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सरगुजा CMHO ने हड़ताल पर गए NHM संविदा कर्मचारियों को 24 घंटे में काम पर लौटने जारी किया नोटिस

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Published : Sep 21, 2020, 4:55 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा CMHO ने हड़ताल पर गए NHM संविदा कर्मचारियों को 24 घंटे में काम पर लौटने का नोटिस जारी किया है. सीएमएचओ ने जारी नोटिस में कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में एस्मा प्रभावशील है. इसका उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है.

CMHO issued notice to NHM contract workers
स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारियों को नोटिस जारी

सरगुजा: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर पीएस सिसोदिया ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) स्वास्थ्य कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि कोविड महामारी के दौर में स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी महत्वपूर्ण है. सूचना प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर यदि अगर वे ड्यूटी पर नहीं आए, तो हड़तालियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित किया जाएगा.

Health Minister TS Singhdeo
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव

सीएमएचओ ने जारी नोटिस में कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में एस्मा प्रभावशील है. इसका उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है. छत्तीसगढ़ अत्यावश्क सेवा संधारण और विक्षिन्ता निवारण अधिनियम 1979 के प्रावधान के तहत भी स्वास्थ्य सेवाओं से इनकार किये जाने को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है. ऐसी स्थिति में हड़ताल पर जाना घोर लापरवाही और उदासीनता है. साथ ही सिविल सेवा आचरण नियम 1956 के विपरीत माना जाता है.

पढ़ें: केंद्र सरकार ने रची किसानों को गुलाम बनाने की साजिश: ताम्रध्वज साहू

13 हजार स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर

दरअसल प्रदेश भर के 13 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी एनएचएम में काम कर रहे हैं. इन संविदाकर्मियों ने सालों से नियमितीकरण की मांग की है. अपनी इस एक मांग को लेकर उन्होंने पहले भी शासन को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन सरकार ने उनकी नहीं सुनी. जिसके बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी थी. प्रांतीय निकाय के आह्वान पर शनिवार से एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेश के सभी जिलों में एनएचएम के स्वाथ्यकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं.

13 thousand health workers on strike
स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा प्रभाव

सरगुजा में भी शनिवार को जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार वर्मा के नेतृत्व में एनएचएम स्वास्थ्यकर्मियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर सीएमएचओ कार्यालय के बाहर अपने विरोध जताने के साथ ही अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी. एनएचएम के अंतर्गत संविदाकर्मी के रूप में डॉक्टर, नर्स, आरएमए, क्लीनिकल स्टाफ, बीपीएमयू स्टाफ आते हैं. सरगुजा की बात की जाए तो जिले में लगभग 467 स्वाथ्यकर्मी कार्यरत हैं. जिनमें 21 डॉक्टर, 26 आरएमए, 146 एएनएम, 20 स्टाफ नर्स के साथ ही शेष क्लिनिकल स्टाफ और बीपीएमयू स्टाफ है. हड़ताल कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि कांग्रेस ने चुनाव के पहले उनसे नियमितीकरण का वादा किया था, लेकिन आज तक इस दिशा में शासन ने कोई पहल नहीं की है. जब तक उनकी मांग पूर्ण नहीं होती है, आंदोलन जारी रहेगा.

पढ़ें: जगदलपुर में 21 सितंबर से प्रारंभ हो रही एलायंस एयरवेज की विमान सेवा का आज सीएम भूपेश बघेल करेंगे शुभारंभ

सेवाएं हो रहीं प्रभावित

कोरोना संक्रमण काल में स्थिति भयावह रूप ले चुकी है. संक्रमण नियंत्रण से बाहर है, ऐसे में इस हड़ताल का सीधा असर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों पर पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण काल में इन संविदाकर्मियों की ड्यूटी कोरोना मैनेजमेंट कार्य में लगाई गई थी. इन संविदाकर्मियों का काम कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान होने पर उन्हें अस्पताल या आइसोलेशन सेंटर पहुंचाने के साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना, संदिग्ध मरीजों के सैंपल की पैकेजिंग कर उन्हें लैब तक सुरक्षित पहुंचाने का था. इसके अलावा एनएचएम के संविदाकर्मियों का मुख्य काम जननी सुरक्षा योजना, प्रसव, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम,आरबीएसके, एनआरसी में कुपोषित बच्चों का ध्यान रखना, गैर संचारी रोगों के उपचार सहित अन्य कार्य हैं. हड़ताल से इन सेवाओं पर प्रभाव पड़ रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री की अपील भी बेअसर

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कोरोना काल में हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की थी, लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ. एनएचएम संघ के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार वर्मा का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री ने अपील की है, लेकिन हमारे भी परिवार हैं. कोरोना काल में हमें कोई राहत शासन नहीं दे रही है. संक्रमण काल में लागू किए गए एस्मा के बावजूद हड़ताल करने पर होने वाली कार्रवाई को लेकर संघ का कहना है कि उनकी मांग जायज है. संघ का कहना है कि सरकार ने उनके साथ धोखेबाजी की है.

