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GST पर केंद्र सरकार राज्यों के साथ नहीं कर रही न्याय, जुलाई 2022 में हक देने की कर रही बात: टी एस सिंहदेव

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Published : Oct 7, 2021, 11:02 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

केंद्र सरकार ने 2022 में जीएसटी से राज्य का हक देने को कहा है. जब जीएसटी आया तो राज्यों को कर लगाने का जो अधिकार था. वो जीएसटी काउंसिल में निहित कर दिया गया. जिससे छत्तीसगढ़ को प्रतिवर्ष करीब साढ़े तीन हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है.

Exclusive conversation with TS Singh Deo
टीएस सिंह देव से खास बातचीत

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में मची सियासी हलचल के बीच स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव (Health and Panchayat Minister TS Singhdeo) अम्बिकापुर पहुंचे. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री तमाम स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल हुए और फिर विशेष विमान से भोपाल स्थिति निवास के लिये प्रस्थान कर गये. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने ETV भारत से बातचीत की.

टीएस सिंह देव से खास बातचीत

बातचीत में उन्होंने विधायकों की दिल्ली दौड़ पर हंसते हुये कहा,- ये तो विधायक ही बता पायेंगे क्यों गये थे दिल्ली? वहीं सीएम बदलाव के प्रश्न पर उनका जवाब आज भी वही है, जो दिल्ली से लौटने के बाद राजधानी में उन्होंने पहली बार मास्क उतारकर दिया था.

सवाल: शहर की सड़कों को लेकर विपक्ष हमलावर है, कहां चूक हो रही है?

जवाब: विरोध करना विपक्ष का लोकतांत्रिक अधिकार (Democratic Rights) है, उन्हें जरूर विरोध करना चाहिये, ये बात भी सही है कि पिछले कुछ दिनों से अम्बिकापुर की सड़कों की हालत ठीक नहीं हैं, लेकिन इसके लिये टेंडर की प्रक्रिया हो चुकी है. कई अलग-अलग सड़कों की प्रक्रिया चल रही है. विभागीय मंत्री से चर्चा हुई हैं, उन्होंने 5 करोड़ की स्वीकृति नए भवन के लिये दी है. सड़कों के लिये भी राशि स्वीकृत करने की बात हुई है. वैसे बारिश के मौसम में सड़क का डामरीकरण करना संभव नहीं हैं. ये बात तो सभी जानते हैं, बारिश भी इस वर्ष लंबी चली है. लेकिन बारिश के रुकते ही उम्मीद है कि नगर निगम जल्द ही सड़क की मरम्मत काम शुरू करेगा. इसके साथ ही अगर कहीं गड्ढे हैं तो उसे नगर निगम को भरने का काम करना चाहिये.

बृहस्पति को 'बाबा' की नसीहत, ऐसा हुआ तो सत्ता नहीं विपक्ष को मिलेगा लाभ

सवाल: केंद्रीय वित्तमंत्री (Union Finance Minister) ने कहा की सिर्फ छत्तीसगढ़ का पैसा नही बल्कि पूरे देश के अन्य राज्यों का पैसा रोक कर रखा है?

जवाब: उन्होंने हंसते हुए कहा कि ये तो कोई नंबर मिलने वाली बात नहीं है, अगर उन्होंने पैसा रोका है. इसी के लिए तो हम लोग लगातार बात उठाते रहे हैं, कि जब जीएसटी आया तो राज्यों को कर लगाने का जो अधिकार था. वो जीएसटी काउंसिल में निहित कर दिया गया. जिससे छत्तीसगढ़ को हर साल करीब साढ़े तीन हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. अगर वैट का समय रहता तो, उस समय जीएसटी पर सभी राज्यों की सहमति इसलिए बनी की. हर साल 14% इनकम टोटल में हर वर्ष 14 % बढ़ाना तय हुआ और हर 2 महीने में राज्यों को इसकी राशि उपलब्ध कराने की बात यह हुई. स्थिति ऐसी बनी कि जब निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री (Finance Minister Nirmala Sitharaman) बनी. उस समय देश की जीडीपी 2 % आ गई.

अब राज्यों की क्षति पूर्ति के लिये केंद्र सरकार को लोन लेकर ये राज्यों को देना था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि जो लोन या ब्याज केंद्र सरकार पटायेगी वो अलग से नहीं पटायेगी वो जीएसटी काउंसिल का जो सेस एकाउंट (Cess Account) है उससे पटायेगी. उन्होंने क्या किया है कि हर 2 महीने में हमारी राशि देने के जगह कहा है कि जब सेस से राशि आएगी. तब जुलाई 2022 में वो राशि देंगे. तो यर गलत नीति है आम तौर पर लोग इसे समझ नही पाते तो निर्मला जी कुछ भी बोलकर निकल गई. अपने तरफ से उन्होंने अपनी बात कही सच्ची बात नही रखी.

