सरगुजा: दूध में मौजूद तत्वों की उपयोगिता के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक जन्म के बाद शिशु के लिये मां का दूध ही सबसे उत्तम है. कई बार जब मां का दूध नहीं होता तब बच्चे को फार्मूला मिल्क दिया जाता है. कई कंपनियों ने फार्मूला मिल्क को मां के दूध में मौजूद कंटेंट के अनुसार वैसा ही बनाने का प्रयास किया है. लेकिन वो भी करीब 98 % ही बना सके हैं, क्योंकि मां का दूध अमृत होता है. बिल्कुल वैसा बना पाना सम्भव नहीं है. आइये जानते हैं किस उम्र में कौन सा दूध ज्यादा फायदेमंद है.
"बच्चों को पहले 6 महीने गाय, भैंस, बकरी किसी भी जानवर का दूध रिकमंड नहीं करते हैं. बच्चों को 6 माह के बाद आम तौर पर गाय का दूध उपलब्ध होता है. तो लोग उसे प्रेफर करते हैं. लेकिन सिर्फ दूध पर निर्भरता नहीं होनी चाहिए. इसके साथ बच्चे को अलग अलग खाना भी खिलाना चाहिए. गाय की तुलना में भैंस के दूध में ज्यादा कैलोरी होती है. बकरी में भैंस की तुलना में और अधिक कैलोरी होती है. लेकिन 3 चीजें हमे ध्यान रखनी है. एबेबिलटी, एफोर्डेबेलटी और असेसबेलटी मतलब जो दूध उपलब्ध हो, जो दूध हम वहन कर सकें और जो दूध आसानी से हम रोज बच्चे को पिला सकें."- शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. स्मिता परमार
गाय की तुलना में भैंस और बकरी के दूध में ज्यादा कैलोरी: डॉ. स्मिता ने बताया कि "ये मिथ है कि गाय या भैस में से किसी का दूध नहीं दे सकते. गाय के दूध में कैलोरी फैट कंटेंट भैंस के दूध से कम होते हैं. गाय खुद पतली होती है, उसका दूध भी पतला होता है. उसमें मलाई भी कम होती है, ये आपकी च्वाइस है आप दोनों में से कुछ भी दे सकते हैं. भैंस का दूध ज्यादा बेहतर है. बहोत सारे बच्चों को गाय के दूध की एलर्जी हो सकती है, तो जब भी हम दूध पिलाना शुरू करते हैं. आप थोड़ा दूध पिलाकर टॉलरेंस बच्चे का देख लें. फिर धीरे धीरे आप उसको क्वान्टिटी वाइस बढ़ा सकते हैं."
दूध में मौजूद तत्व: जानकारों के मुताबिक दूध में आम तौर पर कैलोरी, कैल्शियम फास्फोरस, पोटैशियम होता है. कैल्शियम फास्फोरस हमारे बोन डेवलपमेंट के लिए जरूरी है. बच्चों का 70% बॉडी डेवलपमेंट पहले 5 वर्ष में ही होता है. ऐसे समय में बोन ग्रोथ के लिये कैल्शियम फास्फोरस अहम है. यह आपको सिर्फ दूध से मिलता है. पोटेशियम आपके हार्ट के लिए जरूरी है. मल्टी विटामिन्स, बी 12, राइबोफ्लेविन हमें दूध से ही मिलता है.
सिर्फ दूध पिलाने से एनीमिक हो सकता है बच्चा: कई बार ऐसे मरीज आते हैं, जिनके बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है. ग्रोथ नहीं हो रही है. ज्यादातर केसों में ऐसा होता है कि वो बच्चे को सिर्फ दूध ही पिला रहे होते हैं. जानकार कहते हैं कि सिर्फ दूध पिलाना सही नहीं है. आप आधा गिलास सुबह, आधा गिलास शाम दूध दे सकते हैं. 6 महीने बाद हमे कंप्लीमेंट्री फीड देना पड़ता है. घर में बना खाना खिला सकते हैं. मां का दूध हो या कोई भी दूध हो, दूध में आयरन कंटेंट बेहद कम होता है. अगर आप बच्चे को सिर्फ दूध पर पालते हैं तो बच्चे को आयरन की कमी हो सकती है और बच्चा एनीमिक हो सकता है.