिससे समूह की महिलाओं को 30 हजार रुपए तक आमदनी हो चुकी है.
ये भी पढ़ें- रामानुजगंज का गौर लाटा बनेगा पर्यटन स्थल
इकोफ्रेंडली केमिकल फ्री रंग गुलाल : महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किया जा रहा रंग गुलाल इकोफ्रैंडली है. जिसे प्राकृतिक रूप से तैयार किया जा रहा है. केमिकल फ्री होने के कारण इन रंगों से चेहरे की त्वचा को कोई नुक़सान नहीं होता है. गुलाल को धोने पर आसानी से यह रंग निकल जाता है. खास बात ये है कि हर्बल रंग गुलाल बनाने के लिए केमिकल का उपयोग नहीं किया जा रहा है.