ETV Bharat / technology

हो जाएं निश्चिंत! अब केंद्र सरकार करेगी स्पैम कॉल्स को ट्रैक और ब्लॉक, नई प्रणाली हुई शुरू - SPAM CALL TRACKING SYSTEM STARTED

केंद्र सरकार ने भारतीय फोन नंबरों पर आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉल्स की पहचान के लिए नई स्पैम ट्रैकिंग प्रणाली शुरू की है.

Spam Call Tracking System
स्पैम-ट्रैकिंग प्रणाली (फोटो - IANS Photo)
author img

By ETV Bharat Tech Team

Published : Oct 23, 2024, 10:01 AM IST

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को भारतीय फोन नंबरों पर आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉलों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक नई स्पैम-ट्रैकिंग प्रणाली की घोषणा की. इस प्रणाली को चालू कर दिया गया है और चालू होने के 24 घंटे के भीतर ही भारतीय फोन नंबरों पर आने वाली सभी अंतर्राष्ट्रीय कॉलों में से लगभग 1.35 करोड़ या 90 प्रतिशत को फर्जी कॉल के रूप में पहचान लिया गया.

इसके बाद दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा उन्हें भारतीय दूरसंचार उपभोक्ताओं तक पहुंचने से रोक दिया गया. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'अंतर्राष्ट्रीय इनकमिंग स्पूफ्ड कॉल्स रोकथाम प्रणाली' का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह सुरक्षित डिजिटल स्पेस बनाने और नागरिकों को साइबर अपराध से बचाने की दिशा में सरकार का एक और प्रयास है.

इस प्रणाली के लागू होने से भारतीय दूरसंचार उपभोक्ताओं को +91 नंबर वाली ऐसी फर्जी कॉल में उल्लेखनीय कमी देखने को मिलेगी. साइबर अपराधी भारतीय मोबाइल नंबर (+91) प्रदर्शित करके अंतर्राष्ट्रीय फर्जी कॉल करके अपराध कर रहे हैं. ये कॉल भारत के भीतर से आती हुई प्रतीत होती हैं, लेकिन वास्तव में कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (CLI) या जिसे आमतौर पर फोन नंबर के रूप में जाना जाता है, उसमें हेरफेर करके विदेश से की जा रही हैं.

इन फर्जी कॉलों का इस्तेमाल वित्तीय घोटाले, सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करने और दहशत फैलाने के लिए किया गया है. दूरसंचार विभाग/ट्राई अधिकारियों द्वारा मोबाइल नंबर बंद करने, फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियां, कूरियर में ड्रग्स/मादक पदार्थ, पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने, सेक्स रैकेट में गिरफ्तारी आदि की धमकी देने वाले साइबर अपराध के मामले भी सामने आए हैं.

संचार विभाग (डीओटी) और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने मिलकर एक प्रणाली तैयार की है, जिसके तहत ऐसी फर्जी अंतर्राष्ट्रीय कॉलों की पहचान की जाएगी तथा उन्हें भारतीय दूरसंचार उपभोक्ताओं तक पहुंचने से रोका जाएगा.

सरकार ने कहा कि "इतने बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, ऐसे मामले हो सकते हैं, जहां धोखेबाज दूसरे तरीकों से सफल हो जाते हैं. ऐसी कॉल के लिए, आप संचार साथी पर चक्षु सुविधा पर ऐसे संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्ट करके मदद कर सकते हैं." यह नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी से बचाने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा उठाया गया एक और कदम है, क्योंकि सिस्टम आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉल की पहचान करता है और उन्हें ब्लॉक करता है.

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को भारतीय फोन नंबरों पर आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉलों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक नई स्पैम-ट्रैकिंग प्रणाली की घोषणा की. इस प्रणाली को चालू कर दिया गया है और चालू होने के 24 घंटे के भीतर ही भारतीय फोन नंबरों पर आने वाली सभी अंतर्राष्ट्रीय कॉलों में से लगभग 1.35 करोड़ या 90 प्रतिशत को फर्जी कॉल के रूप में पहचान लिया गया.

इसके बाद दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा उन्हें भारतीय दूरसंचार उपभोक्ताओं तक पहुंचने से रोक दिया गया. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'अंतर्राष्ट्रीय इनकमिंग स्पूफ्ड कॉल्स रोकथाम प्रणाली' का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह सुरक्षित डिजिटल स्पेस बनाने और नागरिकों को साइबर अपराध से बचाने की दिशा में सरकार का एक और प्रयास है.

इस प्रणाली के लागू होने से भारतीय दूरसंचार उपभोक्ताओं को +91 नंबर वाली ऐसी फर्जी कॉल में उल्लेखनीय कमी देखने को मिलेगी. साइबर अपराधी भारतीय मोबाइल नंबर (+91) प्रदर्शित करके अंतर्राष्ट्रीय फर्जी कॉल करके अपराध कर रहे हैं. ये कॉल भारत के भीतर से आती हुई प्रतीत होती हैं, लेकिन वास्तव में कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (CLI) या जिसे आमतौर पर फोन नंबर के रूप में जाना जाता है, उसमें हेरफेर करके विदेश से की जा रही हैं.

इन फर्जी कॉलों का इस्तेमाल वित्तीय घोटाले, सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करने और दहशत फैलाने के लिए किया गया है. दूरसंचार विभाग/ट्राई अधिकारियों द्वारा मोबाइल नंबर बंद करने, फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियां, कूरियर में ड्रग्स/मादक पदार्थ, पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने, सेक्स रैकेट में गिरफ्तारी आदि की धमकी देने वाले साइबर अपराध के मामले भी सामने आए हैं.

संचार विभाग (डीओटी) और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने मिलकर एक प्रणाली तैयार की है, जिसके तहत ऐसी फर्जी अंतर्राष्ट्रीय कॉलों की पहचान की जाएगी तथा उन्हें भारतीय दूरसंचार उपभोक्ताओं तक पहुंचने से रोका जाएगा.

सरकार ने कहा कि "इतने बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, ऐसे मामले हो सकते हैं, जहां धोखेबाज दूसरे तरीकों से सफल हो जाते हैं. ऐसी कॉल के लिए, आप संचार साथी पर चक्षु सुविधा पर ऐसे संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्ट करके मदद कर सकते हैं." यह नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी से बचाने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा उठाया गया एक और कदम है, क्योंकि सिस्टम आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉल की पहचान करता है और उन्हें ब्लॉक करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.