बलरामपुर : जिले में मॉनसून आने के बाद भी बरसात नहीं होने से परेशान किसान चिंतित और परेशान हैं. बारिश नहीं होने के कारण खेती पीछे हो रही है. बलरामपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार बारिश के लिए मेंढक मेंढकी का विवाह कराया जाता (Unique Marriage of Frog For Rain in Balrampur) है.लिहाजा बरसों पुरानी इस परंपरा का ग्रामीणों ने निर्वहन किया.
बलरामपुर में बारिश के लिए अनोखी परंपरा : ग्रामीणों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों से इंद्र देव को खुश करने के लिए मेंढक और मेंढकी की शादी (Frog marriage in Balrampur) की. ढोल नगाड़ों के बीच दो गांव के लोगों ने मिलकर इस शादी कार्यक्रम का आयोजन किया. पूरे रीति रिवाज से मेंढक और मेंढकी की शादी कराई गई . लोगों का ऐसा मानना है कि मेंढक - मेंढकी के मिलन से आमतौर पर अच्छी बारिश होती है.
मेंढक - मेंढकी की शादी में जमकर नाचे ग्रामीण : बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत भेशकी और बरियों के ग्रामीणों ने मिलकर मेंढक और मेंढकी की शादी कराई. इस दौरान मेंढक की बारात ग्राम पंचायत भेशकी से ढोल - नगाड़ा तथा नाच गानों के साथ (Frog procession in Balrampur) निकली और बरियों में मेंढकी के साथ उसकी शादी कराई गई.
इंद्रदेव को खुश करने ग्रामीणों ने अपनाई पूरानी परंपरा : मेंढक मेंढकी की शादी में गांव के महिला पुरुष बच्चे, बूढ़े बुजुर्ग साथ ही गांव के सभी लोग शामिल हुए. ग्रामीणों ने कहा कि ''बारिश नही होने से वह सभी बेहद परेशान हैं ऐसे में उन्होंने इंद्रदेव को खुश करने के लिए पुरानी परंपरा अपनाई है ताकि क्षेत्र में अच्छी बारिश हो (Frog marries for good rain in Balrampur) सके.''
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पिछले साल भी बनी थी सूखे की स्थिति : बता दें कि पिछले साल भी जुलाई - अगस्त के महीने में लगातार कई दिनों तक बारिश नहीं हुई थी.धान की फसलें सूखने लगी थी जिससे ग्रामीण निराश हो गए थे. जिसके बाद रामानुजगंज क्षेत्र के ग्राम पंचायत भंवरमाल सहित अन्य गांवों में स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की. इसके फलस्वरूप क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई थी.