सरगुजा: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में विंध्य पर्वतमाला पर समुद्रतल से तकरीबन साढ़े तीन हजार फीट की ऊंचाई पर बसे मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है. यहां का प्राकृतिक सौंदर्य, समुद्र तल से ऊंचाई, खूबसूरत जगहें और ठंड के दिनों में बर्फबारी शिमला में होने का एहसास कराती हैं. मैनपाट की खूबसूरती अगर देखनी हो तो ठंड और बारिश के दिनों में यहां आएं. इन दिनों यहां का सौंदर्य अपने चरम पर होता है. गर्मी के दिनों में यहां का तापमान काफी ठंडा रहता है. इसलिए हर मौसम में सैलानी यहां खींचे चले आते हैं.
ETV भारत आज आपको सरगुजा जिले के मैनपाट में स्थित ऐसी ही प्राकृतिक सौंदर्य दिखा रहा है. यहां स्थित उल्टा पानी जो पर्यटकों को हैरत में डाल देता है. यहां पानी का उल्टा बहना, गाड़ियों का चढ़ना और लुढ़कना एक अनोखी घटना सा लगता है. इसके साथ ही जलजली पहुंचने पर कुदरत का एक और नायाब नमूना देखने को मिलता है. जहां जमीन हिलती है. वो भी ऐसे जैसे कोई रबर की बॉल उछलती है. इसके बाद मैनपाट में प्रकृति के नायाब उदाहरण के तौर पर टाइगर प्वाइंट स्थित है. इसे देखने के बाद सारी थकान दूर हो जाती है. घनघोर वन क्षेत्र के बीच से बहती नदी और नदी के तेज प्रवाह का तीव्र गति से नीचे गिरना बेहद रोमांचक लगता है.
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उल्टा पानी है एक अजूबा
मैनपाट में यूं तो बहुत से ऐसे स्थान हैं जो देखने और घूमने लायक हैं. लेकिन मुख्य रूप से यहां तीन स्थान बेहद रोमांचक हैं. इनमें उल्टा पानी नाम का स्थान शामिल है. यहां पानी की धार ढलान से चढ़ान की ओर चढ़ती है. यहां एक स्थान पर गाड़ियां भी बंद कर देने पर खुद चढ़ान की ओर लुढ़कने लगती हैं. ये नजारा लोगों को आचार्य में डाल देता है. कुछ लोग इसे मैग्नेटिक फील्ड कहते हैं. तो वहीं भू-गर्भ शास्त्री इसे ऑप्टिकल इल्यूजन बताते हैं. सच चाहे जो भी हो पर्यटकों को ये नजारा बेहद पसंद आता है.
यहां हिलती है जमीन
मैनपाट में स्थित जलजली नाम का एक प्वाइंट है जहां जमीन हिलती है. इस जमीन पर जम्प करने पर जमीन ऐसे हिचकोले खाती है मानो जमीन की सतह रबर से बनी हो. यह स्थान पर्यटकों को और खासकर बच्चों को बहुत भाता है. जानकर बताते हैं कि इस जमीन के नीचे पानी का बहाव है. ऊपर वन वनस्पति, डूब, मिट्टी की मोटी सतह जम गई है. जिस कारण यहां जमीन हिलती है. सरगुज़ा में ऐसे अद्भुत नजरों के पीछे की मुख्य वजह ज्वालामुखी उद्गार माना जाता है. जानकारों के अनुसार सरगुज़ा छोटा नागपुर पठार का हिस्सा है. यह पठार ज्वालामुखी उद्गार से बना है. ऐसे पठारों में इस तरह की घटनाओं का होना सामान्य है.
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टाइगर प्वॉइंट का नजारा बेहतरीन
टाइगर प्वॉइंट घनघोर जंगल के बीच है. यहां पानी का तेज बहाव और फिर काफी ऊंचाई से गिरता झरना बेहद आकर्षक लगता है. प्रकृति के अनुपम नजारे लोगों को बेहद पसंद आते हैं. इस वाटर फॉल को ऊपर और निचे दोनों ही स्थानों से देखा जा सकता है. हालांकि नीचे से देखने के लिये काफी नीचे सीढ़ियों इसे उतर कर जाना होता है. लेकिन नीचे का नजरा बेहद रोमांचक है.