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अंबिकापुर : बोल बम के जयकारे के साथ शिव का जलाभिषेक करने निकले कांवरिए

हजारों की संख्या में शिव भक्तों का समूह भगवान का जलाभिषेक करने कैलाश गुफा के लिए हुए रवाना है

शिव का जलाभिषेक करने निकले कांवरिए
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Published : Jul 28, 2019, 10:59 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

अंबिकापुर : सावन माह भगवान शिव की आराधना का महीना माना जाता है. हिन्दू मान्यता के अनुसार सावन के महीने में पूजा-पाठ कर भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है, लिहाजा भगवान शिव का जलाभिषेक करने शहर से हजारों की संख्या में कांवरियों का जत्था रवाना हुआ है.

हजारों की संख्या में कांवरियों का जत्था रवाना

भगवान शिव का करेंगे जलाभिषेक

बोल-बम के नारों के साथ शंकरघाट स्थित बाकी नदी से जल भरकर कैलाश गुफा के लिए हजारों श्रद्धालु रवाना हुए. अंबिकापुर के शंकर घाट से करीब 70 किमी की पैदल यात्रा कर कांवरिया मंगलवार को सुबह कैलाश गुफा में भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे.

भक्तों की मनोकामनाएं होती हैं पूरी

सामरबार नाम की जगह पर गुफा के अंदर स्वयं प्रगट शिव-पार्वती की प्रतिमा है, जिसे कैलाश गुफा के नाम से जाना जाता है. हर साल सावन के महीने में हजारों की संख्या में कांवरिए भगवान शिव का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. मान्यता है कि सावन में भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था

कावरियों का जत्था अंबिकापुर से पैदल यात्रा कर शाम को बतौली में विश्राम करने के बाद, सोमवार सुबह कैलाश गुफा के लिए रवाना होगा. इस दौरान जगह-जगह पर श्रद्धालुओं के रुकने और भोजन की व्यवस्था की गई है.

अंबिकापुर : सावन माह भगवान शिव की आराधना का महीना माना जाता है. हिन्दू मान्यता के अनुसार सावन के महीने में पूजा-पाठ कर भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है, लिहाजा भगवान शिव का जलाभिषेक करने शहर से हजारों की संख्या में कांवरियों का जत्था रवाना हुआ है.

हजारों की संख्या में कांवरियों का जत्था रवाना

भगवान शिव का करेंगे जलाभिषेक

बोल-बम के नारों के साथ शंकरघाट स्थित बाकी नदी से जल भरकर कैलाश गुफा के लिए हजारों श्रद्धालु रवाना हुए. अंबिकापुर के शंकर घाट से करीब 70 किमी की पैदल यात्रा कर कांवरिया मंगलवार को सुबह कैलाश गुफा में भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे.

भक्तों की मनोकामनाएं होती हैं पूरी

सामरबार नाम की जगह पर गुफा के अंदर स्वयं प्रगट शिव-पार्वती की प्रतिमा है, जिसे कैलाश गुफा के नाम से जाना जाता है. हर साल सावन के महीने में हजारों की संख्या में कांवरिए भगवान शिव का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. मान्यता है कि सावन में भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था

कावरियों का जत्था अंबिकापुर से पैदल यात्रा कर शाम को बतौली में विश्राम करने के बाद, सोमवार सुबह कैलाश गुफा के लिए रवाना होगा. इस दौरान जगह-जगह पर श्रद्धालुओं के रुकने और भोजन की व्यवस्था की गई है.

Intro:अम्बिकापुर-रविवार को हजारो की संख्या में कांवरियों का जत्था बोल बम के नारे के साथ शंकरघाट स्थित बाकी नदी से जल भरकर कैलाश गुफा के लिये रवाना हुआ। अम्बिकापुर के शंकर घाट से करीब 70 किमी की पैदल यात्रा कर कांवरिया मंगलवार को सुबह कैलाश गुफा में भगवान शिव का जलाभिषेक करेगे।


Body:बताया जाता है कि भगवान शिव का प्रिय महीना सावन है इसलिए सावन के महीने में पूजा पाठ कर भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है ।

अंबिकापुर शहर से 70 किलोमीटर दूरी पर स्थित सामरबार में गुफा के अंदर स्वम प्रगट शिव पार्वती की प्रतिमा है,जिसको कैलाश गुफा के नाम जाना जाता है। जहाँ हर वर्ष सावन के महीने में हजारों की संख्या में कावरिया भगवान शिव का जलाभिषेक करने पहुचते है।





Conclusion: कावरियों अम्बिकापुर से पैदल यात्रा कर आज शाम बतौली में विश्राम करने के बाद सोमवार सुबह कैलाश गुफा के लिए रवाना होगी । इस दौरान जगह जगह पर उनके रुकने और भोजन की व्यवस्था होती है। बोल बम के नारे के साथ भक्त बिना किसी परेशानी से कैलाश गुफा पहुँचकर मंगलवार सुबह भगवान शिव का जलाभिषेक करेगे ।

बाईट 01- पूजा गुप्ता ( श्रद्धालु)

बाईट 02 -लक्ष्मीनारायण ( श्रद्धालु)

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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