सरगुजा: अप्लास्टिक एनीमिया की बिमारी से जूझ रही बच्ची वैष्णवी की मदद के लिए 'अनोखी सोच' ने हाथ आगे बढ़ाया है. मानवता की मिशाल पेश करते हुए समाज सेवी संस्था ने बच्ची के पिता को 50 हजार रुपए का चेक प्रदान किया है. संस्था के छोटे से कदम से बच्ची की जिंदगी बचाने की आस जगी है. लेकिन अभी उसे और भी मदद की जरूरत है. ऐसे में संस्था ने और भी लोगों से आगे आकर बच्ची के मदद की अपील की है.
शहर के डीसी रोड निवासी दिलीप कुमार वर्मा बारदाना खरीद-बिक्री का कारोबार करते हैं. दिलीप कुमार वर्मा की 10 वर्षीय बच्ची का नाम वैष्णवी है. जिसकी पांच महीने पहले अचानक तबीयत खराब हुई. बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर परिजन ने उसे मिशन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. जहां जांच के बाद भी बच्ची की बीमारी का पता नहीं चल सका. जिसके बाद माता-पिता बच्ची को लेकर नागपुर गए थे. नागपुर में जांच के दौरान अप्लास्टिक एनीमिया नामक बीमारी की पुष्टि हुई.
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बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत
इस बीमारी के कारण बच्ची की जान को खतरा है. उसकी जान बचाने के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत है. बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए नागपुर के डॉक्टरों ने बच्चों को सीएमसी वेल्लोर ले जाने की सलाह दी है, लेकिन बच्ची के पिता दिलीप कुमार वर्मा की माली हालत ऐसी नहीं है कि वो अपनी बच्ची का इतना मंहगा इलाज करा पाए. बच्ची के बोन मैरो ट्रांसप्लांट में 30 लाख रुपये खर्च होने हैं. ऐसे में वे अपनी बच्ची वैष्णवी को लेकर वापस घर लौट आए.
बच्ची की जान बचाने सहयोग की अपील
इस बात की जानकारी मिलने के बाद शहर की समाजसेवी संस्था अनोखी सोच ने बच्ची के परिजन से संपर्क किया और संस्था के सदस्यों से चंदा एकत्रित कर आज उन्हें 50 हजार रुपए का चेक सौंपा है. इसके साथ ही संस्था ने समाज के अन्य लोगों से भी आगे आकर इस छोटी बच्ची की जान बचाने में सहयोग करने की अपील की है.
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क्या है अप्लास्टिक एनीमिया ?
स्वस्थ शरीर के लिए हमेशा नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण होते रहना जरूरी है, लेकिन अप्लास्टिक एनीमिया की स्थिति में शरीर में नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण बंद हो जाता है. अप्लास्टिक एनीमिया दुर्लभ और गंभीर स्थिति है जो किसी भी उम्र में हो सकती है. इस कंडिशन में आपका बोन मैरो नए ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं कर पाता है