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Bore basi on labor day: बलरामपुर में कलेक्टर, एसपी सहित अधिकारियों ने बोरे बासी का उठाया मजा - गर्मी में फायदेमंद है बोरे बासी

Ate stale sacks on Labor Day in Balrampur: बलरामपुर में भी बोरे बासी खाकर श्रमिक दिवस मनाया गया. जिले के पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों ने बोरे बासी खाया.

Ate stale sacks on Labor Day in Balrampur
बलरामपुर में बोरे बासी खाकर श्रम को सम्मान
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Published : May 1, 2022, 7:52 PM IST

बलरामपुर: अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अपील पर श्रमवीरों के सम्मान में बोरे बासी भोजन ट्रेंड कर रहा है. जिला मुख्यालय बलरामपुर में सरगुजा संभाग आईजी, प्रभारी सचिव, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, वनमंडलाधिकारी सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने बोरे बासी भोजन का आनंद लिया. (Bore basi on labor day in Balrampur )

Ate stale sacks on Labor Day in Balrampur
अधिकारियों ने खाया बोरे बासी

बलरामपुर में बोरे बासी खाकर श्रम को सम्मान: छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति की विशिष्ट छाप यहां के भोजन में झलकती है. अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने श्रमिकों के सम्मान में बोरे बासी खाकर श्रम को सम्मान देने का आह्वान किया था. जिस पर ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक और आम आदमी से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों ने बोरे बासी का स्वाद लिया.बलरामपुर में आईजी अजय यादव, प्रभारी सचिव अवनीश शरण, कलेक्टर कुन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग, जिला पंचायत सीईओ रीता यादव सहित अन्य अधिकारियों ने बोरे बासी भोजन का आनंद लिया.

Ate stale sacks on Labor Day in Balrampur
नेताओं ने भी बोरे बासी का लिया मजा

गर्मी में ठंडक का एहसास: रायपुर पुलिस ने भी उठाया बोरे बासी का लुत्फ

गर्मी में फायदेमंद है बोरे बासी: गर्मी के मौसम में बोरे बासी खाने से गर्मी- लू से बचाव में कारगर है. शरीर को डिहाइड्रेट होने से भी बचाता है. साथ ही शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है. रात को खाना खाने के बाद बचे हुए चावल को पानी में डुबाकर रख दिया जाता है और उसे सुबह खाया जाता है, जिसको बासी कहते हैं. जबकि सुबह चावल बनाकर कुछ घंटे के बाद पानी डालकर खाना बोरे कहलाता है.

बलरामपुर: अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अपील पर श्रमवीरों के सम्मान में बोरे बासी भोजन ट्रेंड कर रहा है. जिला मुख्यालय बलरामपुर में सरगुजा संभाग आईजी, प्रभारी सचिव, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, वनमंडलाधिकारी सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने बोरे बासी भोजन का आनंद लिया. (Bore basi on labor day in Balrampur )

Ate stale sacks on Labor Day in Balrampur
अधिकारियों ने खाया बोरे बासी

बलरामपुर में बोरे बासी खाकर श्रम को सम्मान: छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति की विशिष्ट छाप यहां के भोजन में झलकती है. अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने श्रमिकों के सम्मान में बोरे बासी खाकर श्रम को सम्मान देने का आह्वान किया था. जिस पर ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक और आम आदमी से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों ने बोरे बासी का स्वाद लिया.बलरामपुर में आईजी अजय यादव, प्रभारी सचिव अवनीश शरण, कलेक्टर कुन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग, जिला पंचायत सीईओ रीता यादव सहित अन्य अधिकारियों ने बोरे बासी भोजन का आनंद लिया.

Ate stale sacks on Labor Day in Balrampur
नेताओं ने भी बोरे बासी का लिया मजा

गर्मी में ठंडक का एहसास: रायपुर पुलिस ने भी उठाया बोरे बासी का लुत्फ

गर्मी में फायदेमंद है बोरे बासी: गर्मी के मौसम में बोरे बासी खाने से गर्मी- लू से बचाव में कारगर है. शरीर को डिहाइड्रेट होने से भी बचाता है. साथ ही शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है. रात को खाना खाने के बाद बचे हुए चावल को पानी में डुबाकर रख दिया जाता है और उसे सुबह खाया जाता है, जिसको बासी कहते हैं. जबकि सुबह चावल बनाकर कुछ घंटे के बाद पानी डालकर खाना बोरे कहलाता है.

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