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SPECIAL: गोबर की घड़ियां बदलेगी इन महिलाओं का समय

अंबिकापुर की महिलाएं गौठानों से निकलने वाले गोबर से दीया के बाद अब घड़ी बना रही हैं. इससे महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. साथ ही गोबर की ये घड़ियां बहुत ही मनमोहक हैं.

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Published : Dec 11, 2019, 1:43 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

Women of Ambikapur making clock with cow dung
गोबर की घड़ियां

सरगुज़ा: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गरुवा, गरवा, घुरुवा और बारी के तहत बनी गौठान महिलाओं के रोजगार के लिए कारगर साबित हो रही है. महिलाएं गौठानों के गोबर से रंग-बिरंगे दीये के बाद अब कलरफुल घड़ियां बना रही हैं. ये रंग-बिरंगी घड़ियां दिखने में काफी मनभावन है, जो पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है.

गोबर की घड़ियां

बता दें, ऑर्गेनिक वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरगुजा जिले में पहली बार महिलाओं ने गोबर से घड़ियां बनाई हैं. सरगंवा गौठान के अंतर्गत कार्यरत महिलाओं को जिला पंचायत ने प्रशिक्षण दिलवाया है. प्रशिक्षण के बाद महिलाएं गोबर की माला, दीये सहित कुल 20 प्रकार के उत्पाद का निर्माण कर रही है. इनमें सबसे अहम उत्पाद है घड़ी जिसे अब सरगुजा में बनाया जा रहा है. महिलाओं के इस रोजगार को घड़ी निर्माण से एक नई दिशा मिलने की उम्मीद जगी है.

Women of Ambikapur making clock with cow dung
घड़ी बदलेगा महिलाओं का समय

गोबर की घड़ियां बेहद आकर्षक
गोबर से बनने वाली ये घड़ी आर्गेनिक होने के साथ-साथ बेहद आकर्षक और सस्ते दर पर भी उपलध होंगी, हालांकि अभी इस घड़ी की बिक्री शुरू नहीं हुई है. जिस वजह से इसका मूल्य भी निर्धारित नहीं किया गया है, लेकिन घड़ियों का निर्माण शुरू हो चुका है. मास्टर ट्रेनर ने बताया की राजस्थान में गोबर की घड़ियां बनाई जाती हैं, जो बेहद आकर्षक होती हैं.

Women of Ambikapur making clock with cow dung
गोबर से बनी घड़ी

महिलाओं की अच्छी पहल
महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए बाहर से आए मास्टर ट्रेनर ने इन महिलाओं को ट्रेनिंग दी है. अब सरगंवा में घड़ी निर्माण का काम महिलाएं खुद कर रही हैं. गोबर की घड़ियों के पर्याप्त स्टॉक होने के बाद जिला पंचायत इसकी बिक्री की कवायद करेगी, जिससे इन महिलाओं की आमदनी में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है. जिला पंचायत सीईओ कुलदीप शर्मा का मानना है कि ये महिलाओं की अच्छी पहल है. इसकी बिक्री से महिलाओं के जीवन में सुधार आयेगा.

Women of Ambikapur making clock with cow dung
घड़ी बनाती महिलाएं

सरगुज़ा: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गरुवा, गरवा, घुरुवा और बारी के तहत बनी गौठान महिलाओं के रोजगार के लिए कारगर साबित हो रही है. महिलाएं गौठानों के गोबर से रंग-बिरंगे दीये के बाद अब कलरफुल घड़ियां बना रही हैं. ये रंग-बिरंगी घड़ियां दिखने में काफी मनभावन है, जो पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है.

गोबर की घड़ियां

बता दें, ऑर्गेनिक वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरगुजा जिले में पहली बार महिलाओं ने गोबर से घड़ियां बनाई हैं. सरगंवा गौठान के अंतर्गत कार्यरत महिलाओं को जिला पंचायत ने प्रशिक्षण दिलवाया है. प्रशिक्षण के बाद महिलाएं गोबर की माला, दीये सहित कुल 20 प्रकार के उत्पाद का निर्माण कर रही है. इनमें सबसे अहम उत्पाद है घड़ी जिसे अब सरगुजा में बनाया जा रहा है. महिलाओं के इस रोजगार को घड़ी निर्माण से एक नई दिशा मिलने की उम्मीद जगी है.

