बलरामपुर: जुलाई का महीना समाप्त होने वाला है. लेकिन जिले में अब तक अच्छी बारिश नहीं हुई है. जिले में सावन के महीने में भी बारिश नहीं होने के कारण अब तक यहां के नदी व झरने पूरी तरह से सूखे पड़े हुए (Awrajhariya Waterfall Dry on Rainy Season in Balrampur) हैं. इसका असर यहां के प्रसिद्ध अंवराझारिया वाटरफॉल में भी देखा जा सकता है. जो अब तक पूरी तरह से सूखा पड़ा हुआ है. पहले बारिश के मौसम में हर साल यहां सैलानियों की भीड़ दिखाई देती थी. घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे हुए इस वाटरफॉल में पिकनिक मनाने सैंकड़ों लोग आते थे. लेकिन इस वर्ष यहां पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई दे रहा है.
बारिश के पानी पर निर्भर है वाटरफॉल: जिला मुख्यालय बलरामपुर से 6 किलोमीटर दूर स्थित यह झरना पूरे बलरामपुर रामानुजगंज जिले की पहचान है. आसपास के क्षेत्रों और दूसरे राज्यों से भी हजारों पर्यटक यहां घूमने आते हैं. लेकिन इस साल यह झरना पूरी तरह से सूखा हुआ है. अंवराझरिया वाटरफॉल (Awrajhariya Waterfall) बारिश के पानी पर ही निर्भर है. हर साल यह वाटरफॉल बरसात के मौसम में पानी से लबालब रहता था. लेकिन इस वर्ष अब तक पूरी तरह से सूख हुआ है. स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि बारिश में यह झरना फिर पानी से भर जायेगा. लेकिन बहुत कम मात्रा में बारिश होने से झरना सूखा पड़ा हुआ है.
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पिकनिक स्पॉट के रूप में भी जाना जाता है अंवराझरिया वाटरफॉल : अंवराझरिया वाटरफॉल (Awrajhariya Waterfall) बारिश के पानी पर ही निर्भर है. वाटरफॉल राष्ट्रीय राजमार्ग 343 के किनारे ही स्थित है. सड़क किनारे स्थित होने से यहां से गुजरने वाले लोग वाटरफॉल का आनंद लेने के लिए रूक ही जाते हैं. बारिश के मौसम में जब इस खुबसूरत वाटरफॉल की चट्टानों से टकराते हुए पानी नीचे गिरती थी, तो इस झील की सुंदरता को देख लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. बारिश के दौरान आसपास के क्षेत्रों से हर दिन सैकड़ों लोग यहां पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. लेकिन इस वर्ष सूखे की मार झेल रहे अंवराझरिया वाटरफॉल से सैलानी गायब हैं.
घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा है अंवराझरिया वाटरफॉल: अंवराझरिया वाटरफॉल चारों ओर से घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ अत्यंत मनोरम स्थान (Awrajhariya Waterfall) है. बारिश के मौसम में यहां की रौनक बहुत खास होती है. आस-पास क्षेत्रों सहित सीमावर्ती राज्य झारखंड, उत्तरप्रदेश एवं बिहार से भी सैलानियों का जमावड़ा यहां प्रतिवर्ष लगता था. लेकिन सूखे झरने ने लोगों को निराश कर दिया है.