ETV Bharat / state

'दीदी बर्तन बैंक': जिसने PM की अपील से पहले प्लास्टिक के खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी

अंबिकापुर में 'दीदी बर्तन बैंक' के नाम से महिलाओं ने 2017 में एक अभियान छेड़ा था, जिसमें प्लास्टिक की जगह बर्तन की उपयोगिता पर जोर दिया गया था.

author img

By

Published : Jan 14, 2020, 10:24 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

special story on didi bartan bank at ambikapur
'दीदी बर्तन बैंक' की नेक पहल

सरगुजा: सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ देशभर में अभियान छिड़ा है. कहीं कपड़े के झोले के उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है, तो कहीं कागज के बने पैकेट का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन सबसे अलग अंबिकापुर में बर्तन के यूज को प्राथमिकता दी जा रही है. खास बात यह है कि इन्होंने समारोहों में इस्तेमाल होने वाली डिस्पोजल की जगह बर्तन के उपयोग का सिलसिला आज से नहीं बल्कि 2017 से शुरू कर दिया था. यहां 2017 में 'दीदी बर्तन बैंक' के नाम से शुरू किया गया था, जिसे आज कई और शहरों ने भी अपना लिया है.

'दीदी बर्तन बैंक' की नेक पहल

'बर्तन बैंक' का मॉडल अंबिकापुर नगर निगम बहुत पहले लेकर आया था. इसके लिए अंबिकापुर में 2017 में 'दीदी बर्तन बैंक' खोले गए. पार्टियों में प्लास्टिक, डिस्पोजल के उपयोग को बंद करने के लिए बर्तन की व्यवस्था की गई. इस योजना का शुभारंभ सितंबर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किया था, लेकिन बर्तन बैंक का काम 2017 में ही शुरू कर दिया गया था.

कारगर साबित हुई मुहिम

अंबिकापुर से शुरू की गई यह योजना धीरे-धीरे अब कई शहरों में भी शुरू की गई है. ये योजना प्लास्टिक के उपयोग को रोकने की मुहिम में कारगार साबित हो रही है. अंबिकापुर में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं 'दीदी बर्तन बैंक' संचालित करती हैं. नगर निगम क्षेत्र में 5 बर्तन बैंक खोले गए हैं. वहीं इन बैंकों के अधीन शहर के हर मोहल्ले में फ्रेंचाइजी दी गई है, जिसके माध्यम से बर्तन बैंक से लोग किराए पर बर्तन ले पाते हैं.

2 लाख 94 हजार 960 रुपये की आय
बर्तन बैंक से बर्तन के एक सेट में 1 थाली, 3 कटोरी, 1 गिलास और 1 चम्मच के सेट का किराया 8 रुपये तय किया गया है. ये कीमत 24 घंटे के लिए तय की जाती है. अप्रैल 2018 से दिसंबर 2018 तक बर्तन बैंक ने इससे 2 लाख 94 हजार 960 रुपये कमाए हैं. जिसे पर्यावरण संरक्षण के साथ इसमें काम करने वाले कर्मचारियों पर खर्च किया जाता है. बर्तन बैंक की योजना न सिर्फ प्लास्टिक के खिलाफ एक मुहिम साबित हुई है, बल्कि महिलाओं के लिए रोजगार का साधन भी बन गया है.

अंबिकापुर नगर निगम को इस पहल के लिए बधाई.

सरगुजा: सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ देशभर में अभियान छिड़ा है. कहीं कपड़े के झोले के उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है, तो कहीं कागज के बने पैकेट का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन सबसे अलग अंबिकापुर में बर्तन के यूज को प्राथमिकता दी जा रही है. खास बात यह है कि इन्होंने समारोहों में इस्तेमाल होने वाली डिस्पोजल की जगह बर्तन के उपयोग का सिलसिला आज से नहीं बल्कि 2017 से शुरू कर दिया था. यहां 2017 में 'दीदी बर्तन बैंक' के नाम से शुरू किया गया था, जिसे आज कई और शहरों ने भी अपना लिया है.

