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सरगुजा में 26, 27 मई को तूफान 'यास' को लेकर अलर्ट - यास का असर

सरगुजा संभाग में 'यास' तूफान को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर सावधान रहने के संकेत दिए हैं. बुधवार और गुरुवार को यास तूफान का प्रभाव रहेगा.

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सरगुजा में यास से सतर्क रहने मौसम विभाग ने किया अलर्ट जारी
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Published : May 25, 2021, 12:40 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: पूरे संभाग में 'यास' तूफान को लेकर मौसम विभाग ने संकेत दिये हैं. इसके असर के संकेत देते हुए सावधान रहने के सुझाव भी मौसम विभाग ने दिए हैं. मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने बताया कि यास का प्रभाव 26, 27 मई को उत्तर पूर्वी सरगुजा संभाग में रहेगा. चक्रवाती तूफान के ट्रैक के अनुसार इन दिनों 25 नॉट अर्थात 45 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली तेज हवाओं का अनुमान है. इन चक्रवाती हवाओं के कारण मेघ गर्जन के साथ बारिश की संभावना रहेगी. विशेष कर जशपुर, बलरामपुर, सरगुजा जिलों में निचले क्षेत्रों में रहने वालों को विशेष सावधानी बरतनी होगी.

जानें हवाओं की रफ्तार से कितना हो सकता है नुकसान

ब्युफोर्ट स्केल में हवा की गति, 39 से 49 किमी प्रति घंटा

जब हवा की गति 40 किमी प्रति घंटे तक हो जाती है तो उसे स्ट्रांग ब्रीज कहा जाता है. इसमें पेड़ों के बड़े-बड़े डंगल भी हिलने लगते हैं. उनसे साँय-साँय जैसी सीटी की आवाज आने लगती हैं. बिजली के तार झूलने लगते हैं. धूल के साथ कंकड़ भी ऊपर उठ सकते हैं.

यास चक्रवात के चलते छत्तीसगढ़ के मौसम में हो सकता है बदलाव

50 से 61 किमी प्रति घंटा

इस गति की हवा को नियर गेल कहते हैं. इसमें पूरा पेड़ ही हिलने लगता है. हवा की दिशा के विपरीत चलना कठिन हो जाता है. छत के खप्पर उलटने लगते हैं. घरों पर लगे कपड़े के झंडे फटने लगते हैं.

62 से 74 किमी प्रति घंटा – गेल विंड

गेल विंड में पेड़ों की टहनियां टूटने लगती हैं. हवा की दिशा के विपरीत दोपहिया गाड़ियों को चलाना मुश्किल हो जाता है. घर के बाहर रखे सामान तेजी से हवा की दिशा में दूर तक लुढ़कते चले जाते हैं. छत के खप्पर अस्त व्यस्त हो जाते हैं.

75 से 88 किमी प्रति घंटा – स्ट्रांग गेल

इस रफ्तार की हवा से चिमनी को क्षति पहुंचना शुरू हो जाता है. हल्के कच्चे मकान के दीवार गिरने लगते हैं. छत के एस्बेस्टस, टीन के शेड उखड़ कर अलग हो जाते हैं या उड़ने लगते हैं. बाहर रखी दोपहिया, चारपहिया वाहन भी लुढ़क सकते हैं.

89 से 102 किमी प्रति घंटा – स्टॉर्म विंड

स्टॉर्म के आने पर पेड़ उखड़ जाते हैं, झोपड़े, कच्चे मकान गिरने लगते हैं. बिजली के खम्भे, टावर, वाच हाउस तक गिर सकते हैं.

103 से 117 किमी प्रति घंटा – वायलेंट स्टॉर्म

इसमें पक्के मकान तक गिर सकते हैं.

118 किमी प्रति घंटा या अधिक – हरिकेन

इसमें भूमि पर स्थित किसी भी प्रकार के स्ट्रक्चर, वस्तु, वाहन, जहाज को ध्वस्त कर सकने के सामर्थ्य होता है.

सरगुजा: पूरे संभाग में 'यास' तूफान को लेकर मौसम विभाग ने संकेत दिये हैं. इसके असर के संकेत देते हुए सावधान रहने के सुझाव भी मौसम विभाग ने दिए हैं. मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने बताया कि यास का प्रभाव 26, 27 मई को उत्तर पूर्वी सरगुजा संभाग में रहेगा. चक्रवाती तूफान के ट्रैक के अनुसार इन दिनों 25 नॉट अर्थात 45 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली तेज हवाओं का अनुमान है. इन चक्रवाती हवाओं के कारण मेघ गर्जन के साथ बारिश की संभावना रहेगी. विशेष कर जशपुर, बलरामपुर, सरगुजा जिलों में निचले क्षेत्रों में रहने वालों को विशेष सावधानी बरतनी होगी.

जानें हवाओं की रफ्तार से कितना हो सकता है नुकसान

ब्युफोर्ट स्केल में हवा की गति, 39 से 49 किमी प्रति घंटा

जब हवा की गति 40 किमी प्रति घंटे तक हो जाती है तो उसे स्ट्रांग ब्रीज कहा जाता है. इसमें पेड़ों के बड़े-बड़े डंगल भी हिलने लगते हैं. उनसे साँय-साँय जैसी सीटी की आवाज आने लगती हैं. बिजली के तार झूलने लगते हैं. धूल के साथ कंकड़ भी ऊपर उठ सकते हैं.

यास चक्रवात के चलते छत्तीसगढ़ के मौसम में हो सकता है बदलाव

50 से 61 किमी प्रति घंटा

इस गति की हवा को नियर गेल कहते हैं. इसमें पूरा पेड़ ही हिलने लगता है. हवा की दिशा के विपरीत चलना कठिन हो जाता है. छत के खप्पर उलटने लगते हैं. घरों पर लगे कपड़े के झंडे फटने लगते हैं.

62 से 74 किमी प्रति घंटा – गेल विंड

गेल विंड में पेड़ों की टहनियां टूटने लगती हैं. हवा की दिशा के विपरीत दोपहिया गाड़ियों को चलाना मुश्किल हो जाता है. घर के बाहर रखे सामान तेजी से हवा की दिशा में दूर तक लुढ़कते चले जाते हैं. छत के खप्पर अस्त व्यस्त हो जाते हैं.

75 से 88 किमी प्रति घंटा – स्ट्रांग गेल

इस रफ्तार की हवा से चिमनी को क्षति पहुंचना शुरू हो जाता है. हल्के कच्चे मकान के दीवार गिरने लगते हैं. छत के एस्बेस्टस, टीन के शेड उखड़ कर अलग हो जाते हैं या उड़ने लगते हैं. बाहर रखी दोपहिया, चारपहिया वाहन भी लुढ़क सकते हैं.

89 से 102 किमी प्रति घंटा – स्टॉर्म विंड

स्टॉर्म के आने पर पेड़ उखड़ जाते हैं, झोपड़े, कच्चे मकान गिरने लगते हैं. बिजली के खम्भे, टावर, वाच हाउस तक गिर सकते हैं.

103 से 117 किमी प्रति घंटा – वायलेंट स्टॉर्म

इसमें पक्के मकान तक गिर सकते हैं.

118 किमी प्रति घंटा या अधिक – हरिकेन

इसमें भूमि पर स्थित किसी भी प्रकार के स्ट्रक्चर, वस्तु, वाहन, जहाज को ध्वस्त कर सकने के सामर्थ्य होता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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