बलरामपुर: रामानुजगंज के विधायक बृहस्पति सिंह 18 साल बाद सीतारामपुर पाठ पहुंचे. ये गांव कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था. आज ये गांव नक्सलियों से मुक्त तो जरूर हो गया है, लेकिन यहां आज भी विकास की दरकार है.
बृहस्पति सिंह ने बताया कि 18 साल पहले वो इस गांव में आए थे. तब न सड़क की सुविधा थी, न पेयजल की सुविधा थी. उसी वक्त एक सभा के दौरान कुछ लोगों ने गांव में नक्सलियों के आने की सूचना दी थी, जिसके बाद आनन-फानन में विधायक को उसी वक्त गांव से जाना पड़ा था. विधायक बताते हैं कि उसी दिन उन्होंने प्रण ले लिया था कि जब तक इस गांव में मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं होगी तब तक वे यहां नहीं आएंगे.
मैनपाट में चाय की होगी खेती
इस गांव की प्राकृतिक खूबसूरती को देखने के बाद बृहस्पति सिंह ने कहा कि जब ऊंटी, जशपुर और मैनपाट में चाय की खेती हो सकती है तो यहां क्यों नहीं हो सकती. उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और संबंधित विभाग से बात करने की बात कही है.
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अपने जनप्रतिनिधि से लोग दिखे खुश
विधायक बृहस्पति सिंह ने कहा कि इस गांव को चाय के बागान के रूप से विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यहां चारों तरफ हरियाली होगी, जिससे पर्यटक अपने आप को इस गांव में आने से रोक न पाएं. विधायक के गांव पहुंचने के बाद लोगों में काफी खुशी देखने को मिली. सभी लोग अपने जनप्रतिनिधि से मिलकर काफी खुश नजर आएं.