सरगुजा: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार चली गई. अब बीजेपी की सरकार आ गई है. ऐसे में अब कांग्रेस सरकार की तरफ से की गई घोषणाओं को लेकर जनता में काफी चिंता है. सबसे ज्यादा चिंता कर्मचारियों में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर है. अब इस पेंशन स्कीम का क्या होगा. ऐसे में कर्मचारियों को ये डर सता रहा है कि कहीं भाजपा फिर से नेशनल पेंशन स्कीम लागू ना कर दे. कोई भी कर्मचारी सियासी मसले पर खुलकर बोलने को तैयार तो नहीं है, लेकिन ऑफ रिकॉर्ड कर्मचारी इस डर को बयां कर रहे हैं.
ओल्ड पेंशन स्कीम पर जानकार क्या कहते हैं: ओल्ड पेंशन स्कीम पर जानकारों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो जानिए उन्होंने क्या कहा ?
"नेशनल पेंशन स्कीम देश हित में हैं, अर्थ शास्त्री प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी यह माना था कि ओल्ड पेंशन स्कीम बंद करने से सरकार के खजाने का बोझ कम होता है और इससे अर्थ व्यवस्था को मजबूती मिलती है. नेशनल पेंशन स्कीम में लांग टाइम इन्वेस्टमेंट में बेहतर लाभ कर्मचारियों को होता है": अभिषेक शर्मा, कर मामलों के वकील
कर्मचारी ओपीएस को बता रहे फायदेमंद: इसके ठीक उलट कर्मचारी संगठन OPS को ही कर्मचारी हित में बता रहे हैं. उनका कहना है कि इसलिए तो देश भर में कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. शासकीय कर्मचारी को एनपीएस से कोई लाभ नहीं होना है. अगर सरकार इसे खत्म करती है तो फैसला कर्मचारियों के हित में नहीं होगा.
"ओल्ड पेंशन स्कीम ही हमेशा से कर्मचारियों के हित में है. नेशनल पेंशन स्कीम में शासकीय कर्मचारियों का कोई लाभ नही है. इसमे लाभ उनको है जो कॉरपोरेट सेक्टर में बड़ी सैलरी पर काम करते हैं, उनका अंशदान अधिक कटता है. छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में जहां कर्मचारियों का वेतन ही 10 हाजर से 40 और 50 हजार होता है. ये सिर्फ उन अधिकारियों के हित मे जिनको केंद्रीय वेतन मान मिलता है. अधिक वेतन मिलने पर अधिक कटौती होती है और लंबे समय में उसका अच्छा रिटर्न NPS में मिलता है": सर्वजीत पाठक, छत्तीसगढ़ कर्मचारी नेता
ओपीएस पर क्या कहते हैं जानकार: टेक्सेसन एडवोकेट अभिषेक शर्मा कहते है. "असल मे नेशनल पेंशन स्कीम बाजार बेस्ड है. इसमे केंद्र सरकार ने सूची बनाई थी उसके आधार पर लंबे समय मे कर्मचारियों को अच्छा लाभ होना था. जो लोग ओपीएस में चले गये हैं इनकी तुलना में एनपीएस में जो लोग रहेंगे उनको आगामी समय मे ज्यादा फायदा होगा ये मेरी व्यक्तिगत सोंच है"
पैसे का हिसाब किताब कैसे होगा:टेक्सेसन एडवोकेट अभिषेक शर्मा ने कहा कि" छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने PFRD एक्ट में ये प्रावधान नहीं किया कि अगर कोई एनपीएस में चला गया. तो वह ओपीएस में कैसे आएगा. या फिर से ओपीएस में आता है तो उसकी राशि कैसे लौटाई जायेगी. इन्होंने शपथ पत्र में वित्तीय दावा की बात की थी, इन्होंने शपथ पत्र तो ले लिया लेकिन इसका स्पष्टीकरण नहीं दिया. सिर्फ ये बोला कि आपको पेंशन में दिक्कत हो जाएगी. ये नहीं बताया कि किस पेंशन में NPS में या OPS में दिक्कत होगी"
छत्तीसगढ़ के कर्मचारी क्या चाहते हैं: छत्तीसगढ़ के कर्मचारी किसी भी सूरत में नहीं चाहते हैं कि ओल्ड पेंशन स्कीम को हटाया जाए. एक्सपर्ट नेशनल पेंशन स्कीम को फायदेमंद बता रहे हैं. लेकिन कर्मचारी नेता ओल्ड पेंशन स्कीम को सही बता रहे हैं. कर्मचारियों की तरफ से ओल्ड पेंशन स्कीम को नहीं बदलने की मांग की गई है.