बलरामपुर: रामचंद्रपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत पलगी में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले पंडो जनजाति के लोग नदी के गंदा पानी पीने से मजबूर हैं. कई साल बीत जाने के बाद भी सरकार इनके लिए पानी की व्यवस्था नहीं कर पाई.
गंदा पानी पीने को मजबूर
लोगों का कहना है कि, नेता और मंत्री तो सिर्फ वोट मांगने गांव में आते हैं, लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों ने बताया कि 'कई बार सरपंच और सचिव से लेकर कलेक्टर तक को कई बार लिखित आवेदन देने के बाद भी पेयजल के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं. आलम यह है कि, ग्रामीण नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.
साफ पानी के लिए तरह रहे लोग
मुल्क को आजाद हुए 70 साल और छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुए 18 साल बीत गए, इस दौर में कई सरकारें आईं और चली गईं. गरीबी हटाने और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले खासकर आदिवासी और पिछड़ी जनजाति के लोगों की स्थिति सुधारने के लिए बड़े-बड़े वादे भी किए गए, लेकिन को मुंगेरी लाल के सपने की तरह कभी हकीकत न बन सके.
मशीन आती है और वापस चली जाती है
आलम यह है कि बलरामपुर जिले ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को साफ पानी नसीब नहीं हो सका है. ग्रामीणों का कहना है कि 'गांव में नल लगाने वाली मशीन तो कई बार आई लेकिन वो बिना काम किए ही वापस लौट गई.
दबंगों ने किया हैंडपंप पर कब्जा
लोगों का आरोप है कि, गांव में वोरिंग तो की जाती है, लेकिन वो सार्वजनिक स्थान में न होकर दबंगों के घर पर होती है, जिसकी वजह से आम लोगों को पानी नहीं मिल पाता और वो साफ पानी के लिए तरसते रहते हैं.