बलरामपुर: पस्ता थाना क्षेत्र के उलिया बांध में पनडुब्बी चिड़िया मारने गए पुलिस आरक्षक की बांध में डूबने से मौत हो गई. आरक्षक का शव 4 दिनों के बाद गोताखोरों की 20 टीमों ने 22 फीट नीचे बांध की गहराई से निकाला. आरक्षक प्रदीप बड़ा बलरामपुर के बलंगी थाना में पदस्थ था. वह छुट्टी मनाने के लिए अपने गांव आया था.
दोस्त के साथ बांध में उतरा था पनडुब्बी पक्षी पकड़ने
बलरामपुर जिले के पस्ता थाना प्रभारी संपत पोटाई ने बताया कि ग्राम पंचायत जिगड़ी निवासी प्रदीप बड़ा जिले के बलंगी थाना में आरक्षक के पद पर पदस्थ था. प्रदीप बड़ा 13 जनवरी को छुट्टी लेकर अपने घर आया था. वह अपने दोस्तों के साथ जिगड़ी के उलिया बांध में पनडुब्बी चिड़िया मारने के लिए गया था. बांध के अंदर आरक्षक प्रदीप और उसका दोस्त दोनों पानी के बीच चले गए. कुछ देर बाद दोस्त पानी से बाहर निकल आया लेकिन बांध में बहुत अधिक पानी होने के कारण आरक्षक प्रदीप गहराई में समाते चले गए. दोस्त ने बहुत देर तक प्रदीप के पानी से बाहर निकलने का इंतजार किया लेकिन प्रदीप बाहर नहीं निकल सके.
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20 गोताखोरों की टीम ने 22 फीट गहराई से निकाला शव
दोस्त ने इस घटना की जानकारी प्रदीप के परिजनों तथा पस्ता थाना प्रभारी संपत पोटाई को दी. स्थानीय गोताखोरों की टीम के मदद से युवक की तलाश की गई लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. इसके बाद बलरामपुर एवं अंबिकापुर से 20 गोताखोरों की टीम उलिया बांध पहुंची. लगातार 4 दिनों की खोजबीन के बाद SDRF एवं बंगाली मछुआरों ने जाल की मदद से 22 फीट नीचे गहराई से आरक्षक प्रदीप बड़ा का शव बाहर निकाला. शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.