सरगुजा: केन्द्र सरकार (Central government) द्वारा जारी की गई स्वच्छ भारत मिशन (Clean India Mission) की शुरुआत के बाद देश में कई जगहों पर सफाई पर पूरा फोकस किया गया. वहीं, एक बार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण (cleanliness survey) के परिणाम आने वाले हैं. 20 नवम्बर को देश के राष्ट्रपति के हाथों राजधानी दिल्ली में सबसे स्वच्छ प्रदेशों व निकायों को सम्मानित किया जाएगा. जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस बार अवार्ड लेने जा रहे हैं.
दरअसल, छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) लगातार तीन वर्षों से देश के सबसे स्वच्छ शहर में अपना नाम दर्ज करा रहा है. इस बार भी उम्मीद की जा रही है यह खिताब छत्तीसगढ़ को ही मिलेगा. प्रदेश को मिलने वाले इस खिताब की वजह प्रदेश की अम्बिकापुर (Ambikapur) नगर निगम रही है. जिसने पूरे देश को कचरा प्रबंधन (waste management) सिखाया है और अम्बिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) के इस कार्य को मूर्त रूप देने में सबसे अहम भूमिका निभाई है स्वच्छता दीदियों (cleanliness didis ) ने. जिनके बूते निकाय और पूरा प्रदेश डोर टू डोर कचरा कलेक्शन (door to door garbage collection) और इस कचरे का प्रबंधन (waste management) करता है.
प्रदेश में 9 हजार स्वच्छता दीदी कार्यरत
बताया जा रहा है कि अम्बिकापुर नगर निगम में लगभग 450 और प्रदेश में 9 हजार स्वच्छता दीदी कार्यरत हैं, जो इस पूरे स्वच्छता मॉडल को सम्हाल रही हैं. एक बार फिर वो घड़ी आ गई है जब शहरी विकास मंत्रालय इस अवार्ड की घोषणा करेगा. साथ ही देश के राष्ट्रपति के हाथों राज्य व निकाय पुरुष्कृत होंगे. स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में परिणाम चाहे जो भी आये लेकिन अम्बिकापुर की स्वच्छता दिदिया के लिए यह वर्ष गौरव पूर्ण रहने वाला है.
राजस्थान जाकर दो दिदिया देंगी सफाई की ट्रेनिंग
वहीं, अब तक अम्बिकापुर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा देश के अन्य राज्यों व अधिकारियों को कचरा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाता रहा है. हालांकि इस बार पहला मौका है, जब अम्बिकापुर की दो स्वच्छता दीदी राजस्थान सरकार की निकायों के अधिकारियों को प्रशिक्षण देंगी. दरअसल, अम्बिकापुर से 2 स्वच्छता दीदी जो यहां से दिल्ली और फिर दिल्ली से राजस्थान जाएंगी और वहां 3 दिन रहकर स्थानीय निकायों व सरकार के प्रतिनिधियों को कचरा प्रबंधन की ट्रेनिंग देंगी.
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कचरे के सेग्रीगेशन की योजना हुई थी शुरू
बताया जा रहा है कि 2014 में जब अम्बिकापुर की तत्कालीन कलेक्टर ऋतु सेन ने महिला समूहों के माध्यम से एक नवाचार के रूप में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और कचरे के सेग्रीगेशन की योजना शुरू की थी तब किसी ने भी नही सोंचा था एक छोटा सा दिखने वाला यह काम जिले और प्रदेश का मान इतना बढ़ायेगा लेकिन बीतते वक्त के साथ 2017 मे प्रदेश की तत्कालीन रमन सरकार ने अम्बिकापुर के इस मॉडल को मिशन क्लीन सिटी नाम देकर पूरे प्रदेश में लागू कर दिया और 2017 से छत्तीसगढ़ की अन्य निकायों में भी यह कार्य शुरू किया गया. तो अम्बिकापुर लगातार कीर्तिमान रचता गया और छत्तीसगढ़ प्रदेश भी स्वच्छता के क्षेत्र में पहले पायदान पर पहुंच गया, महिला समूहों के रूप में कार्य करते हुये देश भर में उत्कृष्ट कार्य करने का बेस्ट लाइवलीहुड अवार्ड भी अम्बिकापुर की महिला समूहों को 2019 में दिया जा चुका है.
