बिलासपुर : लोफंदी में 9 ग्रामीणों की मौत का मामला गरमाता जा रहा है. ग्रामीणों की मौत, कारण, जांच और प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जिला कांग्रेस कमेटी ने पीड़ित परिवारों के साथ प्रेसवार्ता कर जिला प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किया है. सरकार के इशारे पर प्रशासन पर मामले को दबाने का गंभीर आरोप लगाया है. कांग्रेस ने इस मामले में न्यायिक जांच और पीड़ितों को दस दस लाख रुपए मुआवजा देने की मांग भी की है.
कांग्रेस के प्रशासन पर गंभीर आरोप : बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी ने आरोप लगाए हैं कि पूरे घटनाक्रम में प्रशासन की भूमिका संदेहास्पद है.पहले प्रशासन ने मौत के आंकड़ों को छिपाया. फिर मौत के कारणों को लेकर प्रशासन ने अपनी थ्योरी बनाई. प्रशासन इसे फूड प्वॉयजनिंग बता रहा है, जबकि ग्रामीण और पीड़ित कह रहे हैं कि मौत शराब का सेवन करने से हुई है. इतना ही नहीं प्रशासन जांच में भी जान बूझकर हिला-हवाला कर रहा है
बिना पोस्टमार्टम के ग्रामीणों के शव परिजनों को सौंप दिए गए, जिनका अंतिम संस्कार भी हो गया. जिनका पोस्टमार्टम हुआ है,उनकी भी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही है. सरकार के इशारे में प्रशासन घटना पर शुरु से पर्दा डालने में लगा है. कांग्रेस की जांच समिति पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी और प्रशासन को बेनकाब करेगी - विजय केशरवानी, जिलाध्यक्ष कांग्रेस
कांग्रेस ने मामले में न्यायिक जांच के साथ पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की भी मांग की है. पीड़ित परिजनों ने मौत का कारण शराब को बताया है.
गांव में बड़े पैमाने पर लोग शराब का सेवन करते हैं.गांव में अवैध शराब का कारोबार चलता है.जिस पर शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है. यही वजह है कि बड़ी संख्या में ग्रामीणों की मौत हुई है- पीड़ित परिजन
कितने लोगों की हुई मौत : बिलासपुर के लोफंदी गांव में बीते 4 दिनों में 9 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें देव कुमार पटेल, शत्रुहन देवांगन, कन्हैया पटेल, कोमल लहरे, बलदेव पटेल, कोमल देवांगन ऊर्फ नानू, रामू सुनहले, पवन कश्यप और बुधराम पटेल शामिल हैं. ग्रामीणों के मौत से गांव में मातम पसरा हुआ है. मौत को लेकर अलग-अलग तरह की चर्चाएं हैं. प्रशासन इसे फूड प्वॉयजनिंग और अन्य कारणों से जोड़ रहा है. वहीं ग्रामीण शराब सेवन से मौत होना बता रहे हैं.
एक-एक करके हुई मौत : इन ग्रामीणों की मौत एक के बाद एक हुई. इसके बाद बिना पोस्टमार्टम के ही शवों का पोस्टमार्टम कर दिया गया. इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. पीड़ित परिजनों का कहना है कि मृतकों में अधिकांश शराब का रोजाना सेवन करने वाले थे. पीड़ित परिजनों ने इसके साथ ही फूड प्वॉयजनिंग से इनकार किया है. बहरहाल 9 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. 5 गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. उसके बावजूद ग्रामीणों के मौत पर सवाल बना हुआ है.
बिलासपुर के कोनी में फूड प्वाइजनिंग का कहर, एक शख्स की मौत
पाटन से भारी मात्रा में अवैध शराब जब्त, 7 आरोपी गिरफ्तार, भूपेश बघेल बोले पुलिस ने अनलोड की शराब
नगरीय निकाय चुनाव 2025 : ये दस्तावेज हैं तो ही डाल पाएंगे वोट, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी की सूची