बलरामपुर: ये हौसलों की उड़ान है. जी हां ये उड़ान सिर्फ हौसलों की है क्योंकि जिस उड़ान की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप भी उत्साह से भर जाएंगे. बलरामपुर जिले में एक ऐसा युवक है जो बिना हाथ और बिन पैर के अपनी जिंदगी की उड़ान भर रहा है.
हम बात कर रहे हैं 18 साल के आशीष सोनी की, जो 12वीं क्लास में पढ़ाई कर रहा है. आशीष के पिता बताते हैं कि, आशीष जन्म से दिव्यांग है और उनके हाथ और पैर नहीं हैं. बावजूद इसके आशीष जिले के शंकरगढ़ जनपद कार्यालय की मनरेगा शाखा में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता है.
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आशीष की लगन और मेहनत को देखकर उसे जनपद कार्यालय में कलेक्टर दर के हिसाब से काम पर रखा गया है. बता दें कि आशीष के काम करने का अंदाज और फूर्ती किसी भी स्वस्थ इंसान को चुनौती दे सकती है. आप कभी बिना उंगलियों के कंप्यूटर के की-बोर्ड चलाने की कल्पना भी नहीं कर सकते, लेकिन आशीष कम्प्यूटर ऑपरेट करता है, स्मार्ट फोन चलाता है.
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ETV भारत की टीम आशीष के दफ्तर पहुंची जहां वो रोज की तरह अपनी टेबल पर बैठ कर कम्प्यूटर चला रहा था. देख कर हैरत हुआ, लेकिन इस सच्चाई को आप भी देख सकते हैं कि, इस युवा का जज्बा प्रेरणादायक है. वहीं आशीष ने ईटीवी भारत के संवाददाता का मोबाइल नंबर लिया और उसे अपने मोबाइल से सेव करके महज कुछ ही सेकेंड में वाट्सएप पर मैसेज कर दिया. इतना ही नहीं उसका घर दफ्तर से 17 किलोमिटर दूर है. वह मनोहरपुर गांव में रहता है, जहां से हर दिन चार चक्के वाली स्कूटी से ऑफिस पहुंचता है.
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आशीष के पिता जगन्नाथ सोनी बताते हैं, कि उनकी आर्थिक हालात ठीक नहीं है वो घर-घर जाकर बर्तन बेचने का काम करते थे और बड़ी कठिनाइयों से उन्होंने अपने दोनों बेटों को पढ़ाया लिखाया है. वे अपना ज्यादातर समय आशीष की देखभाल में ही बिताते हैं. अब जब आशीष कलेक्टर दर पर नौकरी कर रहा है तो उसके पिता अंगरक्षक की तरह उसके साथ यहां रहते हैं और उसकी मदद करते हैं. बहरहाल आशीष के इस मनोबल के साथ उनके पिता का त्याग भी बड़ा अहम है, जिस वजह से वह अपनी जिंदगी की उड़ान भरने की दिशा में निकल पड़ा है.