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आदिवासी युवक के मौत की सुलझेगी गुत्थी, ST-SC कमीशन करेगा जांच - Tribal youth death case investigated in Balrampur

डेढ़ साल पहले बलरामपुर के बरियो में एक आदिवासी युवक की मौत हो गई थी. अब इस केस की जांच एसटी-एससी आयोग करेगा.

SC ST Commission
ST-SC कमीशन करेगा जांच
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Published : Feb 24, 2022, 8:36 PM IST

बलरामपुर : अंबिकापुर मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित जिला बलरामपुर के ग्राम बरियो में डेढ़ साल पहले एक आदिवासी युवक की मौत हो गई थी. संदिग्ध अवस्था में हुई इस मौत पर अब छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग ने संज्ञान लिया है. मामले में आज अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने प्रेस वार्ता की.

आदिवासी युवक के मौत की गुत्थी

वार्ता के दौरान भानु प्रताप सिंह ने बताया कि, ग्राम बरियो निवासी लक्ष्मनिया और उनकी पोती ने आयोग में शिकायत की थी कि लक्ष्मनिया का बेटा शिवनारायण 17 जून 2020 से गायब है. फिर उन्हें यह सूचना मिली कि उनके जमीन से लगे क्रेशर प्लांट जो कि राजपुर निवासी विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ का है, उसमें एक युवक की क्षत-विक्षत लाश मिली है. जो संभवत: शिवनारायण की है. परिजनों ने लाश लेने से इनकार करते हुए यह कहा कि यह लाश शिवनारायण की नहीं है. इसके बाद क्षेत्र के संबंधित चौकी प्रभारी और उनकी टीम के द्वारा उस शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.



पुलिस ने बनाया दबाव

भानु प्रताप सिंह ने बताया कि पीड़ितों ने अपने बयान में यह भी दर्ज कराया है कि घटना के पश्चात लगातार पुलिस के द्वारा उनके घर में आकर उनपर दबाव बनाया जाता था कि, वे स्वीकार कर लें कि जो लाश प्लांट में मिली है वह शिवनारायण की है. इसके बावजूद पीड़ितों ने यह नहीं माना. जिसके बाद पुलिस ने शव का डीएनए टेस्ट कराया. 4 माह बाद रिपोर्ट आने पर यह कंफर्म हो गया कि वो शव शिवनारायण का ही था. भानु प्रताप सिंह ने कहा कि, इस पूरे प्रकरण में पुलिस की जांच रिपोर्ट भी संदिग्ध है. उस समय के चौकी प्रभारी के द्वारा सही तरीके से इस मामले की जांच नहीं की गई है. पीड़ितों का कहना है कि जिस क्रेशर प्लांट में ये घटना घटी है. वहां पहले सीसीटीवी कैमरा लगा रहता था जो अब नहीं है.

यह भी पढ़ें: कहीं आपके अपने भी तो नहीं फंसे हैं यूक्रेन में ?, मदद के लिए जिला प्रशासन ने जारी किया हेल्प लाइन नंबर

क्रेशर प्लांट के मालिक ने दी थी धमकी

पूरे मामले में मृतक की मां लक्ष्मीनिया ने आयोग को जो बयान दिया है. उसमें यह भी कहा है कि विनोद अग्रवाल का क्रेशर प्लांट उनकी जमीन से लगा हुआ है. क्रेशर प्लांट से कॉफी डस्ट उड़ने के कारण उनकी फसल में इसका असर पड़ा था. जिसे लेकर मृतक शिवनारायण, विनोद अग्रवाल के पास गया था और इसकी रोकथाम करने की बात कही थी. जिस पर विनोद अग्रवाल ने उसे जमीन बेचने की बात कही थी. पीड़िता लक्ष्मीनिया ने बताया कि वो गरीब आदिवासी है. उनके पास जो जमीन है वह उनके जीवन उपार्जन के लिए है. ऐसे में उन्होंने जमीन बेचने से मना कर दिया था. इस बात से नाराज होकर विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ ने शिवनारायण को क्रेशर में डाल कर हत्या की धमकी भी दी थी.

बलरामपुर : अंबिकापुर मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित जिला बलरामपुर के ग्राम बरियो में डेढ़ साल पहले एक आदिवासी युवक की मौत हो गई थी. संदिग्ध अवस्था में हुई इस मौत पर अब छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग ने संज्ञान लिया है. मामले में आज अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने प्रेस वार्ता की.

आदिवासी युवक के मौत की गुत्थी

वार्ता के दौरान भानु प्रताप सिंह ने बताया कि, ग्राम बरियो निवासी लक्ष्मनिया और उनकी पोती ने आयोग में शिकायत की थी कि लक्ष्मनिया का बेटा शिवनारायण 17 जून 2020 से गायब है. फिर उन्हें यह सूचना मिली कि उनके जमीन से लगे क्रेशर प्लांट जो कि राजपुर निवासी विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ का है, उसमें एक युवक की क्षत-विक्षत लाश मिली है. जो संभवत: शिवनारायण की है. परिजनों ने लाश लेने से इनकार करते हुए यह कहा कि यह लाश शिवनारायण की नहीं है. इसके बाद क्षेत्र के संबंधित चौकी प्रभारी और उनकी टीम के द्वारा उस शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.



पुलिस ने बनाया दबाव

भानु प्रताप सिंह ने बताया कि पीड़ितों ने अपने बयान में यह भी दर्ज कराया है कि घटना के पश्चात लगातार पुलिस के द्वारा उनके घर में आकर उनपर दबाव बनाया जाता था कि, वे स्वीकार कर लें कि जो लाश प्लांट में मिली है वह शिवनारायण की है. इसके बावजूद पीड़ितों ने यह नहीं माना. जिसके बाद पुलिस ने शव का डीएनए टेस्ट कराया. 4 माह बाद रिपोर्ट आने पर यह कंफर्म हो गया कि वो शव शिवनारायण का ही था. भानु प्रताप सिंह ने कहा कि, इस पूरे प्रकरण में पुलिस की जांच रिपोर्ट भी संदिग्ध है. उस समय के चौकी प्रभारी के द्वारा सही तरीके से इस मामले की जांच नहीं की गई है. पीड़ितों का कहना है कि जिस क्रेशर प्लांट में ये घटना घटी है. वहां पहले सीसीटीवी कैमरा लगा रहता था जो अब नहीं है.

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क्रेशर प्लांट के मालिक ने दी थी धमकी

पूरे मामले में मृतक की मां लक्ष्मीनिया ने आयोग को जो बयान दिया है. उसमें यह भी कहा है कि विनोद अग्रवाल का क्रेशर प्लांट उनकी जमीन से लगा हुआ है. क्रेशर प्लांट से कॉफी डस्ट उड़ने के कारण उनकी फसल में इसका असर पड़ा था. जिसे लेकर मृतक शिवनारायण, विनोद अग्रवाल के पास गया था और इसकी रोकथाम करने की बात कही थी. जिस पर विनोद अग्रवाल ने उसे जमीन बेचने की बात कही थी. पीड़िता लक्ष्मीनिया ने बताया कि वो गरीब आदिवासी है. उनके पास जो जमीन है वह उनके जीवन उपार्जन के लिए है. ऐसे में उन्होंने जमीन बेचने से मना कर दिया था. इस बात से नाराज होकर विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ ने शिवनारायण को क्रेशर में डाल कर हत्या की धमकी भी दी थी.

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