बलरामपुर: जिले के रामानुजगंज में कन्हर नदी के तट पर स्थित मां महामाया मंदिर में रामलीला हो रही है. प्रयागराज से आए आठ कलाकारों की टीम दस दिवसीय रामलीला का मंचन कर रही है. सनातन संस्कृति और संस्कारों को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से प्रयागराज की टीम देश के अलग-अलग जगहों पर रामलीला का मंचन करती रहती है.
प्रयागराज के कलाकार कर रहे रामलीला का मंचन: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज से आए हुए आठ कलाकारों की टीम रामानुजगंज में रामलीला का मंचन कर रही है. सरगुजा संभाग के अंबिकापुर, सीतापुर, बतौली, पत्थलगांव सहित रायगढ़ में भी इन कलाकारों की टीम की ओर से रामलीला का मंचन किया जा चुका है. ये टीम पिछले ग्यारह साल से रामलीला मंचन करती आ रही है.रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक 9 में कन्हर नदी के तट पर मां महामाया मंदिर के प्रांगण में रामलीला का मंचन किया जा रहा है. रामलीला भगवान राम के जीवन पर आधारित नाटक है. रामलीला में भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण के जीवन का वृत्तांत वर्णन किया जाता है. रामलीला का मंचन क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में होता है.
"जो हमारी पुरानी संस्कृति दिन ब दिन खत्म होती जा रही है. उसे हम जिंदा रखना चाहते हैं. रामलीला हमारे पुराने संस्कार हैं. पिछले ग्यारह साल से हम रामलीला का मंचन करते आ रहे हैं.यहां से पहले अंबिकापुर, सीतापुर, बतौली, पत्थलगांव, रायगढ़, धर्मजयगढ़ में मंचन करने के बाद अब रामानुजगंज में रामलीला का मंचन कर रहे हैं". - राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, रामलीला के संचालक
बता दें कि रामानुजगंज के महामाया मंदिर में चल रहे दस दिवसीय रामलीला मंचन को देखने के लिए आसपास के क्षेत्र से भी लोग आ रहे हैं. यहां हर दिन भारी संख्या में राम भक्त पहुंच रहे हैं.