बलरामपुर: छत्तीसगढ़ झारखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसा बलरामपुर जिला तीन राज्यों की सरहदों को साझा करता है. यही वजह है कि यहां नए साल पर पर्यटकों के आने का सिलसिला लगातार बढ़ता रहता है. इस बार भी यहां नए साल के जश्न को लेकर होटलों और टूरिस्ट स्पॉट में खास तैयारियां की जा रही है. अगर आप भी हैप्पी न्यू ईयर की पार्टी में शामिल होना चाहते हैं तो बलरामपुर के टूरिस्ट स्पॉट में नए साल को सेलिब्रेट करने के लिए छत्तीसगढ़ का रुख कर सकते हैं सकते हैं.
चनान नदी पर स्थित पवई वाटरफॉल: बलरामपुर जिले के सेमरसोत अभयारण्य में चनान नदी पर पवई वाटरफॉल है. यह नेचुरल ब्यूटी का एहसास करता है. यह चारों ओर से घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है. पर्यटक यहां ऊंचाई से गिरते झरने को देखने आते हैं. नए साल के मौके पर घूमने के लिए यह परफेक्ट डेस्टिनेशन है.
पवई वाटरफॉल पर कैसे पहुंचे
- नजदीकी रेलवे: स्टेशन गढ़वा रोड है. यहां से आप बस के जरिए बलरामपुर आ सकते हैं
- नजदीकी एयरपोर्ट: बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची है, यहां से भी आप सड़क मार्ग के जरिए बलरामपुर आ सकते हैं.
- बलरामपुर से पवई 12 किलोमीटर दूर है. यहां स्थानीय साधन से आप पहुंच सकते हैं
पलटन घाट में प्रकृति का गजब नजारा: प्राकृतिक पर्यटन स्थलों में से एक पलटन घाट रामानुजगंज शहर से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. नदी के एक तरफ सफेद पत्थरों की श्रृंखला है तो वहीं दूसरी तरफ काले रंग के पत्थर मौजूद हैं. नये साल के पहले दिन एक जनवरी को पिकनिक मनाने पहुंचते हैं.पलटन घाट कन्हर नदी के बीच प्राकृतिक रूप से निर्मित सफेद और काले रंग के पत्थरों के बीच है. जो लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करता है. घने जंगलों और नदी पहाड़ों में घिरा हुआ यह पर्यटन स्थल अपने सौंदर्य से पर्यटकों को मोहित कर लेता है. यही वजह है कि यहां के पर्यटन स्थल को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं.
कैसे पहुंचे पलटन घाट?
- पलटन घाट पहुंचने के लिए आपको अंबिकापुर और गढ़वा रोड रेलवे स्टेशन आना होगा
- उसके बाद वहां से सड़क मार्ग से आप यहां पहुंच सकते हैं
- अगर आप हवाई मार्ग के जरिए यहां पहुंचना चाहते हैं तो आपको हवाई मार्ग के जरिए रांची या रायपुर पहुंचना होगा, फिर यहां से आप रेल या सड़क मार्ग से अंबिकापुर आ सकते हैं, फिर आप पलटन घाट पहुंच सकते हैं
छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा का दीदार करिए: छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा बलरामपुर जिले के सामरी पाट क्षेत्र के कुसमी में है. गौरलाटा पहाड़ी की चोटी करीब 1225 मीटर ऊंची है. इस चोटी से छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर वन क्षेत्र की अद्भुत खूबसूरती नजर आती है. गौरलाटा पहाड़ी माउंटेनर्स की पसंदीदा जगह है. यह क्षेत्र ट्रैकिंग के लिए फेमस है.
- गौरलाटा आने के लिए आपको रेलवे स्टेशन गढ़वा रोड और अंबिकापुर तक पहुंचना होगा. फिर यहां से सड़क मार्ग से आना होगा
- हवाई मार्ग के जरिए आपको रांची या रायपुर आना होगा. उसके बाद यहां से आप रेल या सड़क मार्ग से अंबिकापुर पहुंच सकते हैं. उसके बाद सड़क के जरिए गौरलटा पहुंच सकते हैं
तातापानी के करिए दर्शन: तातापानी अपने गर्म जल स्त्रोत के लिए छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश भर में प्रसिद्ध है. यहां कई हजार वर्षों से धरती के अंदर से गर्म पानी निकल रहा है. यह प्रमुख धार्मिक स्थल भी है. तातापानी राष्ट्रीय राजमार्ग 343 के किनारे ही मौजूद है. मकर संक्रांति को होने वाला मेला काफी प्रसिद्ध है. ऐसे में इन पर्यटन स्थलों का दीदार कर आप अपने नए साल को खास बना सकते हैं.