दूसरे प्रदेशों में देंगी ट्रेनिंग
वहीं, अब ये महिला भी दूसरे प्रदेश के लोगों को ट्रेनिंग देने वाली है. अम्बिकापुर नगर निगम द्वारा अन्य प्रदेशों से ट्रेनिंग लेने आने वाले लोगों के लिए स्वच्छता दीक्षा सेंटर भी बना रखा है. जिसमे बाहर के प्रतिनिधियों को कांफ्रेंस और डिस्प्ले के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है. देश भर के लगभग हर राज्य के प्रतिनिधि यहाँ आकर प्रशिक्षण ले चुके हैं यहां तक की नेपाल सरकार के मुख्य सचिव भी अपनी टीम के साथ यहां आकर ट्रेनिंग ले चुके हैं, जबकी हर वर्ष आईएएस ट्रेनिंग अकेडमी मसूरी के नए बैच के आईएएस भी यहां हर वर्ष इस स्वच्छता मॉडल को देखने अम्बिकापुर आते हैं.
स्वच्छता श्रृंगार योजना के माध्यम से समूह की दिदिया को रोजगार
साल 2020 सर्वेक्षण में कचरे का कलेक्शन एव निपटान के साथ वेस्ट रिडक्शन हेतु अंबिकापुर में कई नवाचार किए गए, प्लास्टिक से दाना, सीमेंट प्लांट हेतु आर डी एफ, दीदी बर्तन बैंक, नेकी की दीवार आदि का प्रयोग कर जनसहभागिता सुनिश्चित किया गया. इस सर्वेक्षण में अंबिकापुर द्वारा तरल अपशिष्ट प्रबंधन में नालियों के पानी के उपचार हेतु प्राकृतिक पद्धति का प्रयोग कर वाटर रिसाइकलिंग के क्षेत्र में कार्य किया गया. उपचारित जल का प्रयोग निर्माण कार्य एवम् उद्यानों में किया जाता है.नगर के 36 सार्वजनिक एवम् सामुदायिक शौचालयों का सौंदर्यीकरण करके बेहतरीन सुविधा सुनिश्चित की गई, स्वच्छता श्रृंगार योजना के माध्यम से समूह की दीदियों को रोजगार के साथ शौचालय संचालन की व्यवस्था की गई. नगर से निकलने वाले मल प्रबंधन हेतु एफ एस टी पी प्लांट की स्थापना की गई.
यूं किया जाता है कचरों का निष्पादन
वहीं, नगर के 3000 से ज्यादा परिवारों द्वारा होम कम्पोस्टिंग के द्वारा गीले कचरे का घरों में निष्पादन किया जा रहा है. निगम द्वारा तैयार खाद का विक्रय कर आय अर्जन ओर जैविक खेती को बढ़ावा देने में भी कार्य हो रहा है. नगर में निकलने वाले मलबे के प्रोसेसिंग कर विभिन उत्पाद तैयार किए जा रहे है. स्वच्छता दीदियों द्वारा कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी नगर के स्वच्छता अभियान में उत्कृष्ट कार्य किया गया है. निकाय के जनप्रतिनिधि, अधिकारी/कर्मचारी, स्वच्छता दीदियों, द्वारा जन सहयोग से अंबिकापुर को स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी बनाए रखने के लिए कार्य किया गया है. निगम द्वारा किए गए कार्य एवम् नागरिक फीडबैक के आधार पर अंबिकापुर को भारत सरकार द्वारा 1 लाख से 10 लाख जनसंख्या श्रेणी में देश में प्रथम स्थान से पुरस्कृत किया गया था.
ये शहर है अव्वल
अंबिकापुर नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 में दो लाख की जनसंख्या में देश में प्रथम एवं पूरे देश में 15वे स्थान में था।अंबिकापुर नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में दो लाख की जनसंख्या में देश में प्रथम, बेस्ट प्रैक्टिस इनोवेशन में देश में अव्वल एवं पूरे देश में 11वे स्थान में था. अंबिकापुर नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में दो लाख की जनसंख्या में देश में प्रथम एवं पूरे देश में द्वितीय स्थान में था और 5 स्टार रेटिंग से पुरस्कृत किया गया था. इस वर्ष 2020 में हैट्रिक से भी एक कदम आगे जाते हुए अंबिकापुर अपने श्रेणी में लगातार चौथी बार देश में प्रथम स्थान पर रहा है, 1 लाख से 10 लाख के जनसंख्या के शहरो में अंबिकापुर अव्वल रहा.