सरगुजा : अंबिकापुर नगर निगम और जल संसाधन विभाग में पानी के बिल को लेकर ठन गई है. नगर निगम शहर वासियों को रोजाना पानी की सप्लाई करता है. इस पानी के बिल का भुगतान नगर निगम की तरफ से जल संसाधन विभाग को करना होता है. इस मामले में जल संसाधन विभाग ने नगर निगम पर 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया बिल नहीं देने का आरोप लगाया है. उधर इस मामले में नगर निगम ने जल संसाधन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने जल संसाधन विभाग पर दोगुनी राशि वसूलने की बात कही है. नगर निगम इसे गलत बता रहा है. इसलिए इस मुद्दे पर टकराव की स्थिति पैदा हो गई है.
नगर निगम शहर में पानी सप्लाई के लिये बांकी डैम से पानी लेता है, जिसका भुगतान जल संसाधन विभाग को करना होता है. जल संसाधन विभाग ने नगर निगम का एक साल का 2 करोड़ 4 लाख रुपये बकाया बिल भेजा है. साथ ही समय पर राशि जमा ना करने पर 24 प्रतिशत ब्याज और 1 प्रतिशत सेवा शुल्क की वसूली करने की बात भी कही है. नगर निगम आयुक्त का दावा है कि वो प्रतिदिन 2 करोड़ लीटर पानी बांकी डैम से लेते हैं. इस हिसाब से साल भर का लगभग 40 से 45 लाख रुपए का भुगतान जल संसाधन को देना होता है.
नगर निगम ने साल 2018 में साल 2017 का 2 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था. जल संसाधन विभाग ने फिर एक साल का बिल 2 करोड़ से अधिक का भेज दिया है, जो समझ से परे है. निगम आयुक्त जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से बैठक करने की बात कह रहे हैं. वहीं आयुक्त का कहना है कि 'जरूरत पड़ी तो इस मामले में शासन से भी सहयोग लेंगे, लेकिन लोगों को समस्या नहीं होने देंगे'.
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अब देखना है कि शासन के ही दो अलग-अलग विभागों के बीच पैसे को लेकर शरू हुए इस टकराव का क्या परिणाम होता है. जल संसाधन विभाग खुद को सही बताते हुए अनुबंधों के शर्तों का हवाला दे रहा है तो, वहीं निगम आयुक्त पानी के मूल्य और अनुपात का हवाला देकर जल संसाधन विभाग के हिसाब पर सवाल खड़े कर रहा है.