'दीदी बर्तन बैंक' की नेक पहल

'बर्तन बैंक' का मॉडल अंबिकापुर नगर निगम बहुत पहले लेकर आया था. इसके लिए अंबिकापुर में 2017 में 'दीदी बर्तन बैंक' खोले गए. पार्टियों में प्लास्टिक, डिस्पोजल के उपयोग को बंद करने के लिए बर्तन की व्यवस्था की गई. इस योजना का शुभारंभ सितंबर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किया था, लेकिन बर्तन बैंक का काम 2017 में ही शुरू कर दिया गया था.

कारगर साबित हुई मुहिम

अंबिकापुर से शुरू की गई यह योजना धीरे-धीरे अब कई शहरों में भी शुरू की गई है. ये योजना प्लास्टिक के उपयोग को रोकने की मुहिम में कारगार साबित हो रही है. अंबिकापुर में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं 'दीदी बर्तन बैंक' संचालित करती हैं. नगर निगम क्षेत्र में 5 बर्तन बैंक खोले गए हैं. वहीं इन बैंकों के अधीन शहर के हर मोहल्ले में फ्रेंचाइजी दी गई है, जिसके माध्यम से बर्तन बैंक से लोग किराए पर बर्तन ले पाते हैं.

2 लाख 94 हजार 960 रुपये की आय
बर्तन बैंक से बर्तन के एक सेट में 1 थाली, 3 कटोरी, 1 गिलास और 1 चम्मच के सेट का किराया 8 रुपये तय किया गया है. ये कीमत 24 घंटे के लिए तय की जाती है. अप्रैल 2018 से दिसंबर 2018 तक बर्तन बैंक ने इससे 2 लाख 94 हजार 960 रुपये कमाए हैं. जिसे पर्यावरण संरक्षण के साथ इसमें काम करने वाले कर्मचारियों पर खर्च किया जाता है. बर्तन बैंक की योजना न सिर्फ प्लास्टिक के खिलाफ एक मुहिम साबित हुई है, बल्कि महिलाओं के लिए रोजगार का साधन भी बन गया है.

अंबिकापुर नगर निगम को इस पहल के लिए बधाई.

Intro:सरगुज़ा : सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने देश भर में अभियान छिड़ चुका है, लोग अलग अलग तरीके से प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की कवायद शुरू कर दी है, इसी क्रम में बर्तन बैंक खोलने का सिलसिला शुरू हो चुका है, लेकिन बर्तन बैंक खोलने का मॉडल अम्बिकापुर नगर निगम बहोत पहले ही अपना चुका है, वर्ष 2017 में अम्बिकापुर में दीदी बर्तन बैंक खोले गये, और पार्टियों में प्लास्टिक डिस्पोजल के उपयोग को बंद करने बर्तन की व्यवस्था की गई, हालाकी इस योजना का शुभारंभ सितंबर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने किया था, पर बर्तन बैंक का काम 2017 मे ही शुरू कर दिया गया था।

अम्बिकापुर में शुरू की गई यह योजना धीरे धीरे अन्य शहरों में भी शरू होने लगी और प्लास्टिक के उपयोग को रोकने की मुहिम में कारगार साबित होने लगी, अम्बिकापुर में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं दीदी बर्तन बैंक संचालित करती हैं, नगर निगम क्षेत्र में 5 बर्तन बैंक खोले गए हैं, वहीं इन बैंकों के अधीन शहर के हर मोहल्ले में फ्रेंचाइजी दी गई है, जिसके माध्यम से बर्तन बैंक से लोग किराये से बर्तन ले पाते हैं।






Body:बर्तन का एक सेट एक थाली, 3 कटोरी और एक गिलास और एक चम्मच के सेट का किराया 8 रुपये 24 घंटे के लिए लिया जाता है, और वर्ष 2018 अप्रैल से दिसंबर 2018 तक बर्तन बैंक ने 2 लाख 94 हजार 960 रुपये किराये के माध्यम से कमाए हैं, लिहाजा बर्तन बैंक की यह योजना ना सिर्फ प्लास्टिक के खिलाफ एक मुहिम साबित हुई है बल्कि महिलाओं के लिए रोजगार का साधन भी बन गया है।

बाईट01_शारदा कुशवाहा (संचालिका बर्तन बैंक)

बाईट02_सौरभ राय (सिटी मिशन प्रबंधक NULM)

बाईट03_डॉ अजय तिर्की (मेयर अम्बिकापुर)

देश दीपक सरगुज़ा




Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.