सरगुजा : अंबिकापुर के मातृछाया संस्थान में पलने वाले मासूम शिवम की किलकारियां अब सात समंदर पार स्पेन में गूंजेंगी. शुक्रवार की दोपहर मातृछाया संस्थान ने रीती रिवाज के साथ स्पेनिश दंपति की गोद भराई की रस्म पूरी करवाई. अब शिवम अपनी जिंदगी किसी पालने घर में नहीं बल्कि स्पेन के एक समृध्द परिवार का वारिस बनकर बिताएगा.
दरअसल, भारत में बच्चों को गोद लेने में मध्यस्थ संस्था कारा के जरिए स्पेन की दंपति मारिया और एंटोनी लोपाज ने इस बच्चे को गोद लेने का फैसला लिया है.
रिती रिवाज के साथ बच्चे को गोद में लिया
इसके बाद शासकीय प्रक्रिया को पूरा करने ये दंपति और कारा के एक अधिकारी सरगुजा पहुंचे थे. नियमानुसार कुटुंब न्यायालय से मामले में आदेश होने के बाद बच्चे को गोद दिया गया.
'लोगों से प्रेणना लें'
मातृछाया एक ऐसी संस्था है जहां, ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि बच्चों को जंगल में फेंकने से बेहतर गुप्त तरीके से कोई भी यहां बच्चा छोड़कर जा सकता है. यह संस्था ऐसे बच्चों की परवरिश करती है, जिनका कोई नहीं होता या जिन बच्चों को उनका परिवार छोड़ देता है. संस्था की अध्यक्ष ने बच्चों को लावारिस छोड़ने के मामले में चिंता जाहिर की है और विदेश के लोगों से प्रेरणा लेने की बात कही है.