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बलरामपुर: 50 दिन भी नहीं टिका 20 लाख का बांध, मेड़ों को भी चटकर गया भ्रष्टाचार का दीमक

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Published : Sep 2, 2020, 4:08 PM IST

Updated : Sep 2, 2020, 8:00 PM IST

केंद्र और राज्य सरकार हर साल विकासकार्यों के लिए करोड़ों रुपये का आबंटन कर देती है. जिससे लोगों की परेशानी दूर हो सके, लेकिन लापरवाही और भ्रष्टाचार के खेल में सिर्फ सरकारी पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है. जिसका ताजा उदाहरण राजपुर के सेवारी ग्राम पंचायत में देखने को मिला है.

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सेवारी ग्राम पंचायत के पकरीडांड़ बांध में भ्रष्टाचार

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले एक महीने से लगातार बारिश हो रही है. मूसलाधार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर है. बारिश ने बलरामपुर जिले के राजपुर इलाके में सरकारी कामकाज की भी पोल खोलकर रख दी है. सेवारी ग्राम पंचायत में 20 लाख रुपये की लागत से बांध बनाया गया था, जो महज 50 दिन भी नहीं टिक पाया है. घटिया निर्माण के कारण 20 लाख रुपये पानी में बह गया है.

सेवारी ग्राम पंचायत के पकरीडांड़ बांध में भ्रष्टाचार

दरअसल, सेवारी ग्राम पंचायत के पकरीडांड़ में पानी रोकने के लिए 20 लाख रुपये लगाकर बांध निर्माण कराया गया था, ताकि इलाके में गर्मी के दिनों में हो रही पानी की समस्याओं से निजात मिल सके, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही और कोताही के कारण जून महीने में बना बांध अगस्त में ढह गया. बांध के मेड़ कई जगहों से टूट गए हैं. अब बांध में पानी की जगह मौत कुआं की तरह गड्ढे नजर आ रहे हैं.

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बलरामपुर में लापरवाही और भ्रष्टाचार का खेल

किसानों की फसल हो गई बर्बाद

जानकारी के मुताबिक बांध के टूटने के कारण किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है. किसानों का कहना है कि कैंपा मद से लगभग 20 लाख रुपये की लागत से बांध बनाया गया था. ताकि किसानों को सिंचाई और मवेशियों के लिए पानी का इंतजाम हो सके, लेकिन जिम्मेदारों ने किसानों की मेहनत को पानी में मिला दिया. पानी के बहाव में कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई है.

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राजपुर वन विभाग का बनवाया बांध टूट गया

निर्माण के बाद 50 दिन भी नहीं टिका बांध

जनपद पंचायत में दो दिन पहले वन समिति की बैठक रखी गई थी. इस बैठक में वन स्थाई समिति के सभापति से जनपद सदस्य मुकेश गुप्ता और लुकेश सांडिल्य ने सारे निर्माणकार्याें की जानकारी मांगी थी. इसी बातचीत के दौरान इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ था. जनपद सदस्यों ने डैम का निरीक्षण भी किया, जो निर्माण के बाद 50 दिन भी टिक नहीं सका.

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बांध टूटने के कारण फसल बर्बाद हो गई
District members arrived to take stock of Pakridand Dam
पकरीडांड़ बांध का जायजा लेने पहुंचे जनपद सदस्य

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

जनपद सदस्यों ने कहा कि वन विभाग को कैंपा मद से हर साल करोड़ों रुपये निर्माण कार्य के लिए दिए जाते हैं, जिससे वन क्षेत्रों में विकास हो सके, लेकिन यहां उन पैसों का किस तरह बंदरबांट किया जा रहा है. जनपद सदस्यों ने जाचं के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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20 लाख रूपये की लागत से बना बांध टूट गया

डिप्टी रेंजर का हैरान करने वाला बयान
वन विभाग के डिप्टी रेंजर का बयान भी हैरान करने वाला है. वो बार-बार एक ही बात दोहरा रहे हैं कि नए मिट्टी के बैठ जाने के कारण बांध बह गया है. उनका एक जवाब कई सवाल खडे कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले इसकी मरम्मत कराई गई थी, तो जब बांध का निर्माण जून महीने में ही हुआ था, तो उसकी मरम्मत कब और क्यों कराई गई. अभी भी वो मरम्मत की ही बात कर रहे हैं.

