सरगुजा: छत्तीसगढ़ में इमरजेंसी सर्विस के लिए सिंगल हेल्पलाइन नंबर 4 सितम्बर 2018 में शुरु किया गया था, जिससे लोगों को सुविधा मिल सके. लेकिन डॉयल 112 को सुविधा के अभाव में एक्सीडेंट, जहरखुरानी जैसे मामलों में मरीजों को लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सुविधाओं के अभाव से मरीजों को बिना स्ट्रेचर के ले जाया जाता है.
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बता दें कि छत्तीसगढ़ में डायल 112 की शुरुआत की गई थी, जिससे लोगों को तत्काल पुलिस सेवा मिल सके, लेकिन डायल 112 में 108 की तरह सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, जिसस काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. डायल 112 में न ही मरीजों को लिटाने के लिए कोई व्यवस्था है और न ही एमरजेंसी के लिए ऑक्सीजन, जिससे डायल 112 के कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
स्टैक्चर तक की नहीं है सुविधा
डायल 112 के चालक रवि प्रसाद राजवाड़े की माने तो डायल 112 वाहन में सभी प्रकार की पुलिस सेवा के लिए किया जाता है, लेकिन वाहन में न ही स्टैक्चर है न ही ऑक्सीजन है, ऐसे में गंभीर मरीजों को उठाना और अस्पताल तक पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
डबलिंग व्यवस्था में किया जाएगा सुधार
मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि छत्तीसगढ के 11 जिलों में 108 और 102, 112 के माध्यम से ही संचालित की जाती हैं. 102 और 108 सेवा देने वाली एजेंसी के पास करीब 250 गाड़ियां हैं, जो 112 के माध्यम से ही संचालित होती हैं, लेकिन डबलिंग व्यवस्था के कारण यहां परेशानियां हो रही हैं, क्योंकि 112 का संचालन पुलिस विभाग के हाथ में होता है, लेकिन इन दोनों के बीच में जो गैप है उसे दूर किया जाएगा.