अंबिकापुर: सरगुजा संभाग की बेहद विवादित सीट रामानुजगंज से कांग्रेस ने डॉ अजय तिर्की को अपना उम्मीदवार बनाया है. यहां से बृहस्पति सिंह कांग्रेस के विधायक हैं. बृहस्पति लगातार दो बार से विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे. लेकिन इस बार बृहस्पति सिंह को कांग्रेस ने किनारा कर लिया. ऐसा पहले ही माना जा रहा था कि बृहस्पति सिंह को पार्टी टिकट नहीं देगी.इसकी सबसे बड़ी वजह टीएस सिंहदेव हैं.डिप्टी सीएम बनने से पहले टीएस सिंहदेव और राजपरिवार पर बृहस्पति सिंह ने गंभीर आरोप लगाए थे. जिसे लेकर टीएस सिंहदेव ने पार्टी से अपनी नाराजगी व्यक्त की थी.वहीं अब जब बृहस्पति को टिकट नहीं मिला तो ये साफ हो गया है कि पार्टी ने रामानुजगंज सीट बचाने के लिए बृहस्पति की कुर्बानी दे दी है.
बृहस्पति हुए कुर्बान ! : छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव की कांग्रेस में क्या अहमियत है वो कांग्रेस की मौजूदा सूची में साफ देखी जा सकती है.पहली सूची के बाद जब बुधवार को 53 उम्मीदवारों की सूची जारी हुई तो उसमें एक ऐसा नाम था जिसे लेकर पिछले कई महीनों से असमंजस की स्थिति थी.ये नाम था बृहस्पति सिंह का. बृहस्पति ने विधायक रहते टीएस सिंहदेव को लेकर कई आपत्तिजनक आरोप लगाए थे. आलाकमान के दखल के बाद मामला शांत तो हो गया था.
राजपरिवार का अपमान बर्दाश्त नहीं : बृहस्पति सिंह की हरकत को टीएस सिंहदेव ने इसे अपना और अपने परिवार का अपमान माना था. जिसका जिक्र वो कुछ दिनों पहले कार्यकर्ता सम्मेलन में कर चुके हैं. टीएस सिंहदेव ने उस दौरान कहा था कि वो प्रदेश की हर सीट में कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए काम करेंगे.लेकिन दो विधानसभाओं से उनका कोई लेना देना नहीं रहेगा.बात उन तक होती तो ठीक थी.लेकिन आरोप राजपरिवार के बारे में लगाए गए हैं.कांग्रेस भी सिंहदेव को और ज्यादा नाराज नहीं करना चाहती थी.लिहाजा बृहस्पति का चक्कर ही खत्म कर दिया गया. रामानुजगंज विधानसभा से सिंहदेव के करीबी अजय तिर्की को टिकट देकर काफी हद तक पार्टी ने सिंहदेव का मान रख लिया है.
कौन हैं अजय तिर्की ? :अजय तिर्की अंबिकापुर के मेयर हैं. जो पेशे से एक डॉक्टर हैं. अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अजय तिर्की ने शासकीय नौकरी से इस्तीफा दिया और राजनीति में कदम रखा. हालांकि आज भी वो लोगों का इलाज करते हैं. मेयर दफ्तर में, समारोह में, राह चलते अजय तिर्की लोगों का इलाज करते हैं. बड़ी बात ये है कि उनके घर में जाकर इलाज कराने वालों से भी वो फीस नहीं लेते हैं.
2004 से 2011 तक रामानुजगंज में अजय तिर्की ने दी सेवा: डॉक्टर अजय तिर्की ने साल 2004 से 2011 तक रामानुजगंज में अपनी सेवाएं दी थी. इसके बाद उनका स्थानांतरण अंबिकापुर जिला चिकित्सालय में हो गया था. यहां आरएमओ के तौर पर उन्होंने काम किया. रामानुजगंज में अपनी तैनाती के दौरान उनके डॉक्टरी कार्य से सभी प्रभावित थे. रामानुजगंज में डॉक्टर अजय तिर्की इतने लोकप्रिय थे कि आज भी उस क्षेत्र के लोग अम्बिकापुर आकर इन्हीं से इलाज कराते हैं.
2014 से अबिकापुर के मेयर हैं अजय तिर्की : डॉक्टर अजय तिर्की ने साल 2014 में जिला अस्पताल के आरएमओ के पद से इस्तीफा दिया. पहली बार अम्बिकापुर नगर निगम से मेयर का चुनाव लड़ा. इसके बाद साल 2019 में एक बार फिर अजय तिर्की अम्बिकापुर के मेयर चुने गए. 2014 से अब तक लगातार वो अम्बिकापुर नगर निगम के मेयर की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. साथ ही अपने डॉक्टर होने का धर्म भी निभा रहे हैं.
14 में से 4 विधायकों की कटी टिकट : सरगुजा सम्भाग की 14 सीटों में से 4 सीटिंग विधायकों की टिकट कट चुकी है. जिसमें 1 पूर्व मंत्री सहित कुल 4 विधायक शामिल हैं. कांग्रेस ने मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल, प्रतापपुर विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह, बलरामपुर जिले की दोनों सीट से रामानुजगंज से बृहस्पति सिंह, सामरी से चिन्तामणि सिंह की टिकट काट दी है. बैकुंठपुर विधायक अंबिका सिंहदेव की टिकट पर निर्णय अभी बाकी है.14 सीटों में से 13 में प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया है.वहीं एक पर बाकी है.