सवाल: उत्तर प्रदेश की घटना पर क्या प्रतिक्रिया है, प्रियंका गांधी और भूपेश बघेल को रोका गया?

जवाब: घटना निंदनीय है, आंदोलनरत किसानों की मांगों को नहीं मानना है तो, किसी तरीके से इनकी मांगों को नहीं मानने की जिद में किसी भी हद तक जा के देश की राजधानी को खुद ही सरकार ने घेर दिया, बड़े बड़े गड्डे़ बना दिये, रास्तों में रोक लगा दी. वैसी स्थिती में अपनी मांगों को लेकर किसानों को आंदोलन करना पड़ा, तो सत्ता पक्ष की जो मानसिकता है वो इस घटना से झलकती है, चाहे हमको कुछ भी करना पड़ जाए, एक वीडियो आया था मंत्री जी का की हमको आता है ठीक करना है, ये उनकी मानसिकता को झलक रही है, रौंद दो मर जाये तो मर जाये, जो भी इस घटना में संलिप्त है उन पर अब तक कार्रवाई हो जानी चाहिए थी. लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई तो प्रियंका गांधी ने अपनी जवाब दारी समझी और वहां गई तो उन्हें रोक दिया गया.

सवाल: छत्तीसगढ़ का हर व्यक्ति बार बार यह जानना चाहता है कि बदलाव कहां अटका हुआ है और विधायकों की दौड़ बार बार दिल्ली क्यों?

जवाब: इसमें बोलने को कुछ नया नहीं है. मैंने पहले भी कहा था कि जब मैं दिल्ली से आया था, सभी नागरिकों के लिए मैंने बात रखी थी मामला हाई कमान के पास है मुख्यमंत्री बदलना या नहीं बदलना ये उनके पास है. समय-समय पर ऐसे निर्णय होते हैं कोई फॉर्मूले की बात छोड़ दीजिये किसी सहमति की बात छोड़ दीजिये सहमति बनी हो नहीं बनी हो. इसके बाद भी बदलाव होते हैं, हमने देखा भाजपा के तीन राज्यों में मुख्यमंत्री बदल गए, पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री बदल गये, तो कहीं कुछ कहीं कुछ बदलाव करना या नहीं करना ये हाई कमान का फैसला रहता है.

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में मची सियासी हलचल के बीच स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव (Health and Panchayat Minister TS Singhdeo) अम्बिकापुर पहुंचे. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री तमाम स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल हुए और फिर विशेष विमान से भोपाल स्थिति निवास के लिये प्रस्थान कर गये. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने ETV भारत से बातचीत की.

टीएस सिंह देव से खास बातचीत

बातचीत में उन्होंने विधायकों की दिल्ली दौड़ पर हंसते हुये कहा,- ये तो विधायक ही बता पायेंगे क्यों गये थे दिल्ली? वहीं सीएम बदलाव के प्रश्न पर उनका जवाब आज भी वही है, जो दिल्ली से लौटने के बाद राजधानी में उन्होंने पहली बार मास्क उतारकर दिया था.

सवाल: शहर की सड़कों को लेकर विपक्ष हमलावर है, कहां चूक हो रही है?

जवाब: विरोध करना विपक्ष का लोकतांत्रिक अधिकार (Democratic Rights) है, उन्हें जरूर विरोध करना चाहिये, ये बात भी सही है कि पिछले कुछ दिनों से अम्बिकापुर की सड़कों की हालत ठीक नहीं हैं, लेकिन इसके लिये टेंडर की प्रक्रिया हो चुकी है. कई अलग-अलग सड़कों की प्रक्रिया चल रही है. विभागीय मंत्री से चर्चा हुई हैं, उन्होंने 5 करोड़ की स्वीकृति नए भवन के लिये दी है. सड़कों के लिये भी राशि स्वीकृत करने की बात हुई है. वैसे बारिश के मौसम में सड़क का डामरीकरण करना संभव नहीं हैं. ये बात तो सभी जानते हैं, बारिश भी इस वर्ष लंबी चली है. लेकिन बारिश के रुकते ही उम्मीद है कि नगर निगम जल्द ही सड़क की मरम्मत काम शुरू करेगा. इसके साथ ही अगर कहीं गड्ढे हैं तो उसे नगर निगम को भरने का काम करना चाहिये.