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले एक महीने से लगातार बारिश हो रही है. मूसलाधार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर है. बारिश ने बलरामपुर जिले के राजपुर इलाके में सरकारी कामकाज की भी पोल खोलकर रख दी है. सेवारी ग्राम पंचायत में 20 लाख रुपये की लागत से बांध बनाया गया था, जो महज 50 दिन भी नहीं टिक पाया है. घटिया निर्माण के कारण 20 लाख रुपये पानी में बह गया है.

सेवारी ग्राम पंचायत के पकरीडांड़ बांध में भ्रष्टाचार

दरअसल, सेवारी ग्राम पंचायत के पकरीडांड़ में पानी रोकने के लिए 20 लाख रुपये लगाकर बांध निर्माण कराया गया था, ताकि इलाके में गर्मी के दिनों में हो रही पानी की समस्याओं से निजात मिल सके, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही और कोताही के कारण जून महीने में बना बांध अगस्त में ढह गया. बांध के मेड़ कई जगहों से टूट गए हैं. अब बांध में पानी की जगह मौत कुआं की तरह गड्ढे नजर आ रहे हैं.

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बलरामपुर में लापरवाही और भ्रष्टाचार का खेल

किसानों की फसल हो गई बर्बाद

जानकारी के मुताबिक बांध के टूटने के कारण किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है. किसानों का कहना है कि कैंपा मद से लगभग 20 लाख रुपये की लागत से बांध बनाया गया था. ताकि किसानों को सिंचाई और मवेशियों के लिए पानी का इंतजाम हो सके, लेकिन जिम्मेदारों ने किसानों की मेहनत को पानी में मिला दिया. पानी के बहाव में कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई है.

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राजपुर वन विभाग का बनवाया बांध टूट गया

निर्माण के बाद 50 दिन भी नहीं टिका बांध

जनपद पंचायत में दो दिन पहले वन समिति की बैठक रखी गई थी. इस बैठक में वन स्थाई समिति के सभापति से जनपद सदस्य मुकेश गुप्ता और लुकेश सांडिल्य ने सारे निर्माणकार्याें की जानकारी मांगी थी. इसी बातचीत के दौरान इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ था. जनपद सदस्यों ने डैम का निरीक्षण भी किया, जो निर्माण के बाद 50 दिन भी टिक नहीं सका.

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बांध टूटने के कारण फसल बर्बाद हो गई
District members arrived to take stock of Pakridand Dam
पकरीडांड़ बांध का जायजा लेने पहुंचे जनपद सदस्य

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

जनपद सदस्यों ने कहा कि वन विभाग को कैंपा मद से हर साल करोड़ों रुपये निर्माण कार्य के लिए दिए जाते हैं, जिससे वन क्षेत्रों में विकास हो सके, लेकिन यहां उन पैसों का किस तरह बंदरबांट किया जा रहा है. जनपद सदस्यों ने जाचं के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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20 लाख रूपये की लागत से बना बांध टूट गया

डिप्टी रेंजर का हैरान करने वाला बयान
वन विभाग के डिप्टी रेंजर का बयान भी हैरान करने वाला है. वो बार-बार एक ही बात दोहरा रहे हैं कि नए मिट्टी के बैठ जाने के कारण बांध बह गया है. उनका एक जवाब कई सवाल खडे कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले इसकी मरम्मत कराई गई थी, तो जब बांध का निर्माण जून महीने में ही हुआ था, तो उसकी मरम्मत कब और क्यों कराई गई. अभी भी वो मरम्मत की ही बात कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 2, 2020, 8:00 PM IST
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