Women of Ambikapur making clock with cow dung
घड़ी बदलेगा महिलाओं का समय

गोबर की घड़ियां बेहद आकर्षक
गोबर से बनने वाली ये घड़ी आर्गेनिक होने के साथ-साथ बेहद आकर्षक और सस्ते दर पर भी उपलध होंगी, हालांकि अभी इस घड़ी की बिक्री शुरू नहीं हुई है. जिस वजह से इसका मूल्य भी निर्धारित नहीं किया गया है, लेकिन घड़ियों का निर्माण शुरू हो चुका है. मास्टर ट्रेनर ने बताया की राजस्थान में गोबर की घड़ियां बनाई जाती हैं, जो बेहद आकर्षक होती हैं.

Women of Ambikapur making clock with cow dung
गोबर से बनी घड़ी

महिलाओं की अच्छी पहल
महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए बाहर से आए मास्टर ट्रेनर ने इन महिलाओं को ट्रेनिंग दी है. अब सरगंवा में घड़ी निर्माण का काम महिलाएं खुद कर रही हैं. गोबर की घड़ियों के पर्याप्त स्टॉक होने के बाद जिला पंचायत इसकी बिक्री की कवायद करेगी, जिससे इन महिलाओं की आमदनी में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है. जिला पंचायत सीईओ कुलदीप शर्मा का मानना है कि ये महिलाओं की अच्छी पहल है. इसकी बिक्री से महिलाओं के जीवन में सुधार आयेगा.

Women of Ambikapur making clock with cow dung
घड़ी बनाती महिलाएं
Intro:सरगुज़ा : ऑर्गेनिक वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जहां सरगुज़ा के युवाओं ने गोबर की गणेश प्रतिमा बनवा कर अनूठी पहल ही थी, तो वहीं प्रदेश सरकार अब प्रदेश भर के गौठानो में गोबर के दीये सहित अन्य वस्तुओं का निर्माण महिलाओं के माध्यम से शुरू कराया है, इस पहल में सरगुज़ा जिले में पहली बार महिलाओं ने गोबर से घड़ियां बना दी हैं, जिले के सरगंवा गौठान के अंतर्गत कार्यरत महिलाओ को जिला पंचायत ने प्रशिक्षण दिलवाया है, और प्रशिक्षण के बाद महिलाएं गोबर की माला, दीये सहित कुल 20 प्रकार के उत्पाद का निर्माण कर रही हैं, इनमें सबसे अहम उत्पाद है घड़ी जिसे अब सरगुज़ा में बनाया जा रहा है, और महिलाओं के इस रोजगार को घड़ी निर्माण से एक नई दिशा मिलने की उम्मीद जगी है।

गोबर से बनने वाली ये घड़ी आर्गेनिक होने के साथ साथ बेहद आकर्षक और सस्ते दर पर भी उपलध होंगी, हालाकी अभी इस घड़ी का विक्रय शुरू नही हुआ है जिस वजह से इसका मूल्य भी निर्धारित नही किया गया है, लेकिन घड़ियों का निर्माण शुरू हो चुका है। मास्टर ट्रेनर ने बताया की राजस्थान में गोबर की घड़ियां बनाई जाती हैं जो बेहद आकर्षक होती हैं, और उन्हें देखकर कर ही यह शुरुआत की जा रही है।


Body:महिलाओ को प्रशिक्षण देने के लिए बाहर से आये मास्टर ट्रेनर ने इन महिलाओ को ट्रेनिंग दी है और अब सरगंवा में घड़ी निर्माण का काम महिलाएं खुद कर रही हैं, गोबर की घड़ियों के निर्माण के पर्याप्त स्टॉक होने के बाद जिला पंचायत इसकी बिक्री की कवायद करेगा जिससे इन महिलाओं की आमदनी में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है जिला पंचायत सीईओ कुलदीप शर्मा का मानना है की ये महिलाओं की अभिनव पहल है और इसकी बिक्री से महिलाओ के जीवन मे सुधार आयेगा।


Conclusion:बहारहाल महिलाओं की आजीविका बढ़ाने के उद्देश्य से अच्छा प्रयास किया जा रहा है, लेकिन गोबर की ये घड़ियां इन महिलाओं का समय कब बदलेंगी ये तो इनकी बिक्री और आमदनी के बाद ही समझ आएगा।

बाईट01_लक्ष्मी (घड़ी के निर्माण में लगी महिला)

बाईट02_मास्टर ट्रेनर

बाईट03_कुलदीप शर्मा (सीईओ जिला पंचायत सरगुज़ा)

देश दीपक सरगुज़ा
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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