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डायल 112 में सुविधाओं की अभाव, बिना स्ट्रेचर मरीजों को ला रहे कर्मचारी

सुविधाओं की अभाव से डायल 112 के कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कर्मचारियों को सुविधाएं नहीं मिलने से मरीजों को अस्पताल तक लाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.

डायल 112 में सुविधाओं की अभाव
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Published : Sep 20, 2019, 5:30 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में इमरजेंसी सर्विस के लिए सिंगल हेल्पलाइन नंबर 4 सितम्बर 2018 में शुरु किया गया था, जिससे लोगों को सुविधा मिल सके. लेकिन डॉयल 112 को सुविधा के अभाव में एक्सीडेंट, जहरखुरानी जैसे मामलों में मरीजों को लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सुविधाओं के अभाव से मरीजों को बिना स्ट्रेचर के ले जाया जाता है.

डायल 112 में सुविधाओं की अभाव

पढ़ें : सरगुजा: स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में जमीन पर लिटाकर हो रहा मरीजों का इलाज

बता दें कि छत्तीसगढ़ में डायल 112 की शुरुआत की गई थी, जिससे लोगों को तत्काल पुलिस सेवा मिल सके, लेकिन डायल 112 में 108 की तरह सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, जिसस काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. डायल 112 में न ही मरीजों को लिटाने के लिए कोई व्यवस्था है और न ही एमरजेंसी के लिए ऑक्सीजन, जिससे डायल 112 के कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

स्टैक्चर तक की नहीं है सुविधा
डायल 112 के चालक रवि प्रसाद राजवाड़े की माने तो डायल 112 वाहन में सभी प्रकार की पुलिस सेवा के लिए किया जाता है, लेकिन वाहन में न ही स्टैक्चर है न ही ऑक्सीजन है, ऐसे में गंभीर मरीजों को उठाना और अस्पताल तक पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

डबलिंग व्यवस्था में किया जाएगा सुधार
मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि छत्तीसगढ के 11 जिलों में 108 और 102, 112 के माध्यम से ही संचालित की जाती हैं. 102 और 108 सेवा देने वाली एजेंसी के पास करीब 250 गाड़ियां हैं, जो 112 के माध्यम से ही संचालित होती हैं, लेकिन डबलिंग व्यवस्था के कारण यहां परेशानियां हो रही हैं, क्योंकि 112 का संचालन पुलिस विभाग के हाथ में होता है, लेकिन इन दोनों के बीच में जो गैप है उसे दूर किया जाएगा.

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में इमरजेंसी सर्विस के लिए सिंगल हेल्पलाइन नंबर 4 सितम्बर 2018 में शुरु किया गया था, जिससे लोगों को सुविधा मिल सके. लेकिन डॉयल 112 को सुविधा के अभाव में एक्सीडेंट, जहरखुरानी जैसे मामलों में मरीजों को लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सुविधाओं के अभाव से मरीजों को बिना स्ट्रेचर के ले जाया जाता है.

डायल 112 में सुविधाओं की अभाव

पढ़ें : सरगुजा: स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में जमीन पर लिटाकर हो रहा मरीजों का इलाज

बता दें कि छत्तीसगढ़ में डायल 112 की शुरुआत की गई थी, जिससे लोगों को तत्काल पुलिस सेवा मिल सके, लेकिन डायल 112 में 108 की तरह सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, जिसस काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. डायल 112 में न ही मरीजों को लिटाने के लिए कोई व्यवस्था है और न ही एमरजेंसी के लिए ऑक्सीजन, जिससे डायल 112 के कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

स्टैक्चर तक की नहीं है सुविधा
डायल 112 के चालक रवि प्रसाद राजवाड़े की माने तो डायल 112 वाहन में सभी प्रकार की पुलिस सेवा के लिए किया जाता है, लेकिन वाहन में न ही स्टैक्चर है न ही ऑक्सीजन है, ऐसे में गंभीर मरीजों को उठाना और अस्पताल तक पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

डबलिंग व्यवस्था में किया जाएगा सुधार
मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि छत्तीसगढ के 11 जिलों में 108 और 102, 112 के माध्यम से ही संचालित की जाती हैं. 102 और 108 सेवा देने वाली एजेंसी के पास करीब 250 गाड़ियां हैं, जो 112 के माध्यम से ही संचालित होती हैं, लेकिन डबलिंग व्यवस्था के कारण यहां परेशानियां हो रही हैं, क्योंकि 112 का संचालन पुलिस विभाग के हाथ में होता है, लेकिन इन दोनों के बीच में जो गैप है उसे दूर किया जाएगा.

