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"टारगेट" का सेकेंड डोज...! बिना वैक्सीनेशन आया मैसेज, आपका सेकेंड डोज कंप्लीट है सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लें

जिले में एक युवक के मोबाइल पर कोरोना की सेकेंड डोज लिये बिना ही सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लेने का मैसेज आ गया. जबकि उसने सेकेंड डोज ली ही नहीं है. ऐसे में वह काफी परेशान हो गया और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करने लगा, लेकिन अप्लाई नहीं हो सका. कहीं यह पूरा मामला सेकेंड डोज के वैक्सीनेशन के टारगेट को पूरा करने का तो नहीं है...!

Message arrived without vaccine
बिना वैक्सीन लिये आ गया मैसेज
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Published : Sep 27, 2021, 9:06 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : बिना किसी काम के अनुभव के अगर प्रमाणपत्र (Certificate) मिल जाए तो लोग फूले नहीं समाते. लेकिन कभी-कभी बिना काम किये या कराए प्रमाणपत्र का मिल जाना जी का जंजाल भी बन जाता है. ऐसा ही एक वाकया हुआ है जिले के एक शख्स के साथ. बिना कोरोना की दूसरी डोज (Second Dose of Corona) लिये ही उसके मोबाइल पर सेकेंड डोज कंप्लीट हो जाने का मैसेज आ गया. मैसेज में वैक्सीनेशन (Vaccination) कंप्लीट होने के बाद सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लेने को कह दिया गया, जबकि अभी तक वह सेकेंड डोज नहीं ले पाया है. इसके बाद से ही वह शख्स काफी परेशान है.

बिना वैक्सीन लिये आ गया मैसेज

मोबाइल पर मैसेज देख घबरा गया युवक

दरअसल अम्बिकापुर के सत्तीपारा निवासी भानू प्रताप सिंह को बीते 23 सितंबर को मोबाइल पर एक मैसेज आया. जिसमें लिखा हुआ था कि आपका कोविशील्ड वैक्सीन का दूसरा डोज कंप्लीट हो चुका है, नीचे दिये गये लिंक से सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लें. यह मैसेज देखकर युवक घबरा गया और नजदीकी टीकाकरण केंद्र पहुंचा. उसने अपने मोबाइल से दूसरे डोज के रजिस्ट्रेशन का प्रयास भी किया, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ. स्वास्थ्य विभाग के कम्प्यूटर के हिसाब से उसे दूसरी डोज लग चुकी थी तो ऐसे में उसका रजिस्ट्रेशन होता भी कैसे. लिहाजा उसे निराश लौटना पड़ा.


वैक्सीन लगना जरूरी, मैसेज आना न आना जरूरी नहीं

हालांकि इस मामले में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ राजेश भजगावली ने बताया कि मैसेज आने कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर किसी के साथ ऐसा हुआ है तो उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज जरूर लगेगी. कम्प्यूटर है, हो सकता है कहीं कुछ गलती हो गई होगी. लेकिन जरूरी है वैक्सीन लगना, मैसेज आना या न आना जरूरी नहीं है.


यह कहीं टारगेट पूरा करने की साजिश तो नहीं !

बहरहाल जिले में ऐसे न जाने कितने मामले होंगे. कितनों को इस तरह का मैसेज आया होगा. ये तो एक मामला है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर ये सवाल उठ रहे हैं कि कहीं जान-बूझकर तो ऐसी इंट्री नहीं की जा रही है. कहीं सेकेंड डोज का टारगेट पूरा करने के चक्कर में तो जबरन पुराने डाटा की सेकेंड डोज में एंट्री तो नहीं की जा रही है. क्योंकि सरगुजा जिला सेकेंड डोज के वैक्सीनेशन में काफी पीछे है. कुछ दिन पहले तक 50 प्रतिशत ही वैक्सिनेशन जिले में सेकेंड डोज का हो सका था. इस खबर को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया भी था.

सरगुजा : बिना किसी काम के अनुभव के अगर प्रमाणपत्र (Certificate) मिल जाए तो लोग फूले नहीं समाते. लेकिन कभी-कभी बिना काम किये या कराए प्रमाणपत्र का मिल जाना जी का जंजाल भी बन जाता है. ऐसा ही एक वाकया हुआ है जिले के एक शख्स के साथ. बिना कोरोना की दूसरी डोज (Second Dose of Corona) लिये ही उसके मोबाइल पर सेकेंड डोज कंप्लीट हो जाने का मैसेज आ गया. मैसेज में वैक्सीनेशन (Vaccination) कंप्लीट होने के बाद सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लेने को कह दिया गया, जबकि अभी तक वह सेकेंड डोज नहीं ले पाया है. इसके बाद से ही वह शख्स काफी परेशान है.

बिना वैक्सीन लिये आ गया मैसेज

मोबाइल पर मैसेज देख घबरा गया युवक

दरअसल अम्बिकापुर के सत्तीपारा निवासी भानू प्रताप सिंह को बीते 23 सितंबर को मोबाइल पर एक मैसेज आया. जिसमें लिखा हुआ था कि आपका कोविशील्ड वैक्सीन का दूसरा डोज कंप्लीट हो चुका है, नीचे दिये गये लिंक से सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लें. यह मैसेज देखकर युवक घबरा गया और नजदीकी टीकाकरण केंद्र पहुंचा. उसने अपने मोबाइल से दूसरे डोज के रजिस्ट्रेशन का प्रयास भी किया, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ. स्वास्थ्य विभाग के कम्प्यूटर के हिसाब से उसे दूसरी डोज लग चुकी थी तो ऐसे में उसका रजिस्ट्रेशन होता भी कैसे. लिहाजा उसे निराश लौटना पड़ा.


वैक्सीन लगना जरूरी, मैसेज आना न आना जरूरी नहीं

हालांकि इस मामले में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ राजेश भजगावली ने बताया कि मैसेज आने कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर किसी के साथ ऐसा हुआ है तो उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज जरूर लगेगी. कम्प्यूटर है, हो सकता है कहीं कुछ गलती हो गई होगी. लेकिन जरूरी है वैक्सीन लगना, मैसेज आना या न आना जरूरी नहीं है.


यह कहीं टारगेट पूरा करने की साजिश तो नहीं !

बहरहाल जिले में ऐसे न जाने कितने मामले होंगे. कितनों को इस तरह का मैसेज आया होगा. ये तो एक मामला है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर ये सवाल उठ रहे हैं कि कहीं जान-बूझकर तो ऐसी इंट्री नहीं की जा रही है. कहीं सेकेंड डोज का टारगेट पूरा करने के चक्कर में तो जबरन पुराने डाटा की सेकेंड डोज में एंट्री तो नहीं की जा रही है. क्योंकि सरगुजा जिला सेकेंड डोज के वैक्सीनेशन में काफी पीछे है. कुछ दिन पहले तक 50 प्रतिशत ही वैक्सिनेशन जिले में सेकेंड डोज का हो सका था. इस खबर को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया भी था.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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