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सरगुजा: कोतवाली थाना के अंदर आरक्षक से मारपीट, एफआईआर दर्ज

सरगुजा में पुलिस आरक्षक के साथ थाने के अंदर मारपीट की घटना हुई है. आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. घटना शनिवार देर शाम की है.

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कोतवाली थाना के अंदर आरक्षक से मारपीट
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Published : Mar 1, 2021, 4:13 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: पुलिस पर हमले का एक मामला सामने आया है. घटना कोतवाली थाना इलाके की है. शनिवार की रात कुछ लोगों ने थाने में घुसकर एक आरक्षक पर हमला कर दिया. हैरानी की बात यह है कि इतने गंभीर मामले में पुलिस ने अगले दिन की देर शाम अपराध दर्ज किया है. अधिकारी दिन भर मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे, ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली ही सवालों के घेरे में आ गई है. बता दें मामले का एक आरोपी कांग्रेस के मंत्री का खास बताया जा रहा है.

आरक्षक सत्येंद्र दुबे ने शिकायत में बताया है कि शनिवार की देर रात शहर में उत्पात मचा रहे लोगों को पकड़कर पुलिस कोतवाली थाने लाई थी. इस दौरान कुछ लोग थाने में घुस आए और यहां मौजूद आरक्षक सत्येंद्र दुबे के साथ मारपीट कर दी. इस घटना के बाद थाने में हड़कंप मच गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे थे. लेकिन पुलिस ने इस मामले को थाने से ही रफा दफा कर दिया. मारपीट करने वालों को थाने से छोड़ दिया गया. पुलिस के आला अधिकारी घटना की पुष्टि तो कर रहे हैं, लेकिन इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

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इस तरह शुरू हुआ विवाद

शनिवार की रात कुछ युवक रिंग रोड में तेज गति से कार चला रहे थे. चलती कार से कांच खोलकर सेल्फी ले रहे थे. रात्रि पेट्रोलिंग में मौजूद एएसपी ओम चंदेल ने इसका प्वाइंट यातायात पुलिस को दिया था. जिसके बाद यातायात पुलिस ने कार सवार लोगों को पकड़ लिया. युवकों के पास गाड़ी के कोई कागजात नहीं थे. ऐसे में सभी को कोतवाली थाने भेज दिया गया था. आदेश दिया गया था कि युवकों के परिजन को बुलाकर साइन के बाद उन्हें छोड़ा जाए. लेकिन युवक पुलिस से ही हुज्जतबाजी कर रहे थे. युवक आरक्षक को वर्दी उतरवाने की धौंस दिखाकर गाली गलौज कर रहे थे. घटना की जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में लोग थाने पहुंच गए. उन्होंने थाने के अंदर ही जान से मारने की धमकी देकर आरक्षक की जमकर पिटाई कर दी.

एफआईआऱ में इनके नाम शामिल
अधिकारी इस मामले में अपराध दर्ज करने से बचते रहे. लेकिन मामला उजागर होने के बाद देर शाम अपराध दर्ज किया गया. आरक्षक सत्येंद्र दुबे की रिपोर्ट और मायाशंकर दुबे की शिकायत पर पुलिस ने यश सिंह, अंशु वैष्णव, अर्पित मौर्य, दीपक मिश्रा, यश की मान संकेत सिंह, कुनाल सिंह, अजय कुमार प्रसाद, ललित वैष्णव सहित अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

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एएसपी के निर्देश पर गए थे कार्रवाई करने

एडिशनल एसपी ओम चंदेल ने बताया कि रात्रिगस्त के दौरान कुछ लोग चलती कार का शीशा खोलकर सेल्फी ले रहे थे. मैंने प्वाइंट दिया था, जिस आधार पर उन्हें पकड़ा गया. युवकों के पास किसी भी प्रकार के कागज नहीं थे इसलिए चालान करने और परिजन के सामने समझाइस देने के लिए थाना भेजा गया. उनमें से एक युवक बदतमीजी कर रहा था. इसलिए थाने में आरक्षक ने एक दो थप्पड़ मार दिया. जिसके बाद कुछ लोग थाने में घुस आए. आरक्षक की भी पिटाई कर दी.

