सरगुजा: सरगुजा की आकांक्षा किस्पोटा ने अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल स्कूल गेम्स में कमाल कर दिया. सात महीने की मेहनत के बल पर उन्होंने कांस्य पदक जीता है. वह एक आदिवासी किसान की बेटी है. कई संघर्षों को पार कर उन्होंने ये सफलता हासिल की है. आकांक्षा ने अपने लगन और जिद के बल पर इंटरनेशनल प्रतियोगिता में अपने प्रदेश और देश का नाम रौशन किया है. एक वर्ष से भी कम समय इसने बास्केटबॉल की ट्रेनिंग ली थी. लेकिन लगन और मेहनत के कारण कुछ ही महीनों में इसका चयन राज्य की टीम में हो गया. फिर आकांक्षा छत्तीसगढ़ की टीम से खेलने दिल्ली पहुंच गई. देश मे राजधानी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्कूल गेम्स में बास्केटबॉल में उसने पूरी टीम में अकेला मेडल हासिल किया.
आकांक्षा किस्पोटा की जीत पर कोच को गर्व: बॉस्केटबॉल के अंतराष्ट्रीय कोच राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि " राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन दिल्ली में 6 जून से 12 जून 2023 तक हुआ. इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ बालिका बास्केटबॉल टीम ने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए ब्राउंज मेडल जीता. छत्तीसगढ़ बालिका बास्केटबॉल टीम में खेलती हुई आकांक्षा किस्पोट्टा ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर सरगुजा संभाग का मान बढ़ाया है"
EXCLUSIVE: अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी रिबिका लकड़ा को प्रशासन ने पहुंचाई मदद |
सरगुजा की ड्रॉप रो बॉल खिलाड़ी प्रियंका पैकरा कैसे बनीं गोल्डन गर्ल ? |
SPECIAL: गरीबी बनी अभिशाप, पिता का कर्ज चुकाने खेत में काम कर रही कुश्ती की इंटरनेशनल प्लेयर |
प्रैक्टिस में रोजाना शामिल होती हैं आकांक्षा किस्पोटा: छत्तीसगढ़ बालिका अन्डर 19 बास्केटबाल टीम की खिलाड़ी अकांक्षा किस्पोट्टा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मणिपुर की छात्रा है. यह बास्केटबाल खेल का प्रशिक्षण अंतरराष्ट्रीय कोच राजेश प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में हासिल करती हैं. वह लगातार गांधी स्टेडियम अम्बिकापुर में ट्रेनिंग ले रही हैं. आकांक्षा ट्रेनिंग के तहत लगातार प्रैक्टिस करती है. जिसकी वजह से उसने यह कमाल कर दिखाया है.