सरगुजा: शहीद विद्याचरण शुक्ल की 8वीं पुण्यतिथि शुक्रवार को मनाई गई. सीतापुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी (Sitapur Block Congress Committee) ने पार्टी कार्यालय और मंत्री अमरजीत भगत (Minister Amarjit Bhagat) के आवास पर शुक्ल को श्रद्धांजलि अर्पित की.कांग्रेस पदाधिकारियों ने शुक्ल के छायाचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वल्लित कर श्रद्धांजलि दी. इसके बाद दिवंगत आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया.
इस अवसर पर कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश में 8 साल पहले हुआ झीरमघाटी नक्सली हमला (jhiramghati naxalite attack) छत्तीसगढ़ के इतिहास में काली स्याही के समान है. इस नक्सल हमले को अब तक कोई नही भूल पाया है. हमले में प्रदेश कांग्रेस ने अपने कई बड़े नेताओं को खो दिया था. जिनमें से एक थे विद्याचरण शुक्ल. उनकी आज पुण्यतिथि है. विद्याचरण झीरमघाटी नक्सल हमले में बुरी तरह से घायल हो गए थे. 17 दिनों तक जिन्दगी और मौत के बीच वे संघर्ष करने के बाद दिल्ली स्थित मेंदाता अस्पताल में 11 में जून को उन्होंने दम तोड़ दिया था. उनके निधन से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था.
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जानिए क्या हुआ था 25 मई 2013 को
दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के लिए यात्रा निकाली थी. 25 मई 2013 को कांग्रेस बस्तर में यात्रा निकाली. यात्रा में कांग्रेस के कद्दावर नेता नंदकुमार पटेल के साथ विद्याचरण शुक्ल भी थे. इस दौरान झीरमघाटी में दरभा थाने के करीब नक्सलियों ने हमला कर दिया था. हमला इतना बड़ा था कि किसी को भी संभलने का मौका तक नहीं मिला. घटना में मौके पर तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस नंदकुमार पटेल और बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर रहे महेन्द्र कर्मा की मौत हो गई थी. वीसी शुक्ल को भी कई गोलियां लगी थी. उन्हें घायल अवस्था में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था. हालत नाजुक होने के कारण उन्हें मेंदाता अस्पताल में शिफ्ट किया गया था. 17 दिन तर जीवन-मौत से लड़ने के बाद शुक्ल जिंदगी की जंग हार गए थे.
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