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बलरामपुर कन्हर नदी सूखने की कगार पर

बलरामपुर का कन्हर नदी का पानी लगभग सूख चुका है. कन्हर नदी का पानी सूखने से आसपास के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Balrampur Kanhar river
बलरामपुर कन्हर नदी
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Published : Apr 12, 2022, 6:53 PM IST

बलरामपुर: रामानुजगंज जिले में अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में ही गर्मी ने विकराल रूप धारण कर लिया है. इस क्षेत्र के नदी-नाले तालाब पूरी तरह से सुखने के कगार पर पहुंच गए हैं. रामानुजगंज क्षेत्र की जीवनदायिनी कही जाने वाली कन्हर नदी अब पूरी तरह से सुखने की कगार पर (Kanhar river on the verge of drying up) है.

दैनिक जरूरतों और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण कन्हर नदी: रामानुजगंज नगरीय क्षेत्र की लगभग 25 हजार की आबादी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से पेयजल, दैनिक जरूरतों और फसलों की सिंचाई के लिए कन्हर नदी पर निर्भर है. पेयजल की आपूर्ति के लिए नदी के पानी का उपयोग किया जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ झारखंड दोनों राज्यों के बीच प्रवाहित होने वाली कन्हर नदी अब सूखती जा रही है.

बलरामपुर कन्हर नदी सूखने की कगार पर

यह भी पढ़ें: Youth punished for defecating in the open: खुले में शौच करते पाए गए दो युवकों को करनी पड़ी उठक-बैठक

बारिश के पानी पर निर्भर नदी: कन्हर नदी का उद्गम छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के खुड़िया पठार से हुआ है. यह नदी झारखंड की सीमा से होते हुए उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले में सोन नदी में जाकर मिल जाती है. नदी बरसात के पानी पर निर्भर है. बरसात के दिनों में जब पहाड़ी इलाकों में बारिश होती है, तब नदी का जलस्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है. लेकिन मार्च-अप्रैल और मई के महीने में नदी पूरी तरह से सुख जाती है. फरवरी के महीने में जलसंसाधन विभाग की लापरवाही के चलते कन्हर एनीकट का गेट खुल गया था, जिससे नदी में एकत्रित हुआ पानी का अधिकांश हिस्सा बह गया था. जिसके बाद आनन-फानन में अधिकारियों ने गेट बंद कराया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.

बलरामपुर: रामानुजगंज जिले में अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में ही गर्मी ने विकराल रूप धारण कर लिया है. इस क्षेत्र के नदी-नाले तालाब पूरी तरह से सुखने के कगार पर पहुंच गए हैं. रामानुजगंज क्षेत्र की जीवनदायिनी कही जाने वाली कन्हर नदी अब पूरी तरह से सुखने की कगार पर (Kanhar river on the verge of drying up) है.

दैनिक जरूरतों और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण कन्हर नदी: रामानुजगंज नगरीय क्षेत्र की लगभग 25 हजार की आबादी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से पेयजल, दैनिक जरूरतों और फसलों की सिंचाई के लिए कन्हर नदी पर निर्भर है. पेयजल की आपूर्ति के लिए नदी के पानी का उपयोग किया जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ झारखंड दोनों राज्यों के बीच प्रवाहित होने वाली कन्हर नदी अब सूखती जा रही है.

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बारिश के पानी पर निर्भर नदी: कन्हर नदी का उद्गम छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के खुड़िया पठार से हुआ है. यह नदी झारखंड की सीमा से होते हुए उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले में सोन नदी में जाकर मिल जाती है. नदी बरसात के पानी पर निर्भर है. बरसात के दिनों में जब पहाड़ी इलाकों में बारिश होती है, तब नदी का जलस्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है. लेकिन मार्च-अप्रैल और मई के महीने में नदी पूरी तरह से सुख जाती है. फरवरी के महीने में जलसंसाधन विभाग की लापरवाही के चलते कन्हर एनीकट का गेट खुल गया था, जिससे नदी में एकत्रित हुआ पानी का अधिकांश हिस्सा बह गया था. जिसके बाद आनन-फानन में अधिकारियों ने गेट बंद कराया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.

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