रायपुर : साय कैबिनेट में सबसे कम उम्र की मंत्री बनने वाली लक्ष्मी राजवाड़े की कहानी काफी रोचक है. सूरजपुर जिले के भटगांव विधानसभा क्षेत्र से लक्ष्मी राजवाड़े पहली बार विधायक निर्वाचित हुई. भैयाथान विकासखंड अंतर्गत ग्राम वीरपुर की लक्ष्मी राजवाड़े पहली बार जनपद सदस्य बनीं थी. पिछले पंचायत चुनाव में लक्ष्मी ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता था.इसके बाद वर्तमान में जिला पंचायत सूरजपुर के सदस्य के अलावा बीजेपी महिला मोर्चा सूरजपुर की जिला अध्यक्ष भी थी.
कैसे बनीं मंत्री ? : लक्ष्मी राजवाड़े भटगांव विधानसभा से बीजेपी की विधायक चुनी गई हैं.ये सीट वैसे तो सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है.लेकिन इस विधानसभा में जातिगत समीकरण काम करता है. इस सीट पर पारसनाथ राजवाड़े पिछले दो बार से चुनाव जीतते आ रहे थे.लेकिन इस बार लक्ष्मी राजवाड़े ने पारसनाथ का विजय रथ रोक दिया.जिसका इनाम भी उन्हें मिला है. लक्ष्मी राजवाड़े ने अपने पहले ही चुनाव में कांग्रेस के पारसनाथ राजवाड़े को 43 हजार से अधिक मतों से पराजित किया. पारसनाथ राजवाड़े दो बार के विधायक थे. शपथ लेने के बाद लक्ष्मी राजवाड़ ने कहा कि बीजेपी ने मुझ जैसे छोटे से कार्यकर्ता पर भरोसा जताया. मैं आज पार्टी को धन्यवाद देना चाहती हूं.
''मैं ना सिर्फ भटगांव विधानसभा को प्रस्तुत करूंगी बल्कि पूरे राज्य के लिए काम करने का मौका मिला है. मोदी की सरकार में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है.मोदी की हर गारंटी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा.पार्टी आगे मुझसे जैसा काम करने को कहेगी मैं उसी निर्देश के मुताबिक जनता की भलाई के लिए काम करूंगी.'' - लक्ष्मी राजवाड़े, कैबिनेट मंत्री छत्तीसगढ़
पति ने नौकरी छोड़कर चुनाव में की मदद : एक कहावत है कि हर सफल इंसान के पीछे एक औरत का हांथ होता है. लेकिन यहां एक औरत की सफलता के पीछे एक पुरुष का हाथ था. ये पुरूष कोई और नही बल्कि लक्ष्मी राजवाडे के पति हैं जो पंचायत सचिव के पद पर नौकरी कर रहे थे. पत्नी को चुनाव लड़ाने ठाकुर राम राजवाड़े ने नौकरी से इस्तीफा दिया और जुट गए चुनावी मैदान में. आलम ये रहा ही संभाग में सबसे बड़ी जीत लक्ष्मी राजवाड़े ने दर्ज की.
पति संघ से रखते हैं ताल्लुक : लक्ष्मी राजवाडे के पति संघ से ताल्लुक रखते हैं. यही वजह थी कि टिकट भी इन्हें मिली और अब मंत्री पद भी. कटोरा गांव में पली बढ़ी लक्ष्मी की शादी सूरजपुर जिले के बीरपुर गांव में हुई है. यहां वो अपने पति और दो बेटे नरेंद्र और हिमांशू के साथ रहती हैं. लक्ष्मी राजवाड़े की पढ़ाई भी जारी है. बीए सेकेंड ईयर पास करने के बाद अब वो फाइनल ईयर की तैयारी कर रहीं हैं.
क्या है आय का स्त्रोत ? : परिवार में खेती के साथ लक्ष्मी राजवाड़े एक ईंट भट्ठे और 2 बॉयलर पोल्ट्री फार्म की मालकिन भी हैं. इनकी सफलता के पीछे इनके पति का बड़ा योगदान रहा है. हर समय उन्होंने साए की तरह लक्ष्मी का साथ दिया. विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने पति धर्म निभाया. सरकारी जॉब तक छोड़ दी.आज इस मेहनत का फल भी लक्ष्मी को मिला है.