Intro:सरगुजा - छत्तीसगढ़ मे डॉयल 112 को किसी भी पुलिस सम्बन्धी सहायता के लिए बड़ी भूमिका निभाती है लेकिन सुविधा के अभाव में डायल 112 को एक्सीडेंट, जहरखुरानी जैसे मामलों में मरीजों को लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि इनके पास 108 की तरह सुविधाएं नहीं है पूरे छत्तीसगढ़ में डायल 112 की शुरुआत की गई थी जिससे लोगों को तत्काल पुलिस सेवा मिल सके वही एक्सीडेंट जहरखुरानी जैसे अन्य मामलों को भी डायल 112 के द्वारा हॉस्पिटल तक मरीजों को पहुंचा सके परंतु इनके पास 108 की तरह सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डायल 112 में ना ही मरीजों को लिटाने के लिए कोई व्यवस्था होती है ना एमरजैंसी के लिए ऑक्सीजन जिससे डायल 112 के कर्मचारी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।





Body:छत्तीसगढ़ में इमरजंसी सर्विस के लिए सिंगल हेल्पलाइन नंबर 4 सितम्बर 2018 में रायपुर , महासमुंद्र ,दुर्ग, कोरबा, जांजगीर ,रायगढ़ ,जगदलपुर और सरगुजासहित कुल 8 जिले शुरुआत किया गया है ये बताया गया था की आपको जब भी पुलिस संबंधित मदद की जरूरत हो, आप खतरे में हों या कोई गंभीर रूप से घायल हो गया हो, तो तुरंत 112 नंबर डायल कर सकते है . इसके अलावा अगर आपके सामने मारपीट, हत्या, डकैती या हंगामे जैसे गंभीर क्राइम हो रहे हों, तो भी आप 112 पर डायल कर सकते हैं.
इससे पहले इन सभी सुविधाओं के लिए अलग-अलग नंबर डायल करने होते थे. पुलिस (100), एंबुलेंस सेवा (108), वुमन हेल्पलाइन नंबर (1090) और फायर स्टेशन (101) जैसे जरूरी नंबरों को अलग-अलग सेवा दिया किया करते थे.

वही अब इस एमरजेंसी सुविधा में प्रयाप्त संसाधन नहीं होने से डायल 112 वाहन में सेवा दे रहे कर्मचरियो को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है डायल 112 के चालक रवि प्रसाद राजवाड़े की माने तो ड़याल 112 वाहन में सभी प्रकार की पुलिस सेवा के लिए किया जाता है लेकिन वाहन में न ही स्टैक्चर है न ही ऑक्सीजन है ऐसे में गंभीर मरीजों को उठाना और अस्पताल तक पहुंचाने में काफी समस्या होती है यहां तक की वाहन में मेडिकल सुविधा की व्यवस्था की सुविधा भी नहीं है जिसके कारण तत्काल किसी मरीजों को प्राथमिक उपचार किया जा सके






Conclusion:छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव का भी मानना है कि छत्तीसगढ के 11 जिलों में 108 एवं 102, 112 के द्वारा ही संचालित की जाती हैं। 102 और 108 सेवा देने वाली एजेंसी के पास करीब 250 गाड़ियां है जो 112 के माध्यम से ही संचालित होती हैं। लेकिन डबलिंग व्यवस्था के कारण यह परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं क्योंकि 112 का संचालन पुलिस विभाग के हाथ में होता है लेकिन इन दोनों के बीच में जो गैप है उसे दूर करना होगा।

बरहाल जब तक स्वास्थ्य मंत्री डबलिंग व्यवस्था में सुधार नहीं लाते हैं तब तक 112 के माध्यम से लाने वाले मरीजों को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है अब यह देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग गृही विभाग से किस प्रकार से इस डबलिंग व्यवस्था में सुधार कार्य करती है और 112 के माध्यम से लाने वाले मरीजों को सुविधा कब तक दे पाती है यह देखने वाली बात होगी।


बाईट_01_ रवि प्रसाद राजवाड़े डायल 112 चालक दरिमा

बाईट_02_टी.एस.सिंहदेव स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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