बृहस्पति को 'बाबा' की नसीहत, ऐसा हुआ तो सत्ता नहीं विपक्ष को मिलेगा लाभ

सवाल: केंद्रीय वित्तमंत्री (Union Finance Minister) ने कहा की सिर्फ छत्तीसगढ़ का पैसा नही बल्कि पूरे देश के अन्य राज्यों का पैसा रोक कर रखा है?

जवाब: उन्होंने हंसते हुए कहा कि ये तो कोई नंबर मिलने वाली बात नहीं है, अगर उन्होंने पैसा रोका है. इसी के लिए तो हम लोग लगातार बात उठाते रहे हैं, कि जब जीएसटी आया तो राज्यों को कर लगाने का जो अधिकार था. वो जीएसटी काउंसिल में निहित कर दिया गया. जिससे छत्तीसगढ़ को हर साल करीब साढ़े तीन हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. अगर वैट का समय रहता तो, उस समय जीएसटी पर सभी राज्यों की सहमति इसलिए बनी की. हर साल 14% इनकम टोटल में हर वर्ष 14 % बढ़ाना तय हुआ और हर 2 महीने में राज्यों को इसकी राशि उपलब्ध कराने की बात यह हुई. स्थिति ऐसी बनी कि जब निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री (Finance Minister Nirmala Sitharaman) बनी. उस समय देश की जीडीपी 2 % आ गई.

अब राज्यों की क्षति पूर्ति के लिये केंद्र सरकार को लोन लेकर ये राज्यों को देना था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि जो लोन या ब्याज केंद्र सरकार पटायेगी वो अलग से नहीं पटायेगी वो जीएसटी काउंसिल का जो सेस एकाउंट (Cess Account) है उससे पटायेगी. उन्होंने क्या किया है कि हर 2 महीने में हमारी राशि देने के जगह कहा है कि जब सेस से राशि आएगी. तब जुलाई 2022 में वो राशि देंगे. तो यर गलत नीति है आम तौर पर लोग इसे समझ नही पाते तो निर्मला जी कुछ भी बोलकर निकल गई. अपने तरफ से उन्होंने अपनी बात कही सच्ची बात नही रखी.

सवाल: उत्तर प्रदेश की घटना पर क्या प्रतिक्रिया है, प्रियंका गांधी और भूपेश बघेल को रोका गया?

जवाब: घटना निंदनीय है, आंदोलनरत किसानों की मांगों को नहीं मानना है तो, किसी तरीके से इनकी मांगों को नहीं मानने की जिद में किसी भी हद तक जा के देश की राजधानी को खुद ही सरकार ने घेर दिया, बड़े बड़े गड्डे़ बना दिये, रास्तों में रोक लगा दी. वैसी स्थिती में अपनी मांगों को लेकर किसानों को आंदोलन करना पड़ा, तो सत्ता पक्ष की जो मानसिकता है वो इस घटना से झलकती है, चाहे हमको कुछ भी करना पड़ जाए, एक वीडियो आया था मंत्री जी का की हमको आता है ठीक करना है, ये उनकी मानसिकता को झलक रही है, रौंद दो मर जाये तो मर जाये, जो भी इस घटना में संलिप्त है उन पर अब तक कार्रवाई हो जानी चाहिए थी. लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई तो प्रियंका गांधी ने अपनी जवाब दारी समझी और वहां गई तो उन्हें रोक दिया गया.

सवाल: छत्तीसगढ़ का हर व्यक्ति बार बार यह जानना चाहता है कि बदलाव कहां अटका हुआ है और विधायकों की दौड़ बार बार दिल्ली क्यों?

जवाब: इसमें बोलने को कुछ नया नहीं है. मैंने पहले भी कहा था कि जब मैं दिल्ली से आया था, सभी नागरिकों के लिए मैंने बात रखी थी मामला हाई कमान के पास है मुख्यमंत्री बदलना या नहीं बदलना ये उनके पास है. समय-समय पर ऐसे निर्णय होते हैं कोई फॉर्मूले की बात छोड़ दीजिये किसी सहमति की बात छोड़ दीजिये सहमति बनी हो नहीं बनी हो. इसके बाद भी बदलाव होते हैं, हमने देखा भाजपा के तीन राज्यों में मुख्यमंत्री बदल गए, पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री बदल गये, तो कहीं कुछ कहीं कुछ बदलाव करना या नहीं करना ये हाई कमान का फैसला रहता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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