सरगुजा: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर पीएस सिसोदिया ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) स्वास्थ्य कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि कोविड महामारी के दौर में स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी महत्वपूर्ण है. सूचना प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर यदि अगर वे ड्यूटी पर नहीं आए, तो हड़तालियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित किया जाएगा.

Health Minister TS Singhdeo
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव

सीएमएचओ ने जारी नोटिस में कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में एस्मा प्रभावशील है. इसका उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है. छत्तीसगढ़ अत्यावश्क सेवा संधारण और विक्षिन्ता निवारण अधिनियम 1979 के प्रावधान के तहत भी स्वास्थ्य सेवाओं से इनकार किये जाने को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है. ऐसी स्थिति में हड़ताल पर जाना घोर लापरवाही और उदासीनता है. साथ ही सिविल सेवा आचरण नियम 1956 के विपरीत माना जाता है.

पढ़ें: केंद्र सरकार ने रची किसानों को गुलाम बनाने की साजिश: ताम्रध्वज साहू

13 हजार स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर

दरअसल प्रदेश भर के 13 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी एनएचएम में काम कर रहे हैं. इन संविदाकर्मियों ने सालों से नियमितीकरण की मांग की है. अपनी इस एक मांग को लेकर उन्होंने पहले भी शासन को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन सरकार ने उनकी नहीं सुनी. जिसके बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी थी. प्रांतीय निकाय के आह्वान पर शनिवार से एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेश के सभी जिलों में एनएचएम के स्वाथ्यकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं.

13 thousand health workers on strike
स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा प्रभाव

सरगुजा में भी शनिवार को जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार वर्मा के नेतृत्व में एनएचएम स्वास्थ्यकर्मियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर सीएमएचओ कार्यालय के बाहर अपने विरोध जताने के साथ ही अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी. एनएचएम के अंतर्गत संविदाकर्मी के रूप में डॉक्टर, नर्स, आरएमए, क्लीनिकल स्टाफ, बीपीएमयू स्टाफ आते हैं. सरगुजा की बात की जाए तो जिले में लगभग 467 स्वाथ्यकर्मी कार्यरत हैं. जिनमें 21 डॉक्टर, 26 आरएमए, 146 एएनएम, 20 स्टाफ नर्स के साथ ही शेष क्लिनिकल स्टाफ और बीपीएमयू स्टाफ है. हड़ताल कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि कांग्रेस ने चुनाव के पहले उनसे नियमितीकरण का वादा किया था, लेकिन आज तक इस दिशा में शासन ने कोई पहल नहीं की है. जब तक उनकी मांग पूर्ण नहीं होती है, आंदोलन जारी रहेगा.

पढ़ें: जगदलपुर में 21 सितंबर से प्रारंभ हो रही एलायंस एयरवेज की विमान सेवा का आज सीएम भूपेश बघेल करेंगे शुभारंभ

सेवाएं हो रहीं प्रभावित

कोरोना संक्रमण काल में स्थिति भयावह रूप ले चुकी है. संक्रमण नियंत्रण से बाहर है, ऐसे में इस हड़ताल का सीधा असर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों पर पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण काल में इन संविदाकर्मियों की ड्यूटी कोरोना मैनेजमेंट कार्य में लगाई गई थी. इन संविदाकर्मियों का काम कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान होने पर उन्हें अस्पताल या आइसोलेशन सेंटर पहुंचाने के साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना, संदिग्ध मरीजों के सैंपल की पैकेजिंग कर उन्हें लैब तक सुरक्षित पहुंचाने का था. इसके अलावा एनएचएम के संविदाकर्मियों का मुख्य काम जननी सुरक्षा योजना, प्रसव, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम,आरबीएसके, एनआरसी में कुपोषित बच्चों का ध्यान रखना, गैर संचारी रोगों के उपचार सहित अन्य कार्य हैं. हड़ताल से इन सेवाओं पर प्रभाव पड़ रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री की अपील भी बेअसर

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कोरोना काल में हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की थी, लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ. एनएचएम संघ के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार वर्मा का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री ने अपील की है, लेकिन हमारे भी परिवार हैं. कोरोना काल में हमें कोई राहत शासन नहीं दे रही है. संक्रमण काल में लागू किए गए एस्मा के बावजूद हड़ताल करने पर होने वाली कार्रवाई को लेकर संघ का कहना है कि उनकी मांग जायज है. संघ का कहना है कि सरकार ने उनके साथ धोखेबाजी की है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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