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बलरामपुर: स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करा दो सरकार, नदी का गंदा पीकर लोग बुझा रहे प्यास - गंदा पानी

बलरामपुर के रामचंद्रपुर विकासखंड के पलगी गांव में स्वच्छ पेजयल की व्यवस्था नहीं होने की वजह से लोग नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.

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Published : Mar 13, 2019, 7:21 PM IST

बलरामपुर: रामचंद्रपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत पलगी में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले पंडो जनजाति के लोग नदी के गंदा पानी पीने से मजबूर हैं. कई साल बीत जाने के बाद भी सरकार इनके लिए पानी की व्यवस्था नहीं कर पाई.

वीडियो

गंदा पानी पीने को मजबूर
लोगों का कहना है कि, नेता और मंत्री तो सिर्फ वोट मांगने गांव में आते हैं, लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों ने बताया कि 'कई बार सरपंच और सचिव से लेकर कलेक्टर तक को कई बार लिखित आवेदन देने के बाद भी पेयजल के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं. आलम यह है कि, ग्रामीण नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.
साफ पानी के लिए तरह रहे लोग
मुल्क को आजाद हुए 70 साल और छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुए 18 साल बीत गए, इस दौर में कई सरकारें आईं और चली गईं. गरीबी हटाने और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले खासकर आदिवासी और पिछड़ी जनजाति के लोगों की स्थिति सुधारने के लिए बड़े-बड़े वादे भी किए गए, लेकिन को मुंगेरी लाल के सपने की तरह कभी हकीकत न बन सके.
मशीन आती है और वापस चली जाती है
आलम यह है कि बलरामपुर जिले ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को साफ पानी नसीब नहीं हो सका है. ग्रामीणों का कहना है कि 'गांव में नल लगाने वाली मशीन तो कई बार आई लेकिन वो बिना काम किए ही वापस लौट गई.
दबंगों ने किया हैंडपंप पर कब्जा
लोगों का आरोप है कि, गांव में वोरिंग तो की जाती है, लेकिन वो सार्वजनिक स्थान में न होकर दबंगों के घर पर होती है, जिसकी वजह से आम लोगों को पानी नहीं मिल पाता और वो साफ पानी के लिए तरसते रहते हैं.

बलरामपुर: रामचंद्रपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत पलगी में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले पंडो जनजाति के लोग नदी के गंदा पानी पीने से मजबूर हैं. कई साल बीत जाने के बाद भी सरकार इनके लिए पानी की व्यवस्था नहीं कर पाई.

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गंदा पानी पीने को मजबूर
लोगों का कहना है कि, नेता और मंत्री तो सिर्फ वोट मांगने गांव में आते हैं, लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों ने बताया कि 'कई बार सरपंच और सचिव से लेकर कलेक्टर तक को कई बार लिखित आवेदन देने के बाद भी पेयजल के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं. आलम यह है कि, ग्रामीण नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.
साफ पानी के लिए तरह रहे लोग
मुल्क को आजाद हुए 70 साल और छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुए 18 साल बीत गए, इस दौर में कई सरकारें आईं और चली गईं. गरीबी हटाने और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले खासकर आदिवासी और पिछड़ी जनजाति के लोगों की स्थिति सुधारने के लिए बड़े-बड़े वादे भी किए गए, लेकिन को मुंगेरी लाल के सपने की तरह कभी हकीकत न बन सके.
मशीन आती है और वापस चली जाती है
आलम यह है कि बलरामपुर जिले ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को साफ पानी नसीब नहीं हो सका है. ग्रामीणों का कहना है कि 'गांव में नल लगाने वाली मशीन तो कई बार आई लेकिन वो बिना काम किए ही वापस लौट गई.
दबंगों ने किया हैंडपंप पर कब्जा
लोगों का आरोप है कि, गांव में वोरिंग तो की जाती है, लेकिन वो सार्वजनिक स्थान में न होकर दबंगों के घर पर होती है, जिसकी वजह से आम लोगों को पानी नहीं मिल पाता और वो साफ पानी के लिए तरसते रहते हैं.

Intro:नदी के गन्ना पानी पीने से ग्रामीण मजबूर


Body:एंकर-- बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत पलगी का यह मामला सामने आया है की राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले पंडो जनजाति के लोग नदी के गंदा पानी पीने से मजबूर हैं कई वर्ष बीत जाने के बाद भी शासन की ओर से कोई नल की व्यवस्था नहीं की गई नेता मंत्री तो सिर्फ वोट मांगने गांव में आते हैं लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया वहां के ग्रामीणों ने बताया कि कई बार सरपंच सचिव से लेकर कलेक्टर तक लिखित आवेदन दिए लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी हम लोग नदी के गंदे पानी पीने के लिए मजबूर हैं बरसात के दिनों में भी चलने का ना तो रास्ता सिर्फ एक नदी है उसी नदी से पानी पीते हैं

आजादी के 70 वर्ष हो गए देश में कई सरकारें आई और चली गई सरकारों ने गरीबी हटाने और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले खासकर आदिवासी व पिछड़ी जनजाति लोगों की स्थिति सुधारने के लिए बड़े-बड़े वादे भी किए लेकिन सिर्फ कागजों पर आज तक सरकार अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाई आज भी बलरामपुर जिले ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पेयजल योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल सका पीने का पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है सरकार गरीबी हटाने के दावे करती रहती है लेकिन आज भी बलरामपुर जिले के कुछ ऐसे गांव हैं जहां लोगों को पीने का पानी जैसे महत्वपूर्ण मूलभूत सुविधाओं भी पाना संभव नहीं हो रहा है बरहाल ग्रामीण का कहना है कि गांव में नल लगाने वाली मशीन तो कई बार आए लेकिन नल नहीं लगा मशीन वापस गांव से चली जाती है लेकिन उनको क्षेत्रों में बोरिंग ना करके किसी और क्षेत्रों में हैंडपंप लगाई जाती है इस से अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में रहने वाले दबंगों के द्वारा उनके लिए कोई और हैंडपंप मशीनों को अपने घरों में लगा देते हैं जो ग्रामीण दबंग हैं उन्हीं के घरों में लगा दिया जाता है जो गरीब परिवार हैं उनको दबंगों से हमेशा डर बना रहता है बरहाल पुरानी सरकार द्वारा ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ तो नहीं मिल पा सका अब नई सरकार इस ग्रामीणों को पीने का साफ पानी वह सरकार की योजनाओं का लाभ मिल पाता है या नहीं देखने वाली बात यह होगी तत्कालीन विधायक बृहस्पति सिंह हैंड पंप गांव के बीच लगवा पाते हैं या नहीं

बाइट-- कमला देवी ग्रामीण महिला

बाईट-- ललिता देवी ग्रामीण महिला

बाइट--- जीव धन कोडागु ग्रामीण

बाईट--- शिव कुमार बनर्जी एसडीएम रामानुजगंज



Conclusion:
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