शर्मनाक है घटना- टीएस सिंहदेव

मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि रक्षक हो या फिर सामान्य व्यक्ति किसी के साथ भी यह घटना हुई है तो शर्मनाक है. ऐसे मामलों में कार्रवाई होनी चाहिए. मारपीट करने वाले किसी भी पार्टी के हो अगर ऐसा हुआ है तो सरकार की प्रथम जिम्मेदारी है कि कार्रवाई हो. कानून सभी के लिए बराबर है.

सरगुजा: पुलिस पर हमले का एक मामला सामने आया है. घटना कोतवाली थाना इलाके की है. शनिवार की रात कुछ लोगों ने थाने में घुसकर एक आरक्षक पर हमला कर दिया. हैरानी की बात यह है कि इतने गंभीर मामले में पुलिस ने अगले दिन की देर शाम अपराध दर्ज किया है. अधिकारी दिन भर मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे, ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली ही सवालों के घेरे में आ गई है. बता दें मामले का एक आरोपी कांग्रेस के मंत्री का खास बताया जा रहा है.

आरक्षक सत्येंद्र दुबे ने शिकायत में बताया है कि शनिवार की देर रात शहर में उत्पात मचा रहे लोगों को पकड़कर पुलिस कोतवाली थाने लाई थी. इस दौरान कुछ लोग थाने में घुस आए और यहां मौजूद आरक्षक सत्येंद्र दुबे के साथ मारपीट कर दी. इस घटना के बाद थाने में हड़कंप मच गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे थे. लेकिन पुलिस ने इस मामले को थाने से ही रफा दफा कर दिया. मारपीट करने वालों को थाने से छोड़ दिया गया. पुलिस के आला अधिकारी घटना की पुष्टि तो कर रहे हैं, लेकिन इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

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इस तरह शुरू हुआ विवाद

शनिवार की रात कुछ युवक रिंग रोड में तेज गति से कार चला रहे थे. चलती कार से कांच खोलकर सेल्फी ले रहे थे. रात्रि पेट्रोलिंग में मौजूद एएसपी ओम चंदेल ने इसका प्वाइंट यातायात पुलिस को दिया था. जिसके बाद यातायात पुलिस ने कार सवार लोगों को पकड़ लिया. युवकों के पास गाड़ी के कोई कागजात नहीं थे. ऐसे में सभी को कोतवाली थाने भेज दिया गया था. आदेश दिया गया था कि युवकों के परिजन को बुलाकर साइन के बाद उन्हें छोड़ा जाए. लेकिन युवक पुलिस से ही हुज्जतबाजी कर रहे थे. युवक आरक्षक को वर्दी उतरवाने की धौंस दिखाकर गाली गलौज कर रहे थे. घटना की जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में लोग थाने पहुंच गए. उन्होंने थाने के अंदर ही जान से मारने की धमकी देकर आरक्षक की जमकर पिटाई कर दी.

एफआईआऱ में इनके नाम शामिल
अधिकारी इस मामले में अपराध दर्ज करने से बचते रहे. लेकिन मामला उजागर होने के बाद देर शाम अपराध दर्ज किया गया. आरक्षक सत्येंद्र दुबे की रिपोर्ट और मायाशंकर दुबे की शिकायत पर पुलिस ने यश सिंह, अंशु वैष्णव, अर्पित मौर्य, दीपक मिश्रा, यश की मान संकेत सिंह, कुनाल सिंह, अजय कुमार प्रसाद, ललित वैष्णव सहित अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

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शर्मनाक है घटना- टीएस सिंहदेव

मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि रक्षक हो या फिर सामान्य व्यक्ति किसी के साथ भी यह घटना हुई है तो शर्मनाक है. ऐसे मामलों में कार्रवाई होनी चाहिए. मारपीट करने वाले किसी भी पार्टी के हो अगर ऐसा हुआ है तो सरकार की प्रथम जिम्मेदारी है कि कार्रवाई हो. कानून सभी के लिए बराबर है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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