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अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज का एनएमसी ने नहीं किया निरीक्षण - Ambikapur News

अंबिकापुर के राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल (Ambikapur Medical College) कॉलेज की मान्यता के लिए एनएमसी के निरीक्षण को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. अब अगले 15 दिनों के भीतर टीम नहीं आई तो मेडिकल कॉलेज के पांचवे सत्र की मान्यता खटाई में पड़ सकती है.

मेडिकल कॉलेज
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Published : Sep 10, 2021, 11:10 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: अंबिकापुर के राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज (Ambikapur Medical College) की मान्यता के लिए एनएमसी के निरीक्षण को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. अब अगले 15 दिनों के भीतर टीम नहीं आई तो मेडिकल कॉलेज के पांचवे सत्र की मान्यता के लिए परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इस बीच देश और राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों मे प्रवेश लेने वाले छात्रों को सीट आबंटित करने वाली संस्था एमसीसी ने कॉलेज प्रबंधन से सीटों की उपलब्धता को लेकर जानकारी मांगी है. जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन की चिंता और बढ़ गई है.

मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा एनएमसी को पत्र लिखकर इस संदर्भ में वस्तु स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि अभी भी सीटों के रिनुअल के लिये समय बचा हुआ है और अब तक किसी भी कॉलेज में निरीक्षण नहीं हुआ है.

गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद से दो बार जीरो ईयर हो चुका है और दो बार ही मान्यता मिल पाई है. इस बार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा शिक्षा सत्र 2020- 22 के पांचवें सत्र की मान्यता के लिए एनएमसी को आवेदन करने के साथ ही निरीक्षण के लिए भी राशि जमा कर दी थी. इसके साथ ही कालेज प्रबंधन द्वारा उपलब्ध संसाधनों, फैकल्टी की उपलब्धता व अन्य जानकारियों को भी साझा किया गया था. अस्तित्व में आने के पहले ही नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम को मेडिकल कॉलेज में मान्यता के लिए निरीक्षण पर आना है. जिसे लेकर कॉलेज प्रबंधन द्वारा बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है.

प्रबंधन के अनुसार फिलहाल 10 से 11% फैकल्टी की कमी है. जिसमें मुख्य रुप से प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर सहित अन्य फैकल्टी की कमी है. हालांकि कॉलेज प्रबंधक का कहना है कि अभी और नये फैकल्टी को लाने का प्रयास चल रहा है. इसके साथ ही एनएमसी भी फैकल्टी की कमी को काफी हद तक कंसीडर करती है.

एनएमसी देती है मान्यता
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार इस वर्ष एनएमसी ने रिन्यूवल वाले पुराने कॉलेजों का निरीक्षण ही नहीं किया है. इस वर्ष प्रदेश के उन कॉलेजों का ही निरीक्षण एनएमसी ने किया है. कहां सीटों में वृद्धि करने है या नए कॉलेज की स्थापना करनी है. हालांकि एमबीबीएस अंतिम वर्ष की परीक्षा के दौरान एनएमसी ने ऑनलाइन माध्यम से निरीक्षण किया था और कॉलेज में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी मांगी थी.


सीटों की जांच करती है एमसीसी

मेडिकल काउंसलिंग कमेटी एमसीसी मेडिकल कॉलेज में सीटों की उपलब्धता कि अखिल भारतीय स्तर पर जांच जबकि एनएमसी का काम कॉलेजों को मान्यता देना है. मान्यता प्राप्त कॉलेज में सीट बंटवारे का काम एमसीसी करती है और एमसीसी ने राजमाता देवेंद्र कुमार सिंह देव मेडिकल कॉलेज से भी सीटों की उपलब्धता के विषय में जानकारी मांगी है ताकि अगले सत्र में छात्रों के लिये सीट अलॉट किया जा सके, लेकिन मेडिकल कॉलेज में एनएमसी का निरीक्षण ही नहीं हुआ है. ऐसे में कॉलेज प्रबंधन ने एनएमसी से जानकारी मांगी है. मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए अभी भी 20-25 सितंबर तक का समय है और हमने अपनी ओर से पूरी तैयारी कर ली है.

