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Shiv barat in Ambikapur: लाल बत्ती में हूटर बजाते शान से निकले महाकाल

शिव और शक्ति जो स्वयं सृष्टि और प्रकृति हैं. ऐसी दो शक्तियों का मिलन ऋतुओं में श्रेष्ठ बसंत ऋतु में हुआ था. फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि इसलिए मनाई जाती है क्योंकि इस दिन भगवान शिव का माता पार्वती से विवाह हुआ था. हर वर्ष भोलेनाथ के भक्त भगवान शंकर और पार्वती का विवाह इस दिन रचाते हैं. अम्बिकापुर में यह प्रथा 83 वर्षों से चल रही है. शिव मंदिर से वर पक्ष बारात लेकर गौरी मंदिर पहुंचता है.

Shiv barat in Ambikapur
महाकाल की बारात
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Published : Feb 19, 2023, 11:41 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

हूटर बजाते निकाली गई महाकाल की बारात

सरगुजा: अम्बिकापुर के प्रतापपुर नाका के पास सहेली गली में स्थित शिव मंदिर से पिछले 83 वर्ष से भगवान शंकर की बारात निकाली जाती है. इस बारात में शहर के सैकड़ों लोग शामिल होते हैं. यह बारात शहर में भ्रमण करते हुये पुलिस लाइन स्थित गौरी मंदिर पहुंचती है. जब महाकाल दूल्हा बनकर निकलते हैं तो रास्ते भर लोग उनकी आरती उतारकर स्वागत करते हैं. बारातियों के खाने पीने की व्यवस्था भी शहर में जगह जगह होती है.

बारातियों का किया गया विशेष स्वागत: गौरी मंदिर में वधु पक्ष के लोग विवाह की सम्पूर्ण तैयारी के साथ बारात का स्वागत करते हैं. बारातियों को स्वादिष्ट व्यंजन परोसा जाता है और पूरे विधि विधान से भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह संपन्न कराया जाता है. शहर भर से महिला पुरुष इस विवाह समारोह में शामिल होते हैं. कोई वधु पक्ष से तो कोई वर पक्ष से होता है.

लाल बत्ती में निकली महाकाल का बारात: लोकतंत्र में वीवीआईपी कल्चर के तहत लाल बत्ती और हूटर बजाते हुये मंत्री नेता घूमते हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि महाकाल की बारात में 3-3 लाल पीली बत्ती और हूटर बजाते महाकाल की सवारी शहर में निकलती है. ढोल नगाड़ों और बड़े बड़े डीजे की धुन में लोग नाचते गाते बारात में चलते हैं.

यह भी पढ़ें: Shiv Barat in Dhamtari: धमतरी में भगवान शिव की बारात, अघोरी और भूत प्रेत बने बाराती

बाबा महाकाल की भव्य शोभायात्रा: छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी कहे जाने वाले राजनांदगांव में भी महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा महाकाल की भव्य शोभायात्रा निकाली गई. शिवजी की बारात में हजारों की संख्या में भक्तजन शामिल हुए. बाबा महाकाल की इस यात्रा में छत्तीसगढ़ के साथ ही हरियाणा, मध्य प्रदेश और ओडिशा के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी. इस कलाकारों की मनोरम प्रस्तुति ने लोगों का दिल जीत लिया. लोग भक्तिरस में डुबकर हर हर महादेव की जयकार के साथ झूमते नजर आये. इस दौरान जयस्तंभ चौक में आरती के बाद रुद्राक्ष वितरण और प्रसाद वितरित किया गया.

हूटर बजाते निकाली गई महाकाल की बारात

सरगुजा: अम्बिकापुर के प्रतापपुर नाका के पास सहेली गली में स्थित शिव मंदिर से पिछले 83 वर्ष से भगवान शंकर की बारात निकाली जाती है. इस बारात में शहर के सैकड़ों लोग शामिल होते हैं. यह बारात शहर में भ्रमण करते हुये पुलिस लाइन स्थित गौरी मंदिर पहुंचती है. जब महाकाल दूल्हा बनकर निकलते हैं तो रास्ते भर लोग उनकी आरती उतारकर स्वागत करते हैं. बारातियों के खाने पीने की व्यवस्था भी शहर में जगह जगह होती है.

बारातियों का किया गया विशेष स्वागत: गौरी मंदिर में वधु पक्ष के लोग विवाह की सम्पूर्ण तैयारी के साथ बारात का स्वागत करते हैं. बारातियों को स्वादिष्ट व्यंजन परोसा जाता है और पूरे विधि विधान से भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह संपन्न कराया जाता है. शहर भर से महिला पुरुष इस विवाह समारोह में शामिल होते हैं. कोई वधु पक्ष से तो कोई वर पक्ष से होता है.

लाल बत्ती में निकली महाकाल का बारात: लोकतंत्र में वीवीआईपी कल्चर के तहत लाल बत्ती और हूटर बजाते हुये मंत्री नेता घूमते हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि महाकाल की बारात में 3-3 लाल पीली बत्ती और हूटर बजाते महाकाल की सवारी शहर में निकलती है. ढोल नगाड़ों और बड़े बड़े डीजे की धुन में लोग नाचते गाते बारात में चलते हैं.

यह भी पढ़ें: Shiv Barat in Dhamtari: धमतरी में भगवान शिव की बारात, अघोरी और भूत प्रेत बने बाराती

बाबा महाकाल की भव्य शोभायात्रा: छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी कहे जाने वाले राजनांदगांव में भी महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा महाकाल की भव्य शोभायात्रा निकाली गई. शिवजी की बारात में हजारों की संख्या में भक्तजन शामिल हुए. बाबा महाकाल की इस यात्रा में छत्तीसगढ़ के साथ ही हरियाणा, मध्य प्रदेश और ओडिशा के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी. इस कलाकारों की मनोरम प्रस्तुति ने लोगों का दिल जीत लिया. लोग भक्तिरस में डुबकर हर हर महादेव की जयकार के साथ झूमते नजर आये. इस दौरान जयस्तंभ चौक में आरती के बाद रुद्राक्ष वितरण और प्रसाद वितरित किया गया.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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