सरगुजा: एक तरफ जहां लोग अपने अलावा किसी और के बारे में नहीं सोचते, जब मदद के लिए उठने वाले हाथ कम हो गए हों, अंबिकापुर में महिलाओं की टोली उम्मीद की तरह लगती है. ऐसे में जब अपने ही परिवार के लोग साथ छोड़ रहे हों तो इन महिलाओं ने अनजानों का पेट भरने की कोशिश की है. जरूरतमंद इसके लिए इन महिलाओं को खूब दुआएं देते हैं.
अंबिकापुर की कुछ महिलाएं हफ्ते में 3 दिन गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिलाती हैं. 20-25 महिलाओं की ये टोली अपने घर में कुछ न कुछ बनाती है और जहां जरूरतमंद रहते हैं वहां बांट आती है. ये महिलाएं बकायदा खाना परोसती हैं और ये नेका काम पिछले 3 साल से कर रही हैं. सप्ताह के 3 दिन सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को ही यह भोजन सेवा दी जाती है.
महिलाएं कहती हैं कि वे ये काम हफ्ते के 7 दिन करना चाहती हैं लेकिन इसके लिए उन्हें समाज के और लोगों के भी साथ की जरूरत है, जिससे उन्हें आर्थिक मदद भी मिल सके. हफ्ते में 3 दिन ही सही लेकिन कम से कम इन महिलाओं के अंदर इतनी मानवीयता तो है कि ये अपना समय और धन खर्च कर गरीब लोगों का पेट भर रही हैं.