सरगुजा: ग्राउंड पर की जा रही मेहनत का फल कभी इस तरह भी मिल सकता है ये स्वच्छता दीदीयों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा. लोगों के घरों में जा जा कर कचरा कलेक्शन करने जैसा काम भी शोहरत दिला सकता है, ये आज साबित भी हो गया. अंबिकापुर में कचरा कलेक्शन करने वाली दीदी पुरस्कार लेने तो कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर जा चुकी हैं, लेकिन बतौर अतिथि पहली बार न केवल किसी कार्यक्रम में शामिल हुईं, बल्कि स्वच्छता को लेकर अपने अनुभव भी साझा किए.
श्वेता सिन्हा ने जलाए दीप, सुनाए अनुभव: अंबिकापुर से सिटी प्रोग्रामर सौरभ राय के साथ श्वेता सिन्हा, हलकनिया दास, ज्ञान लता, निरासो, कुसुम मिंज दिल्ली के कार्यक्रम में शामिल हुईं हैं. श्वेता सिन्हा को न केवल दीप प्रज्ज्वलन के लिए मंच पर बुलाया गया, बल्कि स्वच्छता को लेकर अपने अनुभव साझा करने का भी मौका दिया गया. यह सम्मान अंबिकापुर नगर निगम के स्वच्छता मॉडल की मेहनत के कारण ही जिले के मिला है. स्वच्छता दीदियों के लिए यह किसी भी पुरस्कार से बढ़कर है.
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डिस्कशन में शामिल हुईं निगम आयुक्त: अंतरराष्ट्रीय स्तर की इस कार्यशाला में अंबिकापुर नगर निगम आयुक्त प्रतिष्ठा ममगई पैनलिस्ट रहीं. कार्यशाला में डीसेंट्रलाइज्ड वेस्ट मैनेजमेंट इन अंबिकापुर विषय पर नगर निगम आयुक्त ने देश भर के विशेषज्ञों के सामने विस्तार से जानकारी दी है. प्रतिष्ठा ममगई ने बताया कि "मैंने पैनल डिस्कसन में सर्कुलर इकोनॉमिक्स और डिकम्पोज मॉडल पर बोला, जिससे जीरो वेस्ट मॉडल हम अचीव कर पाए हैं." शहरी विकास मंत्री के साथ दीदियों के इंटरेक्शन में उत्तराखंड की टीम ने बताया कि "अंबिकापुर से काफी कुछ सीखने को मिला है." अंबिकापुर से श्वेता सिन्हा ने फील्ड में काम करने का अनुभव साझा किया.