सरगुजा: अंबिकापुर के राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज (Ambikapur Medical College) की मान्यता के लिए एनएमसी के निरीक्षण को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. अब अगले 15 दिनों के भीतर टीम नहीं आई तो मेडिकल कॉलेज के पांचवे सत्र की मान्यता के लिए परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इस बीच देश और राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों मे प्रवेश लेने वाले छात्रों को सीट आबंटित करने वाली संस्था एमसीसी ने कॉलेज प्रबंधन से सीटों की उपलब्धता को लेकर जानकारी मांगी है. जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन की चिंता और बढ़ गई है.

मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा एनएमसी को पत्र लिखकर इस संदर्भ में वस्तु स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि अभी भी सीटों के रिनुअल के लिये समय बचा हुआ है और अब तक किसी भी कॉलेज में निरीक्षण नहीं हुआ है.

गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद से दो बार जीरो ईयर हो चुका है और दो बार ही मान्यता मिल पाई है. इस बार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा शिक्षा सत्र 2020- 22 के पांचवें सत्र की मान्यता के लिए एनएमसी को आवेदन करने के साथ ही निरीक्षण के लिए भी राशि जमा कर दी थी. इसके साथ ही कालेज प्रबंधन द्वारा उपलब्ध संसाधनों, फैकल्टी की उपलब्धता व अन्य जानकारियों को भी साझा किया गया था. अस्तित्व में आने के पहले ही नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम को मेडिकल कॉलेज में मान्यता के लिए निरीक्षण पर आना है. जिसे लेकर कॉलेज प्रबंधन द्वारा बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है.

प्रबंधन के अनुसार फिलहाल 10 से 11% फैकल्टी की कमी है. जिसमें मुख्य रुप से प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर सहित अन्य फैकल्टी की कमी है. हालांकि कॉलेज प्रबंधक का कहना है कि अभी और नये फैकल्टी को लाने का प्रयास चल रहा है. इसके साथ ही एनएमसी भी फैकल्टी की कमी को काफी हद तक कंसीडर करती है.

एनएमसी देती है मान्यता
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार इस वर्ष एनएमसी ने रिन्यूवल वाले पुराने कॉलेजों का निरीक्षण ही नहीं किया है. इस वर्ष प्रदेश के उन कॉलेजों का ही निरीक्षण एनएमसी ने किया है. कहां सीटों में वृद्धि करने है या नए कॉलेज की स्थापना करनी है. हालांकि एमबीबीएस अंतिम वर्ष की परीक्षा के दौरान एनएमसी ने ऑनलाइन माध्यम से निरीक्षण किया था और कॉलेज में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी मांगी थी.


सीटों की जांच करती है एमसीसी

मेडिकल काउंसलिंग कमेटी एमसीसी मेडिकल कॉलेज में सीटों की उपलब्धता कि अखिल भारतीय स्तर पर जांच जबकि एनएमसी का काम कॉलेजों को मान्यता देना है. मान्यता प्राप्त कॉलेज में सीट बंटवारे का काम एमसीसी करती है और एमसीसी ने राजमाता देवेंद्र कुमार सिंह देव मेडिकल कॉलेज से भी सीटों की उपलब्धता के विषय में जानकारी मांगी है ताकि अगले सत्र में छात्रों के लिये सीट अलॉट किया जा सके, लेकिन मेडिकल कॉलेज में एनएमसी का निरीक्षण ही नहीं हुआ है. ऐसे में कॉलेज प्रबंधन ने एनएमसी से जानकारी मांगी है. मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए अभी भी 20-25 सितंबर तक का समय है और हमने अपनी ओर से पूरी तैयारी कर ली है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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