सरगुज़ा: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गरुवा, गरवा, घुरुवा और बारी के तहत बनी गौठान महिलाओं के रोजगार के लिए कारगर साबित हो रही है. महिलाएं गौठानों के गोबर से रंग-बिरंगे दीये के बाद अब कलरफुल घड़ियां बना रही हैं. ये रंग-बिरंगी घड़ियां दिखने में काफी मनभावन है, जो पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है.
बता दें, ऑर्गेनिक वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरगुजा जिले में पहली बार महिलाओं ने गोबर से घड़ियां बनाई हैं. सरगंवा गौठान के अंतर्गत कार्यरत महिलाओं को जिला पंचायत ने प्रशिक्षण दिलवाया है. प्रशिक्षण के बाद महिलाएं गोबर की माला, दीये सहित कुल 20 प्रकार के उत्पाद का निर्माण कर रही है. इनमें सबसे अहम उत्पाद है घड़ी जिसे अब सरगुजा में बनाया जा रहा है. महिलाओं के इस रोजगार को घड़ी निर्माण से एक नई दिशा मिलने की उम्मीद जगी है.
![Women of Ambikapur making clock with cow dung](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5334641_4.jpg)
गोबर की घड़ियां बेहद आकर्षक
गोबर से बनने वाली ये घड़ी आर्गेनिक होने के साथ-साथ बेहद आकर्षक और सस्ते दर पर भी उपलध होंगी, हालांकि अभी इस घड़ी की बिक्री शुरू नहीं हुई है. जिस वजह से इसका मूल्य भी निर्धारित नहीं किया गया है, लेकिन घड़ियों का निर्माण शुरू हो चुका है. मास्टर ट्रेनर ने बताया की राजस्थान में गोबर की घड़ियां बनाई जाती हैं, जो बेहद आकर्षक होती हैं.
![Women of Ambikapur making clock with cow dung](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5334641_1.jpg)
महिलाओं की अच्छी पहल
महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए बाहर से आए मास्टर ट्रेनर ने इन महिलाओं को ट्रेनिंग दी है. अब सरगंवा में घड़ी निर्माण का काम महिलाएं खुद कर रही हैं. गोबर की घड़ियों के पर्याप्त स्टॉक होने के बाद जिला पंचायत इसकी बिक्री की कवायद करेगी, जिससे इन महिलाओं की आमदनी में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है. जिला पंचायत सीईओ कुलदीप शर्मा का मानना है कि ये महिलाओं की अच्छी पहल है. इसकी बिक्री से महिलाओं के जीवन में सुधार आयेगा.
![Women of Ambikapur making clock with cow dung](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5334641_5.jpg)