सरगुजा : सरगुजा के मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है. यहां के मैनपाट महोत्सव (Mainpat Festival Surguja) की तैयारियां शुरू हो गई हैं. तीन दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में शामिल होने छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों से लोग आते हैं. रंगारंग कार्यक्रम का लुत्फ और मैनपाट के प्राकृतिक सौंदर्य तथा नजारे लोगों का मन मोह लेते हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने के खयाल से हर साल मैनपाट महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इसमें शामिल होने बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.
'मैनपाट महोत्सव था, सत्यनारायण भगवान की कथा नहीं हुई'
हिलने वाली जमीन, उल्टा बहने वाली झील आकर्षण का केंद्र
सैलानी यहां मैनपाट की हिलने वाली जमीन, उल्टा बहने वाली झील समेत ऊंचे झरने और प्राकृतिक सौंदर्य का दर्शन करने पहुंचते हैं. वहीं इस बार के मैनपाट महोत्सव की सफलता के लिए जिला कलेक्टर संजीव झा ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थल का जायजा लिया. उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये. हालांकि मैनपाट महोत्सव की तारीख अभी निर्धारित नहीं हुई है, लेकिन डीएम ने मार्च के प्रथम सप्ताह में इसके आयोजन की संभावना जताई है.
छत्तीसगढ़िया संस्कृति की दिखेगी झलक
मैनपाट महोत्सव में छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार, छत्तीसगढ़ की संस्कृति सहित लोक रंग के आयाम के विभिन्न पहलू के साथ-साथ सरगुजा एवं छत्तीसगढ़ की संस्कृति भी इस महोत्सव में देखने को मिलेगी.