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SPECIAL: काला पानी की सजा से कम नहीं इनका जीवन, हर कदम पर नई जख्म की कहानी

बलरामपुर के टोलकुपारा में काफी संख्या में कूड़ाकु जनजाति के लोग निवास करते हैं, लेकिन आज भी ये लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. हर दिन इनके लिए काला पानी की सजा से कम नहीं है.

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बलरामपुर पानी समस्या
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Published : Aug 26, 2020, 4:08 PM IST

बलरामपुर: आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी कूड़ाकु जनजाति के लोग मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं. यहां ग्रामीणों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है. बिजली, सड़क जैसे मूलभूत सुविधा आजतक इस गांव में पहुंच नहीं पाई है. यहां की महिलाएं ढोडी से पानी भरने को मजबूर हैं. बावजदू इसके शासन-प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.

हर कदम पर पानी की कहानी

दरअसल, बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के सुरसा ग्राम पंचायत के टोलकुपारा में काफी संख्या में कूड़ाकु जनजाति के लोग रहते करते हैं. हर दिन इन्हें पीने के पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. यहां इनके चलने के लिए न सड़क है न घर में रोशनी के लिए बिजली. गाड़ी, एम्बुलेंस के आने-जाने के लिए पुल भी नहीं है. आज भी ये लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीण बताते हैं, आजतक उनके गांव में हैंडपंप की सुविधा नहीं मिली है, गर्मी में बहुत परेशानी होती है. पानी और पुल की समस्या हमेशा से बनी हुई है.

पढ़ें : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंद कुमार साय कोरोना पॉजिटिव, पत्नी और नाती भी संक्रमित

'नाले के पानी से काम चल रहा'

यहां रहने वाली पूजा का कहना है कि नाले के पानी से नहाना, बर्तन माजना, बच्चों को नहलाना सभी काम इसी पानी से किया जाता है. गर्मी के दिनों में पीने के पानी की काफी दिक्कत होती है, अभी बरसात है तो नाले के पानी से काम चल जाता है.

'पेयजल की व्यवस्था की जाएगी'

इस संबंध में वाड्रफनगर के एसडीएम विशाल महाराणा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभीतक ग्राम पंचायत सुरसा से ऐसी किसी भी समस्या की जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि वहां रह रहे लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था की जाएगी. क्योंकि अभी बारिश का मौसम है, सड़क नहीं होने के कारण अभी काम कराना आसान नहीं होगा. बारिश कम होने पर तत्काल उनके लिए पेयजल की व्यवस्था कराई जाएगी.

बलरामपुर: आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी कूड़ाकु जनजाति के लोग मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं. यहां ग्रामीणों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है. बिजली, सड़क जैसे मूलभूत सुविधा आजतक इस गांव में पहुंच नहीं पाई है. यहां की महिलाएं ढोडी से पानी भरने को मजबूर हैं. बावजदू इसके शासन-प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.

हर कदम पर पानी की कहानी

दरअसल, बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के सुरसा ग्राम पंचायत के टोलकुपारा में काफी संख्या में कूड़ाकु जनजाति के लोग रहते करते हैं. हर दिन इन्हें पीने के पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. यहां इनके चलने के लिए न सड़क है न घर में रोशनी के लिए बिजली. गाड़ी, एम्बुलेंस के आने-जाने के लिए पुल भी नहीं है. आज भी ये लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीण बताते हैं, आजतक उनके गांव में हैंडपंप की सुविधा नहीं मिली है, गर्मी में बहुत परेशानी होती है. पानी और पुल की समस्या हमेशा से बनी हुई है.

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'नाले के पानी से काम चल रहा'

यहां रहने वाली पूजा का कहना है कि नाले के पानी से नहाना, बर्तन माजना, बच्चों को नहलाना सभी काम इसी पानी से किया जाता है. गर्मी के दिनों में पीने के पानी की काफी दिक्कत होती है, अभी बरसात है तो नाले के पानी से काम चल जाता है.

'पेयजल की व्यवस्था की जाएगी'

इस संबंध में वाड्रफनगर के एसडीएम विशाल महाराणा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभीतक ग्राम पंचायत सुरसा से ऐसी किसी भी समस्या की जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि वहां रह रहे लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था की जाएगी. क्योंकि अभी बारिश का मौसम है, सड़क नहीं होने के कारण अभी काम कराना आसान नहीं होगा. बारिश कम होने पर तत्काल उनके लिए पेयजल की व्यवस्था कराई जाएगी.

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