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सरगुजा : स्पेन में गूंजेगी अंबिकापुर के लाल की आवाज, स्पेनिश दंपति ने लिया गोद

अंबिकापुर की मातृछाया में पलने वाले मासूम शिवम को स्पेनिश दंपति ने गोद लिया है. संस्थान ने रीती रिवाज के साथ स्पेनिश दंपति की गोद भराई की रस्म अदाकर मासूम को गोद में दिया.

स्पेनिश दंपति ने लिया गोद
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Published : May 17, 2019, 7:52 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा : अंबिकापुर के मातृछाया संस्थान में पलने वाले मासूम शिवम की किलकारियां अब सात समंदर पार स्पेन में गूंजेंगी. शुक्रवार की दोपहर मातृछाया संस्थान ने रीती रिवाज के साथ स्पेनिश दंपति की गोद भराई की रस्म पूरी करवाई. अब शिवम अपनी जिंदगी किसी पालने घर में नहीं बल्कि स्पेन के एक समृध्द परिवार का वारिस बनकर बिताएगा.

स्पेनिश दंपति ने लिया गोद

दरअसल, भारत में बच्चों को गोद लेने में मध्यस्थ संस्था कारा के जरिए स्पेन की दंपति मारिया और एंटोनी लोपाज ने इस बच्चे को गोद लेने का फैसला लिया है.

रिती रिवाज के साथ बच्चे को गोद में लिया
इसके बाद शासकीय प्रक्रिया को पूरा करने ये दंपति और कारा के एक अधिकारी सरगुजा पहुंचे थे. नियमानुसार कुटुंब न्यायालय से मामले में आदेश होने के बाद बच्चे को गोद दिया गया.

'लोगों से प्रेणना लें'
मातृछाया एक ऐसी संस्था है जहां, ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि बच्चों को जंगल में फेंकने से बेहतर गुप्त तरीके से कोई भी यहां बच्चा छोड़कर जा सकता है. यह संस्था ऐसे बच्चों की परवरिश करती है, जिनका कोई नहीं होता या जिन बच्चों को उनका परिवार छोड़ देता है. संस्था की अध्यक्ष ने बच्चों को लावारिस छोड़ने के मामले में चिंता जाहिर की है और विदेश के लोगों से प्रेरणा लेने की बात कही है.

सरगुजा : अंबिकापुर के मातृछाया संस्थान में पलने वाले मासूम शिवम की किलकारियां अब सात समंदर पार स्पेन में गूंजेंगी. शुक्रवार की दोपहर मातृछाया संस्थान ने रीती रिवाज के साथ स्पेनिश दंपति की गोद भराई की रस्म पूरी करवाई. अब शिवम अपनी जिंदगी किसी पालने घर में नहीं बल्कि स्पेन के एक समृध्द परिवार का वारिस बनकर बिताएगा.

स्पेनिश दंपति ने लिया गोद

दरअसल, भारत में बच्चों को गोद लेने में मध्यस्थ संस्था कारा के जरिए स्पेन की दंपति मारिया और एंटोनी लोपाज ने इस बच्चे को गोद लेने का फैसला लिया है.

रिती रिवाज के साथ बच्चे को गोद में लिया
इसके बाद शासकीय प्रक्रिया को पूरा करने ये दंपति और कारा के एक अधिकारी सरगुजा पहुंचे थे. नियमानुसार कुटुंब न्यायालय से मामले में आदेश होने के बाद बच्चे को गोद दिया गया.

'लोगों से प्रेणना लें'
मातृछाया एक ऐसी संस्था है जहां, ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि बच्चों को जंगल में फेंकने से बेहतर गुप्त तरीके से कोई भी यहां बच्चा छोड़कर जा सकता है. यह संस्था ऐसे बच्चों की परवरिश करती है, जिनका कोई नहीं होता या जिन बच्चों को उनका परिवार छोड़ देता है. संस्था की अध्यक्ष ने बच्चों को लावारिस छोड़ने के मामले में चिंता जाहिर की है और विदेश के लोगों से प्रेरणा लेने की बात कही है.

Intro:सरगुजा : अम्बिकापुर की मातृछाया में पलने वाले मासूम शिवम की किलकारियां अब सात समंदर पार स्पेन में गूंजेंगी, शुक्रवार की दोपहर मातृछाया संस्थान ने रीती रिवाज के अनुसार स्पेनिश दम्पति की गोद भराई की रश्म की गई। अब शिवम अपनी जिंदगी किसी पालने घर मे नही बल्कि स्पेन के एक समृध्द परिवार का वारिस बनकर बिताएगा।

दरअसल भारत मे बच्चों को गोद लेने में मध्यस्थ संस्था कारा के जरिये स्पेन की दम्परि मारिया और एंटोनी लोपाज ने इस बच्चे को गोद लेने का फैसला किया, इसके बाद लंबे समय से शासकीय प्रक्रिया को पूरा करने में ये दम्पति और कारा के एक अधिकारी सरगुजा आये हुए थे, नियमानुसार कुटुंब न्यायालय से मामले में आदेश होने के बाद बच्चे को गोद दिया गया है।




Body:मातृछाया एक ऐसी संस्था है जो ऐसे बच्चों की परवरिश करती है, जिनका कोई नही होता या जिन बच्चों को उनका परिवार छोड़ देता है, यहां ऐसी व्यवस्था बनाई गई है की बच्चों को जंगल मे फेंकने से बेहतर गुप्त तरीके से कोई भी यहां बच्चा छोड़ कर जा सकता है। शिवम की ही बात करें तो इसे भी जंगल मे पाया गया था, जिसके बाद मातृछाया इसकी देख रेख कर रही थी, संस्था की अध्यक्ष ने बच्चों को लावारिस छोड़ने के मामले में चिंता जाहिर की है और विदेश के लोगो से प्रेरणा लेने की बात कही है।
वहीं स्पेनिश दम्पति बच्चे को गोद लेने के बाद बहोत खुश है।

बाईट01_वंदना दत्ता (अध्यक्ष मातृछाया संस्था)

बाईट02_मारिया (स्पेनिश सिटीजन)

देश दीपक